🏡 Home
    1. औसत
    2. प्रतिशत
    3. आयु संबंधी प्रश्न
    4. लाभ हानि
    5. समय और दूरी
    6. साधारण ब्याज
    1. Math
    2. Chemistry
    3. Chemistry Hindi
    4. Biology
    5. Exemplar Solution
    1. 11th physics
    2. 11th physics-hindi
    1. Science 10th (English)
    2. Science 10th (Hindi)
    3. Mathematics
    4. Math (Hindi)
    5. Social Science
    1. Science (English)
    2. 9th-Science (Hindi)
    1. 8th-Science (English)
    2. 8th-Science (Hindi)
    3. 8th-math (English)
    4. 8th-math (Hindi)
    1. 7th Math
    2. 7th Math(Hindi)
    1. Sixth Science
    2. 6th Science(hindi)
    1. Five Science
    1. Science (English)
    2. Science (Hindi)
    1. Std 10 science
    2. Std 4 science
    3. Std two EVS
    4. Std two Math
    5. MCQs Math
    6. एमoसीoक्यूo गणित
    7. Civil Service
    1. General Math (Hindi version)
    1. About Us
    2. Contact Us
10upon10.com

औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    50 से 722 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  386

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 50 से 722 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 50 से 722 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

50, 52, 54, . . . . 722

50 से 722 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 50 से 722 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 50

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 722

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 50 से 722 तक सम संख्याओं का औसत

= 50 + 722/2

= 772/2 = 386

अत: 50 से 722 तक सम संख्याओं का औसत = 386 उत्तर

विधि (2) 50 से 722 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

50 से 722 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

50, 52, 54, . . . . 722

अर्थात 50 से 722 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 50

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 722

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 50 से 722 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

722 = 50 + (n – 1) × 2

⇒ 722 = 50 + 2 n – 2

⇒ 722 = 50 – 2 + 2 n

⇒ 722 = 48 + 2 n

अब 48 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 722 – 48 = 2 n

⇒ 674 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 674

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 674/2

⇒ n = 337

अत: 50 से 722 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 337

इसका अर्थ है 722 इस सूची में 337 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 337 है।

दी गयी 50 से 722 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 50 से 722 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 337/2 (50 + 722)

= 337/2 × 772

= 337 × 772/2

= 260164/2 = 130082

अत: 50 से 722 तक की सम संख्याओं का योग = 130082

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 337

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 50 से 722 तक सम संख्याओं का औसत

= 130082/337 = 386

अत: 50 से 722 तक सम संख्याओं का औसत = 386 उत्तर


Similar Questions

(1) 8 से 922 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) 50 से 380 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 1220 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) 6 से 516 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 1445 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 4144 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) 12 से 346 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 1757 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 4637 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) प्रथम 1896 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?