प्रश्न : 4 से 874 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 439
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 4 से 874 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 4 से 874 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
4, 6, 8, . . . . 874
4 से 874 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 4 से 874 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 4
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 874
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 4 से 874 तक सम संख्याओं का औसत
= 4 + 874/2
= 878/2 = 439
अत: 4 से 874 तक सम संख्याओं का औसत = 439 उत्तर
विधि (2) 4 से 874 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
4 से 874 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
4, 6, 8, . . . . 874
अर्थात 4 से 874 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 4
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 874
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 4 से 874 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
874 = 4 + (n – 1) × 2
⇒ 874 = 4 + 2 n – 2
⇒ 874 = 4 – 2 + 2 n
⇒ 874 = 2 + 2 n
अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 874 – 2 = 2 n
⇒ 872 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 872
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 872/2
⇒ n = 436
अत: 4 से 874 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 436
इसका अर्थ है 874 इस सूची में 436 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 436 है।
दी गयी 4 से 874 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 4 से 874 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 436/2 (4 + 874)
= 436/2 × 878
= 436 × 878/2
= 382808/2 = 191404
अत: 4 से 874 तक की सम संख्याओं का योग = 191404
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 436
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 4 से 874 तक सम संख्याओं का औसत
= 191404/436 = 439
अत: 4 से 874 तक सम संख्याओं का औसत = 439 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 2574 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 4900 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 50 से 454 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 3241 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 357 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) 100 से 216 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) 5 से 99 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 1829 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 2375 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 4415 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?