सरल रेखा में गति - ग्यारवीं भौतिकी
एनसीईआरटी हल भाग-2 प्रश्न 3.6 से 3.10
प्रश्न संख्या (3.6) सीधे राजमार्ग पर कोई कार 126 km/h की चाल से चल रही है। इसे 200 m की दूरी पर रोक दिया जाता है। कार के मंदन को एकसमान मानिए और इसका मान निकालिए। कार को रूकने में कितना समय लगा?
हल
दिया गया है, कार की प्रारंभिक गति (u) = 126 km/h
⇒ कार की प्रारंभिक गति (u) = 35 m/s
कार का अंतिम वेग (v) = 0 (चूँकि कार को रोक दिया गया है)
रूकने से पहले तय की गयी दूरी (s) = 200m
अत: समय (t) = ?
मंदन की गणना (ऋणात्मक त्वरण की गणना)
हम जानते हैं कि, v2 = u2 + 2as
⇒ 02 = (35)2 + 2 a × 200
⇒ 0 = 1225 + 400 a
⇒ 400 a = 0 – 1225
⇒ a = – 3.06 ms–2
समय (t) की गणना
हम जानते हैं कि, v = u + at
⇒ 0 = 35 + (–3.06 t)
⇒ 0 = 35 – 3.06t
⇒ 3.06 t = 35
⇒ t = 11.44 s
अत: कार के रूकने में लगा समय 11.44 सेकेंड है। उत्तर
प्रश्न संख्या (3.7) दो रेलगाड़ियाँ A और B दो समांतर पटरियों पर 72 km h–1 की एकसमान चाल से एक ही दिशा में चल रही हैं। प्रत्येक गाड़ी 400m लम्बी है और गाड़ी A गाड़ी B से आगे है। B का चालक A से आगे निकलना चाहता है तथा 1 m s–2 से इसे त्वरित करता है। यदि 50s के बाद B का गार्ड A के चालक से आगे हो जाता है तो दोनों के बीच आरंभिक दूरी कितनी थी?
हल
रेलगाड़ी A के लिए
दिया गया है प्रारंभिक वेग (u) = 72 km/h
⇒ u = 20 m/s
समय (t) = 50s
त्वरण (a) = 0 m/s/s
[चूँकि रेलगाड़ी एक समान चाल से चल रही है।]
अत: तय की गयी दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि, s = ut + 1/2 at2
⇒ s = 20 × 50 + 1/2 × 0 × 50
⇒ s = 1000 km
रेलगाड़ी B के लिए
प्रारंभिक वेग (u) = 72 km/h = 20m/s
समय (t) = 50s
त्वरण (a) = 1m/s2
अत: तय की गयी दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि, s = ut + 1/2 at2
⇒ s = (20 × 50) + (1/2 × 1 × (50)2)
⇒ s = 1000 + (1/2 × 2500)
⇒ s = 1000 + 1250
⇒ s = 2250 m
अब रेलगाड़ी A द्वारा तय की गयी दूरी 1000 m तथा रेलगाड़ी B द्वारा तय की गयी दूरी 2250 m है जब रेलगाड़ी B का गार्ड रेलगाड़ी A के चालक से आगे निकलता है।
अत: रेलगाड़ी A के ईंजन और रेलगाड़ी B के गार्ड के बीच प्रारंभिक दूरी = रेलगाड़ी B द्वारा तय की गयी दूरी – रेलगाड़ी A द्वारा तय की गयी दूरी
= 2250m – 1000m
= 1250 m
तथा रेलगाड़ी A के गार्ड और रेलगाड़ी B के ईंजन के बीच प्रारम्भिक दूरी = रेलगाड़ी B द्वारा तय की गयी दूरी – रेलगाड़ी A द्वारा तय की गयी दूरी – दोनों रेलगाड़ियों के लम्बाई का योग
= 2250m – 1000m – 800m
= 450m
अत: रेलगाड़ी A के ईंजन और रेलगाड़ी B के गार्ड के बीच की प्रारम्भिक दूरी = 1250m. तथा रेलगाड़ी A के गार्ड और रेलगाड़ी B के ईंजन के बीच प्रारम्भिक दूरी = 450 m उत्तर
वैकल्पिक विधि
दिया गया है प्रत्येक रेलगाड़ी की लम्बाई = 400m
दोनों रेलगाड़ियों की प्रारम्भिक गति = 72 km/h = 20m/s
चूँकि दोनों रेलगाड़ियाँ एकसमान गति से चल रही है, अत: रेलगाड़ी B की रेलगाड़ी A के सापेक्ष गति (vBA) = 0
अब रेलगाड़ी B का त्वरण (a) = 1ms–2
तथा समय (t) = 50s
अत: दोनों रेलगाड़ियों के बीच प्रारम्भिक दूरी = ?
मान लिया कि दोनों रेलगाड़ियों के बीच प्रारम्भिक दूरी = s
अत: जब रेलगाड़ी B का गार्ड रेलगाड़ी A के ईंजन से आगे निकलता है, उस समय तय की गयी कुल दूरी = दोनों रेलगाड़ियों के बीच की प्रारम्भिक दूरी + दोनों रेलगाड़ियों के लम्बाई का योग
= s + 800m
अब हम जानते हैं कि, s = uBA t + 1/2 at2
⇒ s + 800 = 0 × 50 + (1/2 × 1 × (50)2)
⇒ s + 800 = 1/2 × 2500
⇒ s + 800 = 1250
⇒ s = 1250 – 800
⇒ s = 450 m
अत: रेलगाड़ी A के गार्ड और रेलगाड़ी B के ईंजन के बीच की प्रारम्भिक दूरी = 450m
और रेलगाड़ी A के ड्राइवर और रेलगाड़ी B के गार्ड के बीच की प्रारम्भिक दूरी = रेलगाड़ी A के गार्ड और रेलगाड़ी B के ईंजन के बीच की प्रारम्भिक दूरी + दोनों रेलगाड़ियों के लम्बाई का योग
= 450m + 800m
= 1250m
अत: रेलगाड़ी A के ईंजन और रेलगाड़ी B के गार्ड के बीच की प्रारम्भिक दूरी = 1250m. तथा रेलगाड़ी A के गार्ड और रेलगाड़ी B के ईंजन के बीच प्रारम्भिक दूरी = 450 m उत्तर
प्रश्न संख्या (3.8) दो-लेन वाली किसी सड़क पर कार A 36 km/h की चाल से चल रही है। एक दूसरे की विपरीत दिशाओं से चलती दो कारें B और C जिनमें प्रत्येक की चाल 54 km/h है, कार A तक पहुँचना चाहती हैं। किसी क्षण जब दूरी AB दूरी AC के बराबर है तथा दोनों 1 km है, कार B का चालक यह निर्णय करता है कि कार C के कार A तक पहुँचने से पहले ही वह कार A से आगे निकल जाए। किसी दुर्घटना से बचने के लिए कार B का कितना न्यूनतम त्वरण जरूरी है?
हल
दिया गया है, कार A की प्रारम्भिक गति (uA) = 36 km/h
⇒ कार A की प्रारम्भिक गति (uA) = 10 m/s
कार B की प्रारम्भिक गति (uB) = 54 km/h
⇒ कार B की प्रारम्भिक गति (uB) = 15 m/s
And, ⇒ कार C की प्रारम्भिक गति (uC) = 54km/h = 15 m/s
मान लिया कि कार B की दिशा कार A की दिशा के समान है।
अत: कार B की कार A के सापेक्ष गति (uBA) = कार B की गति – कार A की गति
= 15 m/s – 10 m/s
⇒ uBA = 5 m/s
तथा मान लिया कि कार C कार A के विपरीत दिशा में चल रही है
अत: कार C की कार A के सापेक्ष गति (uCA) = कार C की गति + कार A की गति
= 15 m/s + 10 m/s
⇒ uCA = 25 m/s
प्रश्न के अनुसार कार B और कार C दोनों की कार A की दूरी = 1 km = 1000 m
अत: कार C द्वारा इस दूरी 1000 m को तय करने में लगा समय, अर्थात कार C को कार A के पास आने में लगा समय = दूरी/सापेक्ष गति (uCA)
अब दुर्घटना से बचने के लिए कार B को यह दूरी 1000 m निश्चित रूप से अधिकतम 40s में तय करना होगा।
अत: कार B का त्वरण = ?
हम जानते हैं कि, s = ut + 1/2 at2
⇒ 1000 = 200 + 800 a
⇒ 800 a = 1000 – 200
⇒ 800 a = 800
⇒ a = 800/800
⇒ a = 1m/s2
अत: कार B को दुर्घटना से बचने न्यूनतम 1 m/s2 त्वरण जरूरी होगा। उत्तर
प्रश्न संख्या (3.9) दो नगर A व B नियमित बस सेवा द्वारा एक दूसरे से जुड़े हैं और प्रत्येक T मिनट के बाद दोनों तरफ बसें चलती हैं। कोई व्यक्ति साइकिल से 20 km/h की चाल से A से B की तरफ जा रहा है और यह नोट करता है कि प्रत्येक 18 मिनट के बाद एक बस उसकी गति की दिशा में तथा प्रत्येक 6 मिनट बाद उसके विपरीत दिशा में गुजरती है। बस सेवाकाल T कितना है और बसें सड़क पर किस चाल (स्थिर मानिय) से चलती हैं?
हल
दिया गया है, साइकिल चलाने वाले व्यक्ति की गति (vm)= 20 km/h
साइक्लिस्ट के जाने की दिशा में बस के जाने का समय अंतराल = 18 m = 18/60 h
और साइक्लिस्ट के दिशा के विपरीत दिशा में जाने वाले बस का समय अंतराल = 6 m = 6/60h = 1/10 h
अत: बस की गति तथा बस का समय अंतराल (T) = ?
मान लिया कि दोनों शहर A और B के बीच चलने वाली बस की गति = vB
तथा बस के चलने का समय अंतराल = T
मान लिया कि बस द्वारा तय की जाने वाली दूरी अर्थात दोनों शहरों के बीच की दूरी = D
जब बस साइकल के चलने की दिशा में जाती है
बस की साइकिल चलाने वाले व्यक्ति के सापेक्ष गति (vBC) = बस की गति – साइकिल चलाने वाले व्यक्ति की गति
[चूँकि बस साइकिल की गति की दिशा में जा रही है]
⇒ vBC = (vB – 20) km/h
हम जानते हैं कि दूरी = गति × समय
अत: बस द्वारा तय की गयी दूरी
D = (vB – 20) km/h × 18/60 h - - - - - (i)
तथा जैसा कि प्रश्न में दिया गया है, प्रत्येक T मिनट पर एक बस जाती है। = T/60 h
अत: बस द्वारा तय की जाने वाली दूरी
D = vB × T/60 - - - - - (ii)
अब समीकरण (i) और (ii) से, हम पाते हैं कि
vB × T/60 = (vB – 20) × 18/60 - - - - - (iii)
जब बस साइकिल सवार के विपरीत दिशा में जाती है
बस की साइकिल सवार के सापेक्ष गति (vBC)
= बस की गति + साइकिल सवार की गति
= vB + 20 km/h
अत: बस द्वारा तय की जाने वाली दूरी,
D = (vB + 20) × 1/10 km - - - - - (iv)
अब समीकरण (ii) और (iv) से हम पाते हैं कि
vB × T/60 = (vB + 20) × 1/10 - - - - (v)
अब समीकरण (iii) और (v) से हम पाते हैं कि
(vB + 20) × 1/10 = (vB – 20) × 18/60
⇒ (vB + 20) × 1 = (vB – 20) × 18/6
⇒ vB + 20 = (vB – 20) × 3
⇒ vB + 20 = 3vB – 60
⇒ 20 + 60 = 3vB – vB
⇒ 80 = 2vB
⇒ vB = 80/2 = 40 km/h
अत: बस की गति (vB) = 40 km/h
अब (vB) का मान समीकरण (v) में रखने पर हम पाते हैं कि
बज्र गुणन के बाद हम पाते हैं कि
4T = 36
⇒ T = 36/4 = 9 मिनट
अत: बस सर्विस के खुलने का समय अंतराल, T = 9 मिनट और बस की गति = 40 km/h उत्तर
प्रश्न संख्या (3.10) कोई खिलाड़ी एक गेंद को ऊपर की ओर आरंभिक चाल 29.4 m/s से फेंकता है,
(a) गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान त्वरण की दिशा क्या होगी?
(b) इसकी गति के उच्चतम बिन्दु पर गेंद के वेग व त्वरण क्या होंगे?
(c) गेंद के उच्चतम बिन्दु पर स्थान व समय को x = 0 m व t = 0 s चुनिय, उर्ध्वाधर नीचे की ओर की दिशा को x-अक्ष की धनात्मक दिशा मानिय। गेंद की ऊपर की व नीचे की ओर गति के दौरान स्थिति, वेग व त्वरण के चिन्ह बताइए।
(d) किस ऊँचाई तक गेंद ऊपर जाती है और कितनी देर बाद गेंद खिलाड़ी के हाथों में आती है? (a = 9.8 m/s2 तथा वायु का प्रतिरोध नगण्य है)
हल
(a) जब गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान गेंद के त्वरण की दिशा लम्बबत नीचे की ओर होगी।
ब्याख्या
जब गेंद या किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है, तो पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण इसकी गति उत्तरोत्तर कम होती जाती है।
तथा हम जानते हैं गति में परिवर्तन की दर त्वरण कहलाती है।
इसका अर्थ यह है कि जब बॉल या किसी वस्तु को उर्ध्वाधर फेंका जाता है, इसपर पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के कारण लगने वाला त्वरण लम्बबत नीचे की दिशा में कार्य करता है।
(b) गेंद की गति के उच्चतम बिन्दु पर गेंद का वेग शून्य एवं त्वरण 9.8 m/s2 के बराबर होगा।
ब्याख्या
जब एक गेंद या किसी अन्य वस्तु को सीधा ऊपर की ओर फेंका जाता है तो इसकी गति उत्तरोत्तर कम होती जाती है और एक बिन्दु अर्था उच्चतम बिन्दु पर जाकर गेंद की गति शून्य हो जाती है। तथा उस ऊपर फेंके गये वस्तु पर पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण त्वरण 9.8 m/s2 के बराबर होता है।
(c) उर्ध्वाधर और लम्बबत नीचे दोनों स्थितिओं में गेंद की स्थिति (x) शून्य से अधिक है, अत: गेंद की ऊपर की व नीचे की ओर गति के दौरान दोनों स्थितियों में गेंद की स्थिति (x) धनात्मक होगा।
चूँकि गेंद के उच्चतम बिन्दु पर स्थान को x = 0 माना जा रहा है अत: गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान गेंद का वेग ऋणात्मक होगा क्योंकि शून्य से कम होगा अत: वेग का चिन्ह ऋणात्मक होगा।
चूँकि गेंद के उच्चतम बिन्दु पर स्थान को x = 0 माना जा रहा है। अत: गेंद की नीचे की ओर गति के दौरान इसका वेग शून्य से अधिक होगा अत: वेग का चिन्ह चिन्ह भी धनात्मक होगा।
गेंद के ऊपर की ओर गति करने की स्थिति में, चूँकि गति उत्तरोत्तर कम होती जा रही है, अर्थात त्वरण का ह्रास हो रहा है, अर्थात त्वरण ऋणात्मक है। उसी तरह जब गेंद ऊपर से नीचे की ओर गति कर रही है, तो त्वरण धनात्मक होना चाहिए। लेकिन यहाँ चूँकि ऊपर की ओर वेग को ऋणात्मक लिया जा रहा है तथा नीचे की ओर वेग को धनात्मक, अत: त्वरण का चिन्ह दोनों स्थितियों में धनात्मक होगा।
(d) दिया गया है, गेंद का प्रारम्भिक वेग (u) = –29.4 m/s [चूँकि गेंद की गति ऊपर की दिशा में है, अत: वेग का चिन्ह ऋणात्मक है।]
तथा गेंद का अंतिम वेग (v) = 0 [चूँकि एक उच्चतम बिन्दु पर पहुँचने के बाद गेंद रूक जाती है अर्थात ठीक गिरना शुरू करने से पहले गेंद की गति शून्य हो जाती है।]
त्वरण (a)= g = 9.8 m/s2 [यहाँ त्वरण पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के कारण है]
अत: अधिकतम ऊँचाई (h) = s = ?
तथा समय (t) = ?
ऊँचाई की गणना (h=s)
हम जानते हैं कि, v2 = u2 + 2ah
⇒ 0 = (–29.4)2 + 2 × 9.8 h
⇒ 0 = 864.36 + 19.6 h
⇒ 19.6 h = –864.36
⇒ h = –44.1 m
समय की गणा (t)
हम जानते हैं कि, v = u + at
⇒ 0 = –29.4 + 9.8t
⇒ 9.8t = 29.4
⇒ t = 3 second
चूँकि गेंद को अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में 3 सेकेंड लगता है अत: गेंद को वापस खिलाड़ी के हाथ में पहुँचने में उतना ही समय लगेगा।
अत: कुल समय = 3s + 3s = 6 सेकेंड
अत: गेंद की अधिकतम ऊँचाई = 44.1 m तथा गेंद को खिलाड़ी के हाथ में वापस पहुँचने में लगने वाला समय = 6 सेकेंड उत्तर
Reference: