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औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    4 से 812 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  408

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 4 से 812 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 4 से 812 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

4, 6, 8, . . . . 812

4 से 812 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 4 से 812 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 4

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 812

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 4 से 812 तक सम संख्याओं का औसत

= 4 + 812/2

= 816/2 = 408

अत: 4 से 812 तक सम संख्याओं का औसत = 408 उत्तर

विधि (2) 4 से 812 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

4 से 812 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

4, 6, 8, . . . . 812

अर्थात 4 से 812 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 4

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 812

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 4 से 812 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

812 = 4 + (n – 1) × 2

⇒ 812 = 4 + 2 n – 2

⇒ 812 = 4 – 2 + 2 n

⇒ 812 = 2 + 2 n

अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 812 – 2 = 2 n

⇒ 810 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 810

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 810/2

⇒ n = 405

अत: 4 से 812 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 405

इसका अर्थ है 812 इस सूची में 405 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 405 है।

दी गयी 4 से 812 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 4 से 812 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 405/2 (4 + 812)

= 405/2 × 816

= 405 × 816/2

= 330480/2 = 165240

अत: 4 से 812 तक की सम संख्याओं का योग = 165240

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 405

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 4 से 812 तक सम संख्याओं का औसत

= 165240/405 = 408

अत: 4 से 812 तक सम संख्याओं का औसत = 408 उत्तर


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