प्रश्न : 4 से 88 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 46
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 4 से 88 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 4 से 88 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
4, 6, 8, . . . . 88
4 से 88 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 4 से 88 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 4
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 88
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 4 से 88 तक सम संख्याओं का औसत
= 4 + 88/2
= 92/2 = 46
अत: 4 से 88 तक सम संख्याओं का औसत = 46 उत्तर
विधि (2) 4 से 88 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
4 से 88 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
4, 6, 8, . . . . 88
अर्थात 4 से 88 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 4
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 88
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 4 से 88 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
88 = 4 + (n – 1) × 2
⇒ 88 = 4 + 2 n – 2
⇒ 88 = 4 – 2 + 2 n
⇒ 88 = 2 + 2 n
अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 88 – 2 = 2 n
⇒ 86 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 86
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 86/2
⇒ n = 43
अत: 4 से 88 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 43
इसका अर्थ है 88 इस सूची में 43 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 43 है।
दी गयी 4 से 88 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 4 से 88 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 43/2 (4 + 88)
= 43/2 × 92
= 43 × 92/2
= 3956/2 = 1978
अत: 4 से 88 तक की सम संख्याओं का योग = 1978
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 43
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 4 से 88 तक सम संख्याओं का औसत
= 1978/43 = 46
अत: 4 से 88 तक सम संख्याओं का औसत = 46 उत्तर
Similar Questions
(1) 4 से 652 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 3398 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) प्रथम 4460 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 1406 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 74 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 941 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 3595 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 88 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 2979 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) 6 से 1052 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?