प्रश्न : 5 से 281 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 143
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 5 से 281 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 5 से 281 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं
5, 7, 9, . . . . 281
5 से 281 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 5 से 281 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 5
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 281
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 5 से 281 तक विषम संख्याओं का औसत
= 5 + 281/2
= 286/2 = 143
अत: 5 से 281 तक विषम संख्याओं का औसत = 143 उत्तर
विधि (2) 5 से 281 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
5 से 281 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
5, 7, 9, . . . . 281
अर्थात 5 से 281 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 5
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 281
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 5 से 281 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
281 = 5 + (n – 1) × 2
⇒ 281 = 5 + 2 n – 2
⇒ 281 = 5 – 2 + 2 n
⇒ 281 = 3 + 2 n
अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 281 – 3 = 2 n
⇒ 278 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 278
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 278/2
⇒ n = 139
अत: 5 से 281 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 139
इसका अर्थ है 281 इस सूची में 139 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 139 है।
दी गयी 5 से 281 तक विषम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 5 से 281 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 139/2 (5 + 281)
= 139/2 × 286
= 139 × 286/2
= 39754/2 = 19877
अत: 5 से 281 तक की विषम संख्याओं का योग = 19877
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 139
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 5 से 281 तक विषम संख्याओं का औसत
= 19877/139 = 143
अत: 5 से 281 तक विषम संख्याओं का औसत = 143 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 4371 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 50 से 902 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) प्रथम 2835 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) 4 से 948 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) 100 से 580 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 2833 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 4033 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) 4 से 1090 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 134 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 2514 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?