प्रश्न : 5 से 575 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर 290
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 5 से 575 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 5 से 575 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं
5, 7, 9, . . . . 575
5 से 575 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 5 से 575 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 5
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 575
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 5 से 575 तक विषम संख्याओं का औसत
= 5 + 575/2
= 580/2 = 290
अत: 5 से 575 तक विषम संख्याओं का औसत = 290 उत्तर
विधि (2) 5 से 575 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
5 से 575 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
5, 7, 9, . . . . 575
अर्थात 5 से 575 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 5
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 575
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 5 से 575 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
575 = 5 + (n – 1) × 2
⇒ 575 = 5 + 2 n – 2
⇒ 575 = 5 – 2 + 2 n
⇒ 575 = 3 + 2 n
अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 575 – 3 = 2 n
⇒ 572 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 572
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 572/2
⇒ n = 286
अत: 5 से 575 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 286
इसका अर्थ है 575 इस सूची में 286 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 286 है।
दी गयी 5 से 575 तक विषम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 5 से 575 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 286/2 (5 + 575)
= 286/2 × 580
= 286 × 580/2
= 165880/2 = 82940
अत: 5 से 575 तक की विषम संख्याओं का योग = 82940
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 286
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 5 से 575 तक विषम संख्याओं का औसत
= 82940/286 = 290
अत: 5 से 575 तक विषम संख्याओं का औसत = 290 उत्तर
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