🏡 Home
    1. औसत
    2. प्रतिशत
    3. आयु संबंधी प्रश्न
    4. लाभ हानि
    5. समय और दूरी
    6. साधारण ब्याज
    1. Math
    2. Chemistry
    3. Chemistry Hindi
    4. Biology
    5. Exemplar Solution
    1. 11th physics
    2. 11th physics-hindi
    1. Science 10th (English)
    2. Science 10th (Hindi)
    3. Mathematics
    4. Math (Hindi)
    5. Social Science
    1. Science (English)
    2. 9th-Science (Hindi)
    1. 8th-Science (English)
    2. 8th-Science (Hindi)
    3. 8th-math (English)
    4. 8th-math (Hindi)
    1. 7th Math
    2. 7th Math(Hindi)
    1. Sixth Science
    2. 6th Science(hindi)
    1. Five Science
    1. Science (English)
    2. Science (Hindi)
    1. Std 10 science
    2. Std 4 science
    3. Std two EVS
    4. Std two Math
    5. MCQs Math
    6. एमoसीoक्यूo गणित
    7. Civil Service
    1. General Math (Hindi version)
    1. About Us
    2. Contact Us
10upon10.com

औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    6 से 488 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  247

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 6 से 488 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 6 से 488 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

6, 8, 10, . . . . 488

6 से 488 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 6 से 488 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 6

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 488

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 6 से 488 तक सम संख्याओं का औसत

= 6 + 488/2

= 494/2 = 247

अत: 6 से 488 तक सम संख्याओं का औसत = 247 उत्तर

विधि (2) 6 से 488 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

6 से 488 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

6, 8, 10, . . . . 488

अर्थात 6 से 488 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 6

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 488

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 6 से 488 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

488 = 6 + (n – 1) × 2

⇒ 488 = 6 + 2 n – 2

⇒ 488 = 6 – 2 + 2 n

⇒ 488 = 4 + 2 n

अब 4 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 488 – 4 = 2 n

⇒ 484 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 484

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 484/2

⇒ n = 242

अत: 6 से 488 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 242

इसका अर्थ है 488 इस सूची में 242 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 242 है।

दी गयी 6 से 488 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 6 से 488 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 242/2 (6 + 488)

= 242/2 × 494

= 242 × 494/2

= 119548/2 = 59774

अत: 6 से 488 तक की सम संख्याओं का योग = 59774

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 242

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 6 से 488 तक सम संख्याओं का औसत

= 59774/242 = 247

अत: 6 से 488 तक सम संख्याओं का औसत = 247 उत्तर


Similar Questions

(1) प्रथम 3233 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) प्रथम 4750 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 16 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) 4 से 882 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 2610 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 1647 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 2763 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 1063 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 1837 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) प्रथम 4206 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?