प्रश्न : प्रथम 50 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 50
हल एवं ब्याख्या
50
ब्याख्या
प्रथम 50 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
1, 3, 5, 7. . . . . 50वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है, क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है। अर्थात इस सूची का कॉमन डिफ्रेंस (सार्व अंतर) बराबर है।
अत: यहाँ प्रथम पद a = 1
तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 50
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।
∴ S50 = 50/2 [2 × 1 +(50 – 1)2]
= 25 [2 + 49 × 2]
= 25 [2 + 98]
= 25 × 100
= 2500
अत: प्रथम 50 विषम संख्याओं की सूची का योग = 2500
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 50 विषम संख्याओं का औसत
= 2500/50 = 50
अत: प्रथम 50 विषम संख्याओं का औसत 50 है।
प्रथम 50 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)
प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।
प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n
अत: प्रथम 50 विषम संख्याओं का औसत 50 होगा।
अत: उत्तर = 50
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