धातु एवं अधातु - क्लास दसवीं विज्ञान

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Formation of chemical bond by metal and non-metal

एक धातु दूसर अधातु के साथ प्रतिक्रिया कर बंध (Bond) बनाता है ऐसे बंधों (bonds) को रासायनिक बंध (Chemical bond) कहते हैं।

रासायनिक बंध (Chemical bond) तरीकों से बनता है:

(a) इलेक्टॉन के स्थानांतरण (Transfer) के द्वारा

(b) इलेक्ट्रॉन के योगदान (Sharing) के द्वारा

इलेक्टॉन के स्थानांतरण (Transfer) के द्वारा रासायनिक बंध (Chemical bond) का बनना

इलेक्टॉन के स्थानांतरण (Transfer) के द्वारा रासायनिक बंध (Chemical bond) के बनने के लिय कम से कम दो परमाणुओं की आवश्यकता होती है। इलेक्टॉन के स्थानांतरण (Transfer) में एक परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन खोया जाता है तथा दूसरे परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन प्राप्त किया जाता है। परमाणु जो इलेक्ट्रॉन देता है या खोता है को दाता तथा परमाणु जो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है को प्राप्त्कर्ता कहा जाता है।

इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण द्वारा बने हुए बंध को आयनिक बंध या इलेक्ट्रोवैलेंट बंध कहते हैं। तथा इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण द्वारा बने हुए यौगिक को आयनिक यौगिक या इलेक्ट्रोवैलेंट यौगिक कहते हैं।

इलेक्ट्रॉन को खोने या प्राप्त करने के बाद परमाणु पर विद्युत आवेश आ जाता है।

आयन (Ions)

वैद्युत रूप से आविशित परमाणु को आयन कहा जाता है। जैसे कि सोडियम आयन [sodium ion (Na+)], पोटैशियम आयन [potassium ion (K+)], मैग्निशियम आयन [magnesium ion (Mg++)], क्लोराईड आयन [Chloride ion (Cl)], ऑक्साईड आयन [oxide ion (O2–))], आदि।

आयन के प्रकार

आयन दो प्रकार के होते हैं। धनावेशिय आयन तथा ॠणावेशित आयन

धनावेशिय आयन या कैटायन

परमाणु जिनपर धन आवेश होता है को धनावेशिय आयन या कैटायन कहा जाता है।

धनावेशिय आयन या कैटायन का बनना

एक परमाणु जब इलेक्ट्रॉन खोता है तो उसपर धन आवेश आ जाता है। परमाणु पर धन आवेश की संख्या इलेक्ट्रॉन खोने की संख्या के बराबर होता है। अर्थात यदि परमाणु एक इलेक्ट्रॉन खोता है तो उसपर एक धन आवेश, यदि दो इलेक्ट्रॉन खोता है तो उसपर दो धन आवेश, यदि तीन इलेक्ट्रॉन खोता है तो उसपर तीन धन आवेश आ जाता है इत्यादि।

उदाहरण

(1) हाइड्रोजन आयन Hydrogen Ion (H+)

हाइड्रोजन के एक परमाणु खोने के कारण उसपर एक धन आवेश आ जाता है। धनावेशित हाईड्रोजन के परमाणु को हाईड्रोजन आयन कहते हैं। हाइड्रोजन परमाणु की बाहरी कक्षा में एक ही इलेक्ट्रान है अत: हाईड्रोजन केवल एक ही इलेक्ट्रॉन खो सकता है।

H – e = H+

(2) सोडियम आयन Sodium ion (Na+)

Na – e = Na+

(3)कैल्शियम आयन Calcium ion (Ca+ +)

Ca – 2e = Ca+ +

चूँकि कैल्शियम दो इलेक्ट्रॉन खोता है, अत: कैल्शियम के परमाणु पर दो धन आवेश आ जाता है।

(4)मैग्नेशियम आयन Magnesium ion (Mg+ +)

Mg – 2e= Mg+ +

बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रान है अत: मैग्निशियम अपनी बाहरी कक्षा का दो इलेक्ट्रॉन खोकर स्थाई इलेक्टॉनिक विन्यास प्राप्त करता है।

ॠणावेशित आयन या एनायन

ॠणात्मक आवेश वाले परमाणु को ॠणावेशित आयन या एनायन कहते हैं।

जब परमाणु इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है तो उसपर ॠण आवेश आ जाता है। परमाणु पर ॠण आवेश की संख्या उसके इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की संख्या के बराबर होता है अर्थात यदि परमाणु एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है तो उसपर एक ॠण आवेश, दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की स्थिति दो ॠण आवेश, आदि आ जाता है।

उदाहरण:

(1)क्लोराईड आयन Chloride Ions (Cl )

Cl + e = Cl 

क्लोरीन की बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या सात है, अत% क्लोरीन एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है। एक इलेक्ट्रॉन खोने के कारण क्लोरीन पर एक ॠण आवेश आ जाता है।

(2)ऑक्साईड आयन Oxide Ion (O – –)

O + 2e = O – –

ऑक्सीजन की बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या छ: है, जिसके कारण ऑक्सीजन हमेशा दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने की कोशिश में रहता है। अत: दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने के बाद ऑक्सीजन पर दो ॠण आवेश आ जाने के बाद इसे ऑक्साईड आयन कहा जाता है।

परमाणु द्वारा ॠण या धन आवेश प्राप्त करने के कारण

किसी भी परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या बराबर होती है। इलेक्ट्रॉन ॠणावेशित तथा प्रोटॉन धन आवेशित होता है। इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या अर्थात ॠण आवेश तथा धन आवेश की संख्या बराबर होने के कारण एक परमाणु वैद्युत रूप से उदासीन रहता है।

जब कोई परमाणु एक इलेक्ट्रॉन खोता है तो उसमें वर्तमान प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉन की संख्या से एक ज्यादा हो जाती है, अर्थात धन आवेश ॠण आवेश से एक ज्यादा हो जाता है जिसके कारण परमाणु पर एक धन आवेश आ जाता है।

एटॉमिक नम्बर = इलेक्ट्रॉन की संख्या = प्रोटॉन की संख्या

Example

हाईड्रोजन

हाईड्रोजन का एटॉमिक नम्बर = 1

इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

प्रोटॉन की संख्या = 1

हाईड्रोजन द्वारा एक इलेक्ट्रॉन खोने के बाद, इलेक्ट्रॉन की संख्या शून्य हो जाती है तथा प्रोटॉन की संख्या एक बनी रहती है। प्रोटॉन, जो कि धन आवेशित होता है की संख्या इलेक्ट्रॉन की संख्या से एक ज्यादा हो जाने के कारण हाईड्रोजन पर एक धन आवेश आ जाता है, अर्थात हाईड्रोजन आयन [hydrogen ion (H+)] बनाता है।

क्लोरीन

क्लोरीन का एटॉमिक नम्बर = 17

क्लोरीन में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 17

क्लोरीन में प्रोटॉन की संख्या = 17

क्या होता है जब क्लोरीन एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है?

जब क्लोरीन का परमाणु एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है तो इलेक्ट्रॉन की संख्या 18 हो जाती है जबकि प्रोटॉन की संख्या 17 ही रहती है, इस स्थिति में ॠण आवेश की संख्या धन आवेश से एक ज्यादा हो जाती है, जिसके कारण क्लोरीन पर एक ॠण आवेश आ जाता है। इस तरह क्लोराईड आयन [chloride ion (Cl )] बनता है।

ऑक्सीजन

ऑक्सीजन का एटामिक नम्बर = 8

ऑक्सीजन में इलेक्ट्रॉन की संख्या= 8

ऑक्सीजन में प्रोटॉन की संख्या = 8

जब ऑक्सीजन दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है तो इलेक्ट्रॉन की संख्या 10 (दस) हो जाती है लेकिन प्रोटॉन की संख्या 8 (आठ) ही रहती है अर्थात ॠण आवेश की संख्या धन आवेश से दो ज्यादा हो जाती है। ॠण आवेश की संख्या धन आवेश से दो ज्यादा हो जाने के कारण ऑक्सीजन पर दो ॠण आवेश आ जाता है। इस तरह ऑक्साईड आयन [oxide ion (O– –.)] बनता है।

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