बल तथा गति के नियम

नवमी विज्ञान

गति का तृतीय नियम

न्यूटन का गति का तृतीय नियम कहता है कि प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

गति के तृतीय नियम की ब्याख्या

गति के तीसरे नियम के अनुसार, जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तब दूसरी वस्तु द्वारा भी पहली वस्तु पर तात्क्षणिक बल लगाया जाता है। ये दोनों बल परिणाम में सदैव समान लेकिन दिशा में विपरीत होते हैं।

इसका अर्थ यह है कि बल सदैव युगल रूप में होते हैं। ये बल कभी एक वस्तु पर कार्य नहीं करते बल्कि दो अलग अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं।

दूसरे शब्दों में किसी एकल बल का अस्तित्व नहीं होता है बल्कि ये सदैव युगल रूप में होते हैं।

इन दोनों विरोधी बलों को क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल कहा जाता है।

उदाहरण

(1) जब एक फुटबॉल को पैर से किक मारा जाता है, अर्थात बल लगाया जाता है तो पैर में भी चोट लगती है। ऐसा इसलिये होता है कि फुटबॉल पर पैर से जितना बल लगाया जाता है, फुटबॉल द्वारा भी पैर से लगाये गये बल की विपरीत दिशा में अर्थात पैर पर बल लगाया जाता है, इसी कारण नंगे पैर से फुटबॉल को किक करने पर पैर में चोट लगती है। ऐसा न्यूटन की गति की तृतीय नियम के कारण होता है।

(2) दीवार या किसी कठोर वस्तु पर हाथ से प्रहार करने पर हाथ में भी चोट लगती है। ऐसा दीवार या उस वस्तु जिसपर हाथों से प्रहार किया जाता है के द्वारा बल लगाने की विपरीत दिशा में समान बल को लगाने के कारण होता है।

(3) फुटबॉल के खेल में प्राय: गेंद को तेज गति से किक मारने के क्रम में खिलाड़ी आपस में टकरा जाते हैं। इस क्रम में दोनों खिलाड़ी एक दूसरे पर बल लगाते हैं और दोनों ही खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं।

(4) चलने के लिये हम पैर से जमीन को पीछे की ओर धक्का देते हैं, जिसके परिमाणस्वरूप जमीन भी हमें आगे की ओर धक्का देता है और हम आगे बढ़ जाते हैं। अर्थात हम पैर से जमीन पर पीछे की ओर बल लगाते हैं, और गति के तृतीय नियम के कारण जमीन हम पर आगे की ओर बल लगाता है और हम आगे बढ़ जाते हैं। यह प्रक्रिया लगातार दोहराने के कारण हम चलने लगते हैं।

क्रिया और प्रतिक्रिया बल द्वारा उत्पन्न त्वरण

क्रिय और प्रतिक्रिया बल मान में हमेशा समान होते हैं फिर भी ये बल एक समान परिमाण के त्वरण उत्पन्न नहीं कर सकते। ऐसा प्रत्येक बल द्वारा अलग अलग द्रव्यमान की वस्तुओं पर कार्य करने के कारण होता है।

उदाहरण:

(1) बंदूक से गोली छोड़ने की अवस्था मे, बंदूक द्वारा गोली पर आगे की ओर के बल निरूपित होता है। गोली भी बंदूक पर एकसमान पर्ंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल लगाती है।

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चूँकि बंदूक का द्रव्यमान गोली के द्रव्यमान से बहुत अधिक होता है, इसलिये बंदूक का त्वरण गोली के त्वरण से काफी कम होता है।

(2) एक नाविक द्वारा नाव से आगे की ओर कूदने की स्थिति में नाव पीछे की ओर जाने लगता है। ऐसा नाविक के आगे की ओर कूदने के लिये लगाये गये बल के परिणामस्वरूप प्रतिक्रिया बल नाव को पीछे धकेलता है।

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चूँकि नाविक तथा नाव के द्रव्यमान में अंतर होता है, अत: नाव तथा नाविक का त्वरण अलग अलग होता है। अर्थात नाव तथा नाविक की गति एक समान नहीं होती है।

संवेग संरक्षण का नियम

संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार दो वस्तुओं का कुल संवेग टकराने की प्रक्रिया में अपरिवर्तनीय या संरक्षित रहता है।

दूसरे शब्दों में दो वस्तुओं के संवेग का योग टकराने के पहले और टकराने के बाद बराबर रहता है, जबकि उनपर कोई असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो। इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते हैं।

संवेग संरक्षण का गणितीय सूत्र

मान कि दो वस्तुएँ A तथा B एक ही सरल रेखीय दिशा में अलग अलग वेग से गति कर रही है।

माना कि वस्तु A का द्रव्यमान `=m_A`

तथा वस्तु B का द्रव्यमान `=m_B`

माना कि वस्तु A की गति `u_A` तथा B की गति `u_B` है। तथा `u_A \ > \ u_B` है।

मान लिया कि वस्तु A वस्तु B से टकरा जाती है।

मान लिया कि टक्कर का समय `=t` है।

मान लिया कि टक्कर के समय वस्तु A वस्तु B पर `F_(AB)` बल लगाती है तथा वस्तु B वस्तु A पर `F_(BA)` बल लगाती है|

मान लिया कि टकराने के बाद A का वेग `v_A` तथा B का वेग `v_B` हो जाता है।

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चूँकि संवेग = द्रव्यमान × वेग

अत: वस्तु A का टकराने से पहले संवेग `=m_A\ u_A`

तथा वस्तु A का टकराने के बाद संवेग `=m_A\ v_A`

अत: संवेग परिवर्तन की दर, `F_(AB) =m_A(v_A-u_A)/t` ---------(i)

उसी तरह वस्तु B का टकराने से पहले संवेग `=m_B\ u_B`

तथा वस्तु B का टकराने के बाद संवेग `=m_B\ v_B`

अत: संवेग परिवर्तन की दर, `F_(BA) =m_B(v_B-u_B)/t` ---------- (ii)

अब न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, वस्तु A के द्वारा वस्तु B पर लगाया गया बल `F_(AB)` तथा वस्तु B के द्वारा वस्तु A पर लगाया गया बल `F_(BA)` एक दूसरे के बराबर और विपरीत होगा।

अत: `F_(AB) =-F_(BA)`

अत: समीकरण (i) तथा (ii) से

`m_A(v_A-u_A)/t=-m_B(v_B-u_B)/t`

`=>m_A\ v_A-m_A\ u_A =-m_B\ v_B+m_B\ u_B`

`=>m_A\ u_A+m_B\ u_B=m_A\ v_A+m_B\ v_B` ------------ (iii)

टकराने से पहले वस्तु A तथा B का कुल संवेग (`m_A\ u_A+m_B\ u_B `) तथा टकराने के बाद कुल संवेग (`m_A\ v_A+m_B\ v_B`) हैं।

उपरोक्त प्राप्त समीकरण (iii) से हम पाते हैं कि जब वस्तुओं पर कोई बाहरी बल कार्य नहीं कर रहा हो तो दोनों वस्तुओं का कुल संवेग बदलता नहीं है अर्थात कुल संवेग संरक्षित रहता है।

न्यूटन के गति के द्वितीय नियम पर आधारित गणितीय प्रश्न

उदाहरण प्रश्न संख्या (1) एक 10 kg द्रव्यमान वाली वस्तु पर 5 s के लिये एक नियत बल लगाया जाता है। यह बल वस्तु के वेग को 3 m/s से बढ़ाकर 8m/s कर देता है। तो लगाये गये बल की मात्रा ज्ञात करें। यदि इस बल को वस्तु पर 15 s के लिये लगाया जाय तो वस्तु का वेग क्या हो जायेगा?

हल:

[यह प्रश्न दो भागों में बंटा है। पहले भाग में वस्तु पर लगाये गये बल की मात्रा ज्ञात किया जाना है। तथा दूसरे भाग में उस बल की मात्रा लगाने पर वस्तु का वेग क्या हो जायेगा अर्थात वस्तु का अंतिम वेग ज्ञात किया जाना है।]

[नोट: (1) गणना करने के क्रम में सभी राशियों का मात्रक लिखने तथा उसे गणना में शामिल किये जाने पर गणना के अंत में ज्ञात किये जाने वाले राशि, मात्रक के साथ सही सही ज्ञात हो जाता है। सभी राशियों को मात्रक के साथ ही गणना करने पर अच्छा impression पड़ता है।

(2) दूसरा तरीका यह है कि राशियों को बिना मात्रक के गणना की जाय तथा अंत में निकाले गये राशि की मात्रक लिख दिया जाय। परंतु राशियों को मात्रक लिखकर गणना किया जाना अधिक उपयुक्त होता है।]

(A) वस्तु पर लगाये गये बल की मात्रा की गणना

दिया गया है, वस्तु का द्रव्यमान (m) = 10 kg

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 3 m/s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = 8 m/s

बल के लगाये जाने का समय (t) = 5 s

तो बल की मात्रा (F) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम से हम जानते हैं कि

`F=m(v-u)/t`

`=>F = 10\ kg\ ((8\ m//s-3\ m//s))/(5\ s)`

`=10\ kg\ ((5\ m//s))/(5\ s)`

`=>F = 10\ kg\ m\ s^(-2)`

[चूँकि बल (F) का मात्रक kg m/s2 = N (न्यूटन) होता है]

`:. F=10\ N`

अत: लगाया गया बल (F) = 10 N

(B) इस बल के लगाये जाने पर वस्तु के अंतिम वेग की गणना

दिया गया है,

वस्तु पर लगाये जाने वाला बल (F) = 10 N = 10 kg m

[प्रश्न के प्रथम भाग में गणना से प्राप्त]

[चूँकि N = kg m s–2 होता है। N (न्यूटन) को kg m s–2 में बदल लेने से गणना में सुविधा होती है।]

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 3 m/s

बल के लगाये जाने का समय (t) = 15 s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम से हम जानते हैं कि

`F=m(v-u)/t`

`=>10\ kg\ m\ s^(-2) = (10\ kg(v-3\ m//s))/(15\ s)`

`=>10(v-3)=10xx15`

[यहाँ सुविधा के लिये राशियों का मात्रक हटा दिया गया है। परंतु आप गणना करते समय राशियों को उनके मात्रक के साथ ही गणना करें]

`=>v-3=(10xx15)/10`

`=>v-3=15`

`=>v=15+3=18\ m//s`

अत: वस्तु द्वारा प्राप्त अंतिम वेग (v) = 18 m/s

उदाहरण प्रश्न संख्या (2) एक 1000 kg की वस्तु जो 2 m/s की रफ्तार से चल रही है पर 20 s तक कितना बल लगाया जाय कि उसकी गति 10 m/s हो जायेगी?

हल:

दिया गया है,

वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1000 kg

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 2 m/s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = 10 m/s

बल लगाने का समय (t) = 20 s

लगाया गया बल (F) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के अनुसार,

`F=m(v-u)/t`

`=>F=1000\ kg\ ((10\ m//s-2\ m//s))/(20\ s)`

`=>F = 500xx8\ kg\ m\ s^(-2)`

=> F = 4000 N

अत: आवश्यक बल = 4000 N उत्तर

उदाहरण प्रश्न संख्या (3) एक वस्तु जो 10 m/s की रफ्तार से चल रही है पर 20 s तक कितना बल लगाया जाय कि उसकी गति बढ़कर 20 m/s हो जाय यदि वस्तु का द्रव्यमान 200 kg है ?

हल:

दिया गया है,

वस्तु का द्रव्यमान (m) = 200 kg

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 10 m/s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = 20 m/s

बल लगाने का समय (t) = 50 s

लगाया गया बल (F) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के अनुसार,

`F=m(v-u)/t`

`=>F = 200(20-10)/50`

`=>F=4xx10`

`=>F=40\ N`

[चूँकि बल का एस आई मात्रक N (न्यूटन) है]

अत: आवश्यक बल (F) = 40 N उत्तर

उदाहरण प्रश्न संख्या (4) एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 100 kg है की गति को 10 m/s से बढ़ाकर 30 m/s करने के लिये 50 N क़ा बल कितने समय तक लगाने की आवश्यकता होगी?

हल:

दिया गया है,

वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100 kg

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 10 m/s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = 30 m/s

लगाया गया बल (F) = 50 N

बल लगाने का समय (t) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के अनुसार,

`F=m(v-u)/t`

`=>50\ N=100(30-10)/t`

`=>t = (100xx20)/50\ s`

`=>t = 2xx20\ s= 40\ s`

अत: आवश्यक समय = 40 second उत्तर

उदाहरण प्रश्न संख्या (5) एक 1000 kg की वस्तु जो कि 20 m/s की रफ्तार से चल रही पर 20 N का बल 50 s तक लगाने पर इसकी गति क्या हो जायेगी?

हल:

दिया गया है,

वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1000 kg

वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 20 m/s

लगाया गया बल (F) = 20 N

बल लगाने का समय (t) = 50 s

वस्तु का अंतिम वेग (v) = ?

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के अनुसार,

`F=m(v-u)/t`

`=>20\ N=1000\ kg\ ((v-20\ m//s))/(50\ s)`

`=>1000 = 1000(v-20)`

`=>v-20=1000/1000`

`=>v-20=0`

`=>v=20\ m//s`

अत: अंतिम वेग (v) = 20 m/s जो कि प्रारंभिक वेग के बराबर है।

अर्थात वस्तु के वेग में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

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