हमारे आसपास के पदार्थ

नवमी विज्ञान

NCERT Exemplar लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न संख्या: 11. किसी विचाराधीन जल के नमूने का क्वथन सामान्य ताप एवं दाब पर 1020C पर हुआ। क्या जल शुद्ध है? क्या यह जल 00C पर जमेगा? टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: जल में अशुद्धि जल के क्वथनांक (Boiling point) को सामान्य से बढ़ा देता है तथा हिमांक (Freezing point) को सामान्य से घटा देता है।

अत: यदि किसी विचाराधीन जल के नमूने का क्वथन सामान्य ताप एवं दाब पर 1020C है, तो जल शुद्ध नहीं है। तथा यह जल 00C से कम बिन्दु पर जमेगा।

प्रश्न संख्या: 12. कोई विद्यार्थी बर्फ तथा जल से भरे एक बीकर को गरम करता है। यह बीकर की सामग्री के तापमान को समय के फलन के रूप में मापता है। निम्नलिखित में से कौन सा ग्राफ परिणाम को कही रूप मे दर्शाएगा? अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।

class nine 9 science matters in our surroundings exemplar problems and solution1class nine 9 science matters in our surroundings exemplar problems and solution2class nine 9 science matters in our surroundings exemplar problems and solution3class nine 9 science matters in our surroundings exemplar problems and solution4

उत्तर : class nine 9 science matters in our surroundings exemplar problems and solution5

जब बर्फ तथा जल से भरे बीकर को गर्म किया जाता है, तो उसका तापमान लगातार गर्म करने के बाबजूद भी `0^o\ C` से तबतक नहीं बढ़ता है जबतक कि पूरा बर्फ पिघल नहीं जाता है। इस क्रम में दी जाने वाली तापीय उर्जा बर्फ को पिघलाने में खर्च होती है, जिसे गुप्त उष्मा या गुप्त ताप या प्रसुप्त ताप कहते हैं।

जब पूरा बर्फ पिघल जाता है, तो जल का तापमान धीरे धीरे बढ़ते हुए `100^o\ C` तक पहुँच जाता है, जिसपर जल उबलने लगता है।

प्रश्न संख्या: 13. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(a) कक्ष ताप पर एक द्रव के वाष्पन से _________ प्रभाव होता है।

उत्तर: (a) कक्ष ताप पर एक द्रव के वाष्पन से शीतलता का प्रभाव होता है।

ब्याख्या: जल का बिना क्वथनांक बिन्दु पर आये ही वाष्पीकरण वाष्पण (Evaporation) कहलाता है। जल की सतह पर के जल कण आसपास से तापीय उष्मा प्राप्त कर इतनी गतिज उर्जा प्राप्त कर लेते हैं कि जल के अन्य कणों के आकर्षण बल से मुक्त हो जाते हैं तथा वाष्प में बदल जाते हैं। यह प्रक्रिया वाष्पण (Evaporation) कहलाती है। वाष्पण के क्रम में चूँकि जल के कण आसपास से तापीय उर्जा अवशोषित कर लेते हैं, अत: आसपास का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे कक्ष में शीतलता का प्रभाव हो जाता है।

कूलर इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।

(b) कक्ष ताप पर ठोस के कणों के मध्य आकर्षण बल, गैसीय अवस्था में विद्यमान आकर्षण बलों की तुलना में _____ होते हैं।

उत्तर : (b) कक्ष ताप पर ठोस के कणों के मध्य आकर्षण बल, गैसीय अवस्था में विद्यमान आकर्षण बलों की तुलना में अधिक होते हैं।

ब्याख्या :ठोस के कणों के बीच आकर्षण बल द्रव के कणों के बीच आकर्षण बल तथा गैसों के कणों के बीच आकर्षण बल की तुलना में अधिकतम होता है।

स्पष्टत: कक्ष ताप पर ठोस के कणों के मध्य आकर्षण बल, गैसी अवस्था में विद्यमान आकर्षण बलों की तुलना में अधिक होता है।

(c) _______ अवस्था में कणों का विन्यासक्रम क्रमित होता है। यद्यपि _________ अवस्था में कोई क्रम नहीं होता है।

उत्तर : (c) द्रव अवस्था में कणों का विन्यासक्रम क्रमित होता है। यद्यपि गैसीय अवस्था में कोई क्रम नहीं होता है।

ब्याख्या : ठोस अवस्था में कणों के बीच का आकर्षण बल अधिकतम होने के कारण उनका विन्यासक्रम क्रमवार (ordred) होता है। द्रव अवस्था में कणों के बीच आकर्षण बल ठोस से कम होने के कारण उनका विन्यासक्रम क्रमित (sorted) होता है। तथा गैसीय अवस्था में कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होने के कारण उनका कोई क्रम नहीं होता है।

(d) ठोस अवस्था का _________ अवस्था से गुजरे बिना सीधे गैस अवस्था में परिवर्तन _______ है।

उत्तर : (d) ठोस अवस्था का द्रव अवस्था से गुजरे बिना सीधे गैस अवस्था में परिवर्तन उर्ध्वपातन है।

ब्याख्या : कुछ पदार्थों का तापमान बढ़ने पर ठोस अवस्था से बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए ही गैसीय अवस्था में तथा तापमान घटने पर गैसीय अवस्था से बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए ही ठोस अवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया उर्ध्वपातन कहलाती है।

(e)क्वथनांक से कम ताप पर द्रव के वाष्प अवस्था में परिवर्तन की परिघटना _______ कहलाती है।

उत्तर : (e)क्वथनांक से कम ताप पर द्रव के वाष्प अवस्था में परिवर्तन की परिघटना वाष्पण (Evaporation) कहलाती है।

ब्याख्या : जल का बिना क्वथनांक बिन्दु पर आये ही वाष्पीकरण वाष्पण (Evaporation) कहलाता है। जल की सतह पर के जल कण आसपास से तापीय उष्मा प्राप्त कर इतनी गतिज उर्जा प्राप्त कर लेते हैं कि जल के अन्य कणों के आकर्षण बल से मुक्त हो जाते हैं तथा वाष्प में बदल जाते हैं। यह प्रक्रिया वाष्पण (Evaporation) कहलाती है। वाष्पण के क्रम में जल के कण आसपास से तापीय उर्जा अवशोषित कर लेते आसपास का तापमान घटा देते हैं।

गीले कपड़ों का सूखना, कूलर द्वारा कमरे को ठंढ़ा करना, गर्मियों में मिट्टी के बर्तन में रखे हुए जल का ठंढ़ा हो जाना आदि वाष्पण की प्रक्रिया के कारण ही होता है।

प्रश्न संख्या: 14. कॉलम 'A' में दी गई भौतिक राशियों का सुमेलन कॉलम 'B' में दिए गये SI मात्रकों से कीजिए:

प्रश्न
(A) (B)
(a) दाब (i)घनमीटर
(b) ताप (ii) किलोग्राम
(c) घनत्व (iii) पास्कल
(d) द्रव्यमान (iv) केल्विन
(e) आयतन (v) किलोग्राम प्रति घनमीटर

उत्तर :

उत्तर
(A) (B)
(a) दाब (iii) पास्कल
(b) ताप (iv) केल्विन
(c) घनत्व (v) किलोग्राम प्रति घनमीटर
(d) द्रव्यमान (ii) किलोग्राम
(e) आयतन (i)घनमीटर

प्रश्न संख्या: 15. कॉलम 'A' तथा कॉलम 'B' में कुछ भौतिक राशियों के क्रमश: SI रहित तथा SI मात्रक दिये गये हैं। एक समान भौतिक राशि से संबंधित मात्रकों को सुमेलित कीजिए:

प्रश्न
(A) (B)
(a) डिग्री सेल्सियस (i)किलोग्राम
(b) सेंटीमीटर (ii)पास्कल
(c) ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (iii) मीटर
(d) बार (iv) केल्विन
(e) मिलीग्राम (v) किलोग्राम प्रतिघनमीटर

उत्तर :

उत्तर
(A) (B)
(a) डिग्री सेल्सियस (iv) केल्विन
(b) सेंटीमीटर (iii) मीटर
(c) ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (v) किलोग्राम प्रतिघनमीटर
(d) बार (ii)पास्कल
(e) मिलीग्राम (i)किलोग्राम

प्रश्न संख्या: 16. 'परासरण एक विशिष्ट प्रकार का विसरण है'। टिप्पणी कीजिए:

उत्तर : परासरण (Osmosis) की प्रक्रिया में अर्ध्य-पारगम्य झिल्ली (Semi-permeable membrane) के द्वारा उच्च सान्द्रता (high concentration) वाले घोल (Solution) से कम सान्द्रता वाले (Low concentration) घोल की तरफ विलायक के कणों (particles of solute) का गमन होता है। विसरण (Diffusion) दो गैसों का आपस में मिलने जुलने की प्रक्रिया है। विसरण में गैस के अधिक सान्द्रता वाले क्षेत्र से कम सान्द्रता वाले क्षेत्र में गैस के कण गमन करते हैं।

चूँकि परासरण (Osmosis) तथा (diffusion) दोनों की प्रक्रिया में पदार्थ के कणों का गमन उच्च सान्द्रता वाले क्षेत्र से निम्न सान्द्रता वाले क्षेत्र में होता है। अत: परासरण (Osmosis) को विसरण (diffusion) का एक विशेष प्रकार कहा जाता है।

प्रश्न संख्या: 17. निम्नलिखित को परासरण/विसरण में वर्गीकृत कीजिए:

(a) जल में रखने पर किशमिश का फूलना

उत्तर :परासरण (Osmosis)

ब्याख्या : अंगूर को सुखाकर किशमिश बनाया जाता है, अर्थात किशमिश के अंदर जल की मात्रा बहुत ही कम होती है। किशमिश को जल में रखने पर जल के अणु किशमिश में प्रवेश कर जाते हैं जिससे किशमिश को फूल जाता है, ऐसा किशमिश तथा जल में जल की सान्द्रता के अंतर के कारण होता है। ऐसा परासरण (Osmosis) की प्रक्रिया के कारण होता है। किशमिश के संदर्भ में किशमिश की बाहरी परत अर्ध्यपारगम्य झिल्ली की तरह कार्य करती है।

(b) छींकने पर वायरस का फैलना

उत्तर : विसरण

ब्याख्या : छींकने पर मुँह से हवा काफी दाब (pressure) के बाहर निकलता है। चूँकि छींक के साथ वायरस भी मुँह से निकलने वाली हवा के साथ बाहर निकलता है। उच्च दाब पर मुँह से हवा निकलने के कारण वह कम सान्द्रता अर्थात आसपास के कम दबाब के क्षेत्र की तरफ तेजी से फैलता है, जिसके साथ वायरस भी फैल जाता है। अत: छींकने पर वायरस का फैलना विसरण की प्रक्रिया कही जा सकती है या कही जाती है।

(c) नमक के संपर्क में आने पर केंचुए का मरना

उत्तर : परासरण (Osmosis)

ब्याख्या : सभी जानवरों के शरीर में विभिन्न प्रकार की जैविक प्रक्रियाओं के लिए अनेकों सूक्ष्म छिद्र प्राकृतिक रूप से बने होते हैं। स्पष्टत: केंचुए का शरीर में भी अनेक सूक्ष्म छिद्र होते हैं।

जब केंचुआ नमक के संपर्क में आता है, तो नमक के कण केंचुए के शरीर, जो अर्द्धपारगम्य झिल्ली के रूप में कार्य करता है, के द्वारा परासरण (Osmosis) की प्रक्रिया के कारण अंदर चले जाते हैं। चूँकि नमक केंचुए के लिए जानलेवा होता है, अत: उसके शरीर के अंदर नमक की सान्द्रता बढ़ जाने से वह मर जाता है।

अत: नमक के संपर्क में आकर केंचुए का मरना परासरण (Osmosis) की प्रक्रिया है।

(d) शक्कर की गाढ़ी चाशनी में रखने पर अंगूर का सिकुड़ना

उत्तर : परासरण (Osmosis)

ब्याख्या :शक्कर की गाढ़ी चाशनी में अंगूर के अंदर की अपेक्षा जल की सान्द्रता कम होती है। जिसके कारण शक्कर की गाढ़ी चाशनी में अंगूर को रखने पर अंगूर के अंदर से जल के कण अंगूर की सतह, जो अर्द्धपारगम्य झिल्ली की तरह कार्य करती है, के द्वारा शक्कर की गाढ़ी चाशनी के तरफ, परासरण की प्रक्रिया के कारण, जाने लगता है, जिसके कारण अंगूर के अंदर जल की मात्रा कम हो जाती है, और अंगूर सिकुड़ जाता है।

(e) लवण में अचार का परिरक्षण

उत्तर : परासरण (Osmosis)

ब्याख्या : भोजन सामग्री को लवण में डालकर उसका संरक्षण बनाना अचार बनाना कहलाता है। फलों तथा सब्जियों को लवण में कुछ दिनों तक रखने पर उनमें वर्तमान जल का लवण द्वारा अवशोषण हो जाता है, अर्थात फलों तथा सब्जियों आदि में उपस्थित जल के कण परासरण द्वारा लवण में चला जाता है। जल की मात्रा नगण्य हो जाने के कारण भोज्य पदार्थों को अधिक दिनों तक संरक्षित रखा जाता है।

अत: लवण में अचार का परिरक्षण परासरण (Osmosis) की प्रक्रिया है।

(f) केक को सेकने पर उसकी गंध का पूरे घर में फैलना

उत्तर : विसरण (Diffusion)

ब्याख्या : केक को सेकने गैस के रूप में पर उससे निकलने वाली गंध विसरण की प्रक्रिया के कारण पूरे घर में फैल जाती है।

(g) श्वसन के दौरान, जल में घुलित ऑक्सीजन का जलीय प्राणियों द्वारा उपयोग

उत्तर : विसरण

ब्याख्या : दो पदार्थों के कणों का गुरूत्वाकर्षण बल के विरूद्ध आपस में मिलना विसरण कहलाता है। विसरण के कारण ऑक्सीजन जल में घुल जाते हैं, जिसका उपयोग प्राणियों द्वारा श्वसन के दौरान किया जाता है।

Back to 9-science-home(Hindi)

9-science-English


Reference: