प्रश्न : प्रथम 54 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 54
हल एवं ब्याख्या
54
ब्याख्या
प्रथम 54 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
1, 3, 5, 7. . . . . 54वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है, क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है। अर्थात इस सूची का कॉमन डिफ्रेंस (सार्व अंतर) बराबर है।
अत: यहाँ प्रथम पद a = 1
तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 54
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।
∴ S54 = 52/2 [2 × 1 +(54 – 1)2]
= 27 [2 + 53 × 2]
= 27 [2 + 106]
= 27 × 108
= 2916
अत: प्रथम 54 विषम संख्याओं की सूची का योग = 2916
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 54 विषम संख्याओं का औसत
= 2916/54 = 54
अत: प्रथम 54 विषम संख्याओं का औसत 54 है। उत्तर
प्रथम 54 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)
प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।
प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n
अत: प्रथम 54 विषम संख्याओं का औसत 54 होगा।
अत: उत्तर = 54
Similar Questions
(1) प्रथम 1963 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 1844 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 12 से 814 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) 12 से 424 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 771 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 1047 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 3813 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 4458 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 1798 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 3208 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?