भोजन: यह कहाँ से आता है: छठवीं विज्ञान


विभिन्न खाद्य पदार्थ

हम विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ खाते हैं। जैसे कि चावल, दाल, रोटी, सब्जी, माँस, मछली, अंडे, दूध, दही, मक्खन, मिठाइयाँ, इत्यादि, तथा अन्य कई खाद्य पदार्थ।

अब प्रश्न यह उठता है, कि ये खाद्य पदार्थ बनते कैसे हैं? तथा ये खाद्य पदार्थ कहाँ से आते हैं?

खाद्य पदार्थ के संघटक (Ingredients of Food)

कच्ची सामग्रियाँ जिनसे भोजन बनाया जाता है, भोजन के सघटक कहलाते हैं।

भोजन पकाने में हम कई तरह की कच्ची सामग्रियों का उपयोग करते हैं। चावल बनाने में सबसे आसान है तथा इसमें केवल दो संघटकों अर्थात कच्ची सामग्रियों का उपयोग होता है। ये सामग्रियाँ हैं, कच्चा चावल तथा जल। चावल को जल में कुछ समय अर्थात उसके पकने तक उबाल देने पर ही चावल तैयार हो जाता है।

उसी तरह रोटी बनाने में भी केवल दो सामग्रियों का उपयोग होता है, आटा तथा जल। आटे को जल मिलाकर उसे गूँधा जाता है, तथा उसे रोटी का आकार देकर तवे पर पकाया जाता है।

सब्जी बनाने के लिये सामान्यत: कच्ची सब्जी, नमक, हल्दी, मिर्ची, तथा जल का कच्ची सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है।

हालाँकि कई ऐसी खाद्य सामग्रियाँ हैं, जिन्हें हम कच्चा ही खाते है, अर्थात उन्हें पकाने की आवश्यक्ता नहीं होती है।

खाद्य पदार्थ जिन्हें कच्चा ही खाया जाता है, वे मुख्यत: फल तथा सलाद हैं। सेव, अमरूद, पपीता, नारंगी, केला, अंगूर, आम, तथा अन्य कई प्रकार के फल हैं जिन्हें हम कच्चा ही खाते हैं। इनके अलावे कई तरह की सब्जियाँ भी हैं, जिन्हें हम कच्चा ही खाना पसंद करते हैं, जैसे कि मूली, टमाटर, गाजर आदि।

खाद्य सामग्री एवं उनके स्त्रोत

खाद्य सामग्री हमें दो स्त्रोतों से प्राप्त होते हैं, ये स्त्रोत हैं

(A) पेड़-पौधे (पादप) तथा

(B) जंतु

A. पेड़-पौधों (पादपों) से मिलने वाली खाद्य सामग्रियाँ

पेड़-पौधों (पादपों) से हमें कई तरह की खाद्य सामग्रियाँ मिलती हैं। जैसे कि चावल, दाल, सब्जियाँ, फल, आदि।

गेहूँ जिससे आटा तैयार होता है तथा आटे से रोटियाँ बनाई जाती हैं, हमें गेहूँ के पौधों से प्राप्त होता है। धान के पौधों से हमें चावल प्राप्त होता है। चावल से पका हुआ चावल बनाया जाता है। चावल कार्बोहाइड्रेट का बहुत ही अच्छा स्त्रोत है। हालाँकि चावल को पीस कर उससे आटा भी तैयार किया जाता है तथा रोटियाँ बनाई जाती हैं। विभिन्न प्रकार के दाल के पौधों से हमें विभिन्न प्रकार की दाल मिलती है। मक्के के पौधों से हमें मक्का मिलता है।

इसी प्रकार पौधों से हमें कई तरह की सब्जियाँ मिलती हैं। जैसे कि बैंगन, भिंडी, आलू, टमाटर, गोभी, कद्दू, गाजर, मूली, आदि।

भोजन के रूप में पौधे के भाग (Edible parts of plant)

पादपों (पौधों) से हमें अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं। पौधे हमारे भोजन का एक मुख्य स्त्रोत है। परंतु पौधों के सभी भागों का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में नहीं किया जाता है। कुछ पौधों के बीज वाले भाग को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है तो कुछ पौधों के तने को। कुछ पौधों के जड़ को खाया जाता है तो कुछ पौधों की पत्तियों को। कुछ पौधों के एक से ज्यादा भाग को भी खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। जैसे कि केला के पौधों का फल तथा उसके फूल दोनों को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

धान के पौधों के बीजों को चावल कहा जाता है। अत: धान के पौधों के बीजों को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है।

उसी प्रकार गेहूँ के पौधों से हमें गेहूँ के दाने प्राप्त होते हैं। गेहूँ को पीस कर आटा तैयार किया जाता है जिससे रोटियाँ बनाई जाती हैं। अर्थात हम गेहूँ के बीजों को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग करते हैं।

अरहर के पौधों के बीजों से हमें अरहर की दाल मिलती है, जिसका उपयोग दाल बनाने में किया जाता है। सभी प्रकार की दाल हमें संबंधित पौधों के बीज से मिलती है। अर्थात दाल के पौधों के बीजों का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है।

हमें सभी प्रकार के अनाज तथा दाल संबंधित पौधों के बीज के प्राप्त होता है। अर्थात अनाज तथा दाल के पौधों के बीजों को खाद्य पदार्थों के रूप में उपयोग किया जाता है।

आलू के पौधों का तना खाया जाता है। आलू का उपयोग सब्जी के रूप में तथा चिप्स बनाने आदि में होता है।

गाजर, शकरकंद आदि के पौधों के जड़ का उपयोग सब्जी तथा उन्हें कच्चा (बिना पकाये ही) खाने के लिए होता है।

केला के पौधों का फल खाद्य पदार्थ के रूप में होता है। केला एक प्रकार का फल है। परंतु केला के पौधों के फूल भी सब्जियाँ बनाने के काम में आता है।

उसी प्रकार आम के फलों का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में होता है। आम भी एक फल है। आम को फलों का राजा कहा जाता है। आम का प्रचार आम जनों के बीच कैसे हुआ यह एक बहुत ही रोचक कहानी है, जिसका जिक्र पंचतंत्र की कहानी में हुआ है।

अमरूद के पौधे का फल खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग होता है। प्राय: सभी फलों के पौधों का फल खाद्य पदार्थ के रूप में होता है।

पालक के पौधों की पत्तियों का उपयोग सब्जी के रूप में होता है।

कुछ पौधे तथा खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग होने वाले उसके भाग
पौधों का नाम खाया जाने वाला भाग
धान के पौधे बीज (चावल के रूप में)
गेहूँ के पौधे बीज
दाल के पौधे बीज
सभी अनाज के पौधे बीज
फूल गोभी का पौधा फूल का उपयोग सब्जी के रूप में
ब्रोकोली के पौधे फूल (सब्जी के रूप में)
केला के पौधे फल तथा फूल (फूल का उपयोग सब्जी के रूप में)
आम फल (कच्चे फल का उपयोग अचार तथा चटनी आदि बनाने के लिए)
अमरूद फल
पपीता फल (पका हुआ फल फल के रूप में तथा कच्चा फल सब्जी के रूप में)
बैंगन फल
टमाटर फल
पालक पत्तियाँ (सब्जी के रूप में)
पत्ता गोभी पत्तियाँ
मेथी पत्तियाँ तथा बीज
गन्ना तना
आलू तना
अदरख तना
प्याज तना
गाजर जड़
मूली जड़
शकरकंद जड़

B. जंतुओं से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थ (Foods we get from Animal source)

जंतु से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों को जंतु उत्पाद या जांतव उत्पाद कहा जाता है। जंतुओं से हमें अनेक तरह के खाद्य पदार्थ मिलते हैं। जैसे कि दूध, दही, मक्खन, मिठाइयाँ, मछली, माँस, अंडे, आदि। जंतुओं को उनसे प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थ के लिये पालन किया जाता है।

विज्ञान का एक विषय है पशुपालन जिसमें पशुओं के पालन, उसके बेहतर नस्ल, उसकी देखभाल, आदि के संबंध में अध्ययन किया जाता है।

कई प्रकार के पशु हैं जिनसे हमें खाद्य पदार्थ प्राप्त होता है।

दूध देने वाले पशु (Milk yielding Animal)

दूध देने वाले पशुओं को दुधारू पशु कहा जाता है। उदाहरण: गाय, भैंस, बकरी, ऊँट, आदि।

दूध का पीने में, मक्खन निकालने में, दही बनाने में, घी निकालने में, मिठाईयाँ बनाने में, तथा अन्य कई खाद्य पदार्थ बनाने में उपयोग किया जाता है।

भारत दुनिया में दूध का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश है।

माँस देने वाले पशु

विभिन्न प्रकार के पशुओं से हमें माँस प्राप्त होते हैं। कुछ जानवरों को माँस तथा अन्य खाद्य पदार्थ के लिये पालन किया जाता है, जैसे कि बकरी, भेड़, खरगोश, मुर्गी, मुर्गा, आदि।

माँस प्रोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्त्रोत है।

कुछ जंतुओं को माँस के साथ साथ अंडों के लिये भी पालन किया जाता है, जैसे कि मुर्गी, बतख, टर्की, आदि।

जंतु जिनका पालन अंडों तथा माँस के लिये किया जाता है उन्हें पॉल्ट्री बर्ड कहा जाता है। पॉल्ट्री बर्ड के पालन का स्थान पॉल्ट्री फॉर्म कहा जाता है।

समुद्री खाद्य उत्पाद (Marine food products)

जल में रहने वाले जीव अर्थात मछलियों से हमें माँस प्राप्त होता है। मनुष्य की एक बड़ी आबादी मछली पकड़कर तथा उन्हें बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं। मछली भोजन के रूप में प्रोटीन का एक बहुत ही अच्छा श्रोत है।

मछली का पालन मत्स्य पालन (Pisciculture) कहलाता है।

कीड़े जो हमें खाद्य पदार्थ देते हैं (Insects which give food)

मधुमक्खियों से हमें शहद मिलता है। मधुमक्खियाँ कीड़ों की श्रेणी में आती हैं। बहुत सारे देशों में गिरगिट, चींटियों, मेंढ़क, एवं कई अन्य सारे कीड़ों का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है।

श्रोत के आधार पर भोजन का वर्गीकरण

श्रोत के आधार पर भोजन को दो प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है। शाकाहारी भोजन तथा माँसाहारी भोजन

शाकाहारी भोजन (Vegetarian Diet)

पौधों से प्राप्त होने वाले खाद्य सामग्रियों को शाकाहारी भोजन कहा जाता है।

उदारहण: चावल, गेहूँ, सब्जियाँ, आदि शाकाहारी भोजन हैं।

वैसे व्यक्ति जो केवल पौधों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों का भोजन करते हैं, शाकाहारी (VEGETARIAN) कहलाते हैं।

माँसाहारी भोजन (Non-vegetarian Diet)

वैसे खाद्य पदार्थों से तैयार भोजन जो जांतव श्रोत से प्राप्त होते हैं, को माँसाहारी भोजन कहा जाता है। जैसे: माँस, मछली, अंडा, आदि।

वैसे व्यक्ति जो जांतव श्रोत से प्राप्त होने वाले भोजन करते हैं, माँसाहारी कहलाते हैं।

हालाँकि दूध तथा दूध से बने पदार्थ का श्रोत जंतु हैं, परंतु ये शाकाहारी भोजन के अंतर्गत आते हैं।

जंतु क्या खाते हैं?

मानव के अतिरिक्त भी सभी जंतुओं को जीवित रहने के लिए उर्जा तथा अन्य पोषक तत्वों पूर्ति के लिये भोजन की आवश्यक्ता होती है।

जंतु कई प्रकार के होते हैं। विभिन्न प्रकार के जंतु अलग अलग प्रकार के भोजन करते हैं, अर्थात सभी जंतु के भोजन का प्रकार अलग है। कुछ जंतु केवल घास खाना पसंद करते है, कुछ जंतु केवल माँस खाता हैं तो कुछ जंतु जीवित रहने के लिए दूसरे जंतुओं का खून चूसते हैं। जबकि कुछ जंतु हैं जो सभी प्रकार का भोजन करते हैं।

भोजन के आधार पर जंतुओं को निम्नांकित तीन भागों में बाँटा जा सकता है

(A) शाकाहारी जंतु (Herbivores)

(B) माँसाहारी जंतु (Carnivores)

(C) सर्वाहारी जंतु (Omnivores)

(A) शाकाहारे जंतु (Herbivores)

वैसे जंतु जो केवल पौधों से प्राप्त भोजन पर आश्रित होते हैं या भोजन करते हैं, को शाकाहारी जंतु (Herbivores) कहा जाता है।

उदाहरण:

बकरी, गाय, भैंस, हिरण, आदि। ये जानवर केवल पौधे से प्राप्त भोजन करते हैं। इन जानवरों को घास खाने वाले जंतु कहा जाता है।

हाथी तथा जिराफ पृथ्वी के स्थलीय भाग पर पाये जाने वाले सबसे बड़े जानवर हैं, परंतु ये शाकाहारी जंतु हैं।

(B) माँसाहारी जंतु (Carnivores)

वैसे जानवर जो केवल दूसरे जंतुओं का माँस खाते हैं, माँसाहारी जंतु (CARNIVORES) कहलाते हैं।

उदाहरण: शेर, बाघ आदि।

(C) सर्वाहारी जंतु (Omnivores)

जानवर, जो पौधों तथा जंतुओं दोनों श्रोतों से प्राप्त सामग्रियों का भोजन करते हैं, सर्वाहारी जंतु (OMNIVORES) कहलाते हैं।

उदाहरण:

कुत्ता, बिल्ली, चूहे, कौआ, आदि।

मनुष्य एक सर्वाहारी जंतु हैं।

सफाईकर्मी (Scavengers)

बहुत सारे जानवर हैं, जो मरे हुए तथा सड़ रहे जानवरों का मांस खाते हैं, जैसे कि चील, गिद्ध आदि। ऐसे जानवर जो मरे हुए जानवरों का मांस खाते हैं, को मुर्दाखोर कहा जाता है। चूँकि ये जानवर मरे हुए तथा सड़ रहे जानवरों का माँस खाकर पर्यावरण को साफ कर देते हैं, अत: इन्हें सफाईकर्मी भी कहा जाता है। ये जानवर हमारे लिये काफे उपयोगी हैं।

परजीवी (Parasites)

बहुत सारे जंतु दूसरे जानवरों का खून पीकर जीवित रहते हैं। ये जानवर जीवित रहने के लिये दूसरे जानवरों के खून पर निर्भर होते हैं, अत: इन्हें परजीवी या उपजीवी कहा जाता है। जैसे कि खटमल, जोंक, लीक, जूँ, आदि। ये जानवर प्राय: कीड़ों की श्रेणी में आते हैं।

अत: वैसे जानवर जो भोजन के लिये दूसरे जीव पर आश्रित होते हैं, परजीवी या उपजीवी कहलाते हैं।

सारांश (SUMMARY)

पौधे तथा जीव हमारे भोजन के श्रोत हैं। अर्थात हमें भोजन दो श्रोतों से प्राप्त होता है: पौधे तथा जानवर।

पौधों के श्रोत से हमें सब्जियाँ, अनाज, दाल, फल, आदि प्राप्त होते हैं। इन्हें पौधों के श्रोत से प्राप्त भोजन सामग्री कहा जाता है।

हमें माँस, अंडे, दूध आदि जंतुओं से प्राप्त होते हैं। अत: इन्हें जांतव श्रोत से प्रात्प भोजन सामग्री कहा जाता है।

कच्ची सामग्रियाँ जिनका उपयोग भोजन बनाने में किया जाता है, को भोजन के संघटक कहा जाता है।

पूरे पौधे को नहीं बल्कि उसके कुछ भागों को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। जैसे कि धान के बीज, अमरूद का फल, केले का फल, आम का फल, मक्के का बीज, दाल के बीज, मूली की जड़, गाजर की जड़, प्याज के तने, आलू के तने, गन्ने का तना, गोभी के फूल, आदि का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता है।

जानवरों को भोजन के आधार पर तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है: शाकाहारी जानवर, माँसाहारी जानवर तथा सर्वाहारी जानवर।

शाकाहारी जानवर: जानवर जो केवल पौधों से प्राप्त सामग्रियों का भोजन करते हैं, शाकाहारी जंतु कहलाते हैं।

माँसाहारी जानवर: वैसे जानवर जो केवल दूसरे जानवर का माँस खाते हैं, माँसाहारी जंतु कहलाते हैं।

सर्वाहारी जानवर: वैसे जानवर जो पौधे तथा जंतु दोनों श्रोतेओं से प्राप्त सामग्रियों का भोजन करते हैं, सर्वाहारी जंतु कहलाते हैं।

मनुष्य एक सर्वाहारी जंतु है।

परजीवी: वैसे जंतु जो भोजन के लिये दूसरे जंतुओं पर आश्रित रहते हैं, परजीवी या उपजीवी कहलाते हैं। परजीवी दूसरे जानवरों का खून चूसकर जीवित रहते हैं, जैसे खटमल, जोंक, जूँ आदि।

मुर्दाखोर : वैसे जानवर जो मरे हुए तथा सड़ते हुए जानवरों का माँस खाते हैं, मुर्दाखोर कहलाते हैं। जैसे कि चील, गिद्ध, आदि। चूँकि ऐसे जान मरे हुए जानवरों को खाकर पर्यावरण को साफ रखते हैं तथा दूषित होने से बचाते हैं, अत: इन्हें सफाईकर्मी भी कहा जाता है।

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Reference:

NCERT Solution and CBSE Notes for class twelve, eleventh, tenth, ninth, seventh, sixth, fifth, fourth and General Math for competitive Exams. ©