10upon10.com

औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    4 से 934 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  469

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 4 से 934 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 4 से 934 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

4, 6, 8, . . . . 934

4 से 934 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 4 से 934 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 4

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 934

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 4 से 934 तक सम संख्याओं का औसत

= 4 + 934/2

= 938/2 = 469

अत: 4 से 934 तक सम संख्याओं का औसत = 469 उत्तर

विधि (2) 4 से 934 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

4 से 934 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

4, 6, 8, . . . . 934

अर्थात 4 से 934 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 4

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 934

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 4 से 934 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

934 = 4 + (n – 1) × 2

⇒ 934 = 4 + 2 n – 2

⇒ 934 = 4 – 2 + 2 n

⇒ 934 = 2 + 2 n

अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 934 – 2 = 2 n

⇒ 932 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 932

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 932/2

⇒ n = 466

अत: 4 से 934 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 466

इसका अर्थ है 934 इस सूची में 466 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 466 है।

दी गयी 4 से 934 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 4 से 934 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 466/2 (4 + 934)

= 466/2 × 938

= 466 × 938/2

= 437108/2 = 218554

अत: 4 से 934 तक की सम संख्याओं का योग = 218554

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 466

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 4 से 934 तक सम संख्याओं का औसत

= 218554/466 = 469

अत: 4 से 934 तक सम संख्याओं का औसत = 469 उत्तर


Similar Questions

(1) प्रथम 3394 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) प्रथम 1702 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) 4 से 82 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) प्रथम 4469 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 4435 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 2688 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) 6 से 616 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) 5 से 387 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 1000 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) प्रथम 900 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?