🏡 Home
    1. औसत
    2. प्रतिशत
    3. आयु संबंधी प्रश्न
    4. लाभ हानि
    5. समय और दूरी
    6. साधारण ब्याज
    1. Math
    2. Chemistry
    3. Chemistry Hindi
    4. Biology
    5. Exemplar Solution
    1. 11th physics
    2. 11th physics-hindi
    1. Science 10th (English)
    2. Science 10th (Hindi)
    3. Mathematics
    4. Math (Hindi)
    5. Social Science
    1. Science (English)
    2. 9th-Science (Hindi)
    1. 8th-Science (English)
    2. 8th-Science (Hindi)
    3. 8th-math (English)
    4. 8th-math (Hindi)
    1. 7th Math
    2. 7th Math(Hindi)
    1. Sixth Science
    2. 6th Science(hindi)
    1. Five Science
    1. Science (English)
    2. Science (Hindi)
    1. Std 10 science
    2. Std 4 science
    3. Std two EVS
    4. Std two Math
    5. MCQs Math
    6. एमoसीoक्यूo गणित
    7. Civil Service
    1. General Math (Hindi version)
    1. About Us
    2. Contact Us
10upon10.com

औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    5 से 363 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  184

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 5 से 363 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 5 से 363 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं

5, 7, 9, . . . . 363

5 से 363 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 5 से 363 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 5

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 363

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 5 से 363 तक विषम संख्याओं का औसत

= 5 + 363/2

= 368/2 = 184

अत: 5 से 363 तक विषम संख्याओं का औसत = 184 उत्तर

विधि (2) 5 से 363 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

5 से 363 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

5, 7, 9, . . . . 363

अर्थात 5 से 363 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 5

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 363

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 5 से 363 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

363 = 5 + (n – 1) × 2

⇒ 363 = 5 + 2 n – 2

⇒ 363 = 5 – 2 + 2 n

⇒ 363 = 3 + 2 n

अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 363 – 3 = 2 n

⇒ 360 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 360

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 360/2

⇒ n = 180

अत: 5 से 363 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 180

इसका अर्थ है 363 इस सूची में 180 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 180 है।

दी गयी 5 से 363 तक विषम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 5 से 363 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 180/2 (5 + 363)

= 180/2 × 368

= 180 × 368/2

= 66240/2 = 33120

अत: 5 से 363 तक की विषम संख्याओं का योग = 33120

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 180

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 5 से 363 तक विषम संख्याओं का औसत

= 33120/180 = 184

अत: 5 से 363 तक विषम संख्याओं का औसत = 184 उत्तर


Similar Questions

(1) प्रथम 3876 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) 50 से 826 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) 6 से 1024 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) प्रथम 2055 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 331 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) 6 से 122 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 2041 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 598 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 2253 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) 6 से 724 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?