प्रश्न : 4 से 606 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 305
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 4 से 606 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 4 से 606 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
4, 6, 8, . . . . 606
4 से 606 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 4 से 606 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 4
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 606
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 4 से 606 तक सम संख्याओं का औसत
= 4 + 606/2
= 610/2 = 305
अत: 4 से 606 तक सम संख्याओं का औसत = 305 उत्तर
विधि (2) 4 से 606 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
4 से 606 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
4, 6, 8, . . . . 606
अर्थात 4 से 606 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 4
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 606
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 4 से 606 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
606 = 4 + (n – 1) × 2
⇒ 606 = 4 + 2 n – 2
⇒ 606 = 4 – 2 + 2 n
⇒ 606 = 2 + 2 n
अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 606 – 2 = 2 n
⇒ 604 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 604
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 604/2
⇒ n = 302
अत: 4 से 606 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 302
इसका अर्थ है 606 इस सूची में 302 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 302 है।
दी गयी 4 से 606 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 4 से 606 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 302/2 (4 + 606)
= 302/2 × 610
= 302 × 610/2
= 184220/2 = 92110
अत: 4 से 606 तक की सम संख्याओं का योग = 92110
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 302
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 4 से 606 तक सम संख्याओं का औसत
= 92110/302 = 305
अत: 4 से 606 तक सम संख्याओं का औसत = 305 उत्तर
Similar Questions
(1) 8 से 126 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 656 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 50 से 320 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) 100 से 728 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 3161 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 548 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) 100 से 174 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) 8 से 54 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) 4 से 936 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 923 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?