धातु एवं अधातु - क्लास दसवीं विज्ञान

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Ionic Bond or Electrovalent Bond

आयनिक या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड

एक परमाणु (Atom) के द्वारा दूसरे परमाणु पर इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण (Transfer of electron) के कारण बनने वाले रासायनिक बांड (Chemical bond) को आयनिक बांड (Ionic bond) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (Electrovalent bond) कहते हैं। ऐसे बांड (Bond) को आयनिक बांड (Ionic bond) इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह दो आयनों (Ions) के मिलने से बनता है और इन्हें इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (Electrovalent bond) इसलिये कहा जाता है क्योंकि ये बांड दो इलेक्ट्रिकली आवेशित कणों (Electrically charged particles) के मिलने से बनता है।

जब एक धातु (metal) एक अधातु (non metal) के साथ प्रतिक्रिया करता है तो वे आयनिक बंध (Ionic bond) बनाते हैं तथा बनने वाला यौगिक (compound) आयनिक यौगिक (Ionic compound) कहलाता है। धातु की अधातु के साथ प्रतिक्रिया के फलस्वरूप दोनों एक दूसरे के साथ इलेक्ट्रोस्टैटिक फोर्स के आकर्षण (Electrostatic force of attraction) से बंध जाते हैं, ऐसे बंध को रासायनिक बंध (Chemical bond) कहते हैं।

उदाहरण:

सोडियम क्लोराईड का [NaCl (Sodium Chloride)] बनना

सोडियम [ Na (Sodium) ], जो कि एक धातु है, की परमाणु संख्या = 11

सोडियम [ Na (Sodium) ] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 1

सोडियम [ Na (Sodium) ] में संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) की संख्या = 1

क्लोरीन [Chlorine (Cl)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या (Atomic number) = 17

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) की संख्या = 7

Formation of sodium chloride

सोडियम धातु स्थाई इलेक्ट्रॉनिस विन्यास (Electronic configuration) प्राप्त करने के लिय हमेशा बाहरी कक्षा (outermost orbit) में 8 इलेक्ट्रॉन (electron) पूरा करना चाहता है। चूँकि सोडियम (Sodium) की बाहरी कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन है, अत: सोडियम एक इलेक्ट्रॉन आसानी से खो (loose) सकता है, अत: सोडियम (Sodium) अपनी बाहरी कक्षा से (Outermost orbit) एक इलेक्ट्रॉन खोकर सोडियम आयन [sodium ion (Na+)] बनाता है जो कि धनावेशित (positively charged) होता है।

वहीं दूसरी ओर क्लोरीन (Chlorine) जिसकी बाहरी कक्षा (outermost orbit) में सात इलेक्ट्रॉन (electron) है, स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Stable electronic configuration) पाने के लिये हमेशा 8 इलेक्ट्रॉन (electron) पूरा करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन पाने (gain) के लिये तत्पर रहता है।

अत: सोडियम क्लोराईड (Sodium chloride) बनाने के क्रम में सोडियम (Sodium) एक इलेक्ट्रॉन (Electron) खोता है तथा उसे क्लोरीन (Chlorine) को स्थानांतरित (Transfer) कर देता है। सोडियम (Sodium) द्वारा एक इलेक्ट्रॉन (Electron) खोने से इसकी बाहरी कक्षा (Outermost orbit) में 8 इलेक्ट्रॉन (electron) हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर एक इलेक्ट्रॉन पाने से क्लोरीन की बाहरी कक्षा में भी 8 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं तथा दोनों परमाणु स्थाई (stable) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त कर लेते हैं।

एक इलेक्ट्रॉन (electron) खोने के कारण सोडियम (sodium) पर एक धन आवेश (positive charge) आ जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन (electron) प्राप्त करने के कारण क्लोरीन (Chlorine) पर एक ॠण आवेश (negative charge) आ जाता है। उसके बाद सोडियम आयन [sodium ion (Na +)] तथा क्लोरीन आयन [chloride ion (Cl)] के योग के कारण सोडियम क्लोराईड बनता है। सोडियम आयन [sodium ion (Na +)] का एक धन आवेश (positive charge) तथा क्लोरीन आयन [chloride ion (Cl)] का एक ॠण आवेश (negative charge) मिलकर सोडियम क्लोराईड (sodium chloride) को वैद्युत (electrically) रूप से उदासीन (neutral) बना देते हैं।

चूँकि सोडियम क्लोराईड [Sodium chloride (NaCl)] दो आयन (ions) के मिलने से बनता है अत: इसमें उपस्थित बंध (bond) आयनिक बांड (Ionic bond) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (electrovalent bond) कहलाता है। तथा सोडियम क्लोराईड (sodium chloride) आयनिक (ionic) या इलेक्ट्रोवैलेंट (electrovalent) यौगिक (compound) कहलाता है।

पोटैशियम क्लोराईड [KCl (Potassium Chloride)] का बनना

पोटैशियम [Potassium (K) ], जो कि एक धातु है, की परमाणु संख्या = 19

पोटैशियम [Potassium (K) ] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास = 2, 8, 8, 1

पोटैशियम [Potassium (K) ] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

क्लोरीन [Chlorine (Cl)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या = 17

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

Formation of potassium chloride

पोटैशियम क्लोराईड [ KCl (Potassium chloride)] में बना हुआ बंध (bond) आयनिक बांड (Ionic bond) या वैद्युत संयोजक बंध (electrovalent) कहलाता है। तथा पोटैशियम क्लोराईड [ KCl (Potassium chloride)] आयनिक यौगिक (Ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट यौगिक (Electrovalent compound) कहलाता है।

मैग्निशियम क्लोराईड [MgCl2 (Magnesium chloride)] का बनना

मैग्निशियम [Magnesium (Mg) ], जो कि एक धातु है, की परमाणु संख्या = 12

मैग्निशियम [Magnesium (Mg) ] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास = 2, 8, 2

मैग्निशियम [Magnesium (Mg) ] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2

क्लोरीन [Chlorine (Cl)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या = 17

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

Formation of magnesium chloride

मैग्निशियम क्लोराईड [Magnesium Chloride (MgCl2) ] में बना बंध (bond) आयनिक बंध (Ionic bond) या वैद्युत संयोजक बंध (electrovalent bond) कहलाता है तथा इस तरह बना हुआ कम्पाउंड विद्युत संयोजक कम्पाउंड (electrovalent compound) या आयनिक कम्पाउंड (ionic compound) कहलाता है।

कैल्शियम क्लोराईड [calcium chloride (CaCl2)] का बनना

[Calcium (Ca)] की परमाणु संख्या = 20

[Calcium (Ca)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 8, 2

[Calcium (Ca)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) = 2

क्लोरीन [Chlorine (Cl)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या = 17

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

Formation of calcium chloride

चूँकि कैल्शियम क्लोराईड (Calcium chloride) में बांड (bond) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण (transfer of electron) से बनता है अत: ये बांड (bond) आयनिक (Ionic) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (electrovalent bond) कहलाते हैं, तथा इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण से बना हुआ यौगिक (compound) आयनिक कम्पाउंड (ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट कम्पाउंड (electrovalent compound) कहलाता है।

कैल्शियम ब्रोमाईड [Clacium Bromide (CaBr2)] का बनना

कैल्शियम [Calcium (Ca)] का एटामिक नम्बर = 20

[Calcium (Ca)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 8, 2

[Calcium (Ca)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) = 2

ब्रोमीन [Bromine (Br)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या (Atomic number) = 35

ब्रोमीन [Bromine (Br)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 18, 7

ब्रोमीन [Bromine (Br)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

Formation of calcium bromide

कैल्शियम ब्रोमाईड [Calcium bromide (CaBr)] को आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट कम्पाउंड (Electrovalent compound) कहा जाता है। तथा कैल्शियम ब्रोमाईड [Calcium bromide (CaBr)] में आयनिक बांड (Ionic bond) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (electrovalent bond) होता है।

मैग्निशिय ब्रोमाईड [Magnesium Bromine (MgBr2)] का बनना

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का एटामिक नम्बर = 12

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 2

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) = 2

ब्रोमीन [Bromine (Br)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या (Atomic number) = 35

ब्रोमीन [Bromine (Br)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 18, 7

ब्रोमीन [Bromine (Br)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) की संख्या = 7

Formation of magnesium bromide

कैल्शियम ब्रोमाईड [Calcium bromide (CaBr)] को आयनिक कम्पाउंड (ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट कम्पाउंड (electrovalent compound) कहा जाता है। तथा कैल्शियम ब्रोमाईड [Calcium bromide (CaBr)] में आयनिक बांड (ionic bond) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (electrovalent bond) होता है।

मैग्निशिय ब्रोमाईड [Magnesium Bromine (MgBr2)] में बांड चूँकि इलेक्ट्रॉन (electron) के स्थानांतरण (transfer) द्वारा बनता है अत: ऐसे बांड आयनिक बांड (Ionic bond) या इलेक्ट्रोवैलेंट बांड (electrovalent bond) कहलाते है। तथा मैग्निशिय ब्रोमाईड [Magnesium Bromine (MgBr2)] को आयनिक कम्पाउंड (ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट कम्पाउंड (electrovalent compound) कहते हैं।

मैग्निशियम फ्लोराईड [Magnesium fluoride (MgF2)] का बनना

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का एटामिक नम्बर = 12

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 2

मैग्निशियम [Magnesium (Mg)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electron) = 2

फ्लोरीन [Fluorine (F)], जो कि एक अधातु है, की परमाणु संख्या (Atomic number) = 9

फ्लोरीन [Fluorine (F)] का इलोक्ट्रोनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 7

फ्लोरीन [Fluorine (F)] में संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electron) की संख्या = 7

Formation of magnesium fluoride

मैग्निशियम फ्लोराईड (Magnesium fluoride) में वर्तमान बांड (bond) आयनिक बांड (Ionic bond) कहलाता है तथा मैग्निशियम फ्लोराईड (Magnesium fluoride) को आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) या इलेक्ट्रोवैलेंट कम्पाउंड (electrovalent compound) कहते हैं।

आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) के गुण

(1) आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) के भौतिक गुण:

(a)आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) ठोस होते हैं।

(b) आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) बहुत हद तक कठोर (hard) होते हैं। आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) में कठोरता (hardness) उसमें वर्तमान धन आयन (positive ion) तथा ॠण आयन (negative ion) के बीच मजबूत इलेक्ट्रोस्टैटिक फोर्स (electrostatic force) के बीच काफी मजबूत आकर्षण के कारण होता है।

(c)आयनिक कम्पाउंड भंगुर (Brittle) होते हैं। आयनिक कम्पाउंक (Ionic compound) को हथौड़ी से मारने पर वह आसानी से टुकड़ों में टूट जाता है।

(2)आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) का क्वथणांक (boiling point) तथा गलणांक (melting point)

आयनिक कम्पाउंड का क्वथणांक (boiling point) तथा गलणांक (melting point) काफी उच्च होता है। क्योंकि आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) में उपस्थित आयनिक बांड (Ionic bond) काफी मजबूत होता है, जिन्हें तोड़्ने के लिये काफी उर्जा (energy) की आवश्यकता होती है, जो उनके क्वथणांक (boiling point) तथा गलणांक (melting point) को उच्च बना देता है।

(3) आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) की घुलनशीलता

आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) पानी में घुलनशील होते हैं। चूँकि आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) धन आयन (positive ion) तथा ॠण आयन (negative ion) के मिलने से बनता है, जो उन्हें पानी में घुलनशील बना देता है। लेकिन आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) किरासन तेल, पेट्रोल आदि में अघुलनशील होता है।

(4)आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) द्वारा इलेक्ट्रिसिटी का संवहन (Conduction of electricity)

(a) आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) मोल्टेन (molten) अवस्था तथा घोल (solution) अवस्था में इलेक्ट्रिसिटी का सुचालक (Conductor of electricity) होता है।

जब आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) को पानी में घोला जाता है तो वह आयनों (ions) में टूट जाता है, जो इलेक्ट्रिसिटी (electricity) का संवहन (conduct) करता है। गले (molten) हुए अवस्था में भी आयनिक कम्पाउंड में उपस्थित आयन (ion) चलायमान (movable) रहते हैं, जो इलेक्ट्रिसिटी (electricity) का संवहन (conduct) करता है।

(b)आयनिक कम्पाउंड (Ionic compound) ठोस अवस्था में इलेक्ट्रिसिटी (electricity) का संवहन (conduction) नहीं करता है।

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