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पदार्थ: धातु और अधातु - आठवीं विज्ञान

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एनसीईआरटी प्रश्नावली के हल


प्रश्न संख्या (1) निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है?

(a) जिंक

(b) फॉस्फोरस

(c) सल्फर

(d) ऑक्सीजन

उत्तर (a) जिंक

ब्याख्या धातु अघातवर्धनीय होते हैं। अघातवर्धनीयता धातु का एक अभिलाक्षणिक गुण होता है।

दिये गये विकल्पों में केवल (a) जिंक ही एक धातु है तथा अन्य सभी अधातु हैं। अत: विकल्प (a) जिंक ही सही उत्तर है।

प्रश्न संख्या (2) निम्नलिखित में कौन सा कथन सही है?

(a) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।

(b) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।

(c) सामान्यत: धातुएँ तन्य होती हैं।

(d) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।

उत्तर (a) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।

ब्याख्या तन्यता धातु का एक अभिलाक्षणिक गुण है जिसके कारण धातुओं को खींचकर तार बनाया जा सकता है।

अत: विकल्प (a) सभी धातुएँ तन्य होती हैं। सही उत्तर है।

प्रश्न संख्या (3) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

(a) फॉस्फोरस बहुत ________ अधातु है।

उत्तर (a) फॉस्फोरस बहुत अभिक्रियाशील अधातु है।

ब्याख्या फॉस्फोरस एक बहुत ही अभिक्रियाशील अधातु है। फॉस्फोरस को हवा में रखने पर यह जलने लगता है। चूँकि अधातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है, इसलिए फॉस्फोरस को जल में संग्रहित किया जाता है।

(b) धातुएँ उष्मा और ______ की ______ होती हैं।

Answer (b) धातुएँ उष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।

ब्याख्या सुचालकता धातु का एक अभिलाक्षणिक गुण है। सभी धातुएँ विद्युत तथा उष्मा के चालक होते हैं। यही कारण है कि बिजली के तार तथा खाने बनाने के बर्तन धातुओं के बने होते हैं।

अधातुएँ विद्युत और उष्मा के कुचालक होते हैं। परंतु ग्रेफाइट जो कि एक अधातु कार्बन का ही अपरूप है विद्युत का चालक होता है।

(c) आयरन, कॉपर की अपेक्षा ________ अभिक्रियाशील है।

उत्तर (c) आयरन, कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है।

ब्याख्या आयरन के कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होने के कारण जब आयरन को कॉपर सल्फेट के जलीय विलयन में डाला जाता है, तो आयरन कॉपर को विस्थापित कर आयरन सल्फेट बनाता है। ऐसे अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।

(d) धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर _______ गैस बनाती हैं।

उत्तर (d) धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाती हैं।

ब्याख्या अधिकांश धातुएँ अम्लों के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाती हैं। जैसे कि जब जिंक धातु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस तथा जिंक सल्फेट बनता है।

प्रश्न संख्या (4) यदि कथन सही है तो 'T' और यदि गलत है तो कोष्टक में 'F' लिखिए।

(a) सामान्यत: अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं।

उत्तर: F

ब्याख्या सामान्यत: अधातु अम्लों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। लेकिन धातुएँ अम्लों के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन बनाती हैं।

(b) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।

उत्तर T

ब्याख्या सोडियम एक बहुत ही अभिक्रियाशील धातु है। सोडियम जल के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है प्रतिक्रिया इतनी तेज होती है कि इस प्रतिक्रिया के क्रम में आग लग जाती है तथा सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनता है। सोडियम हवा में उपस्थित नमी के साथ भी तुरत प्रतिक्रिया करने लगता है, इसलिए सोडियम को किरासन तेल में संग्रहित किया जाता है।

(c) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।

उत्तर F

ब्याख्या कॉपर, जिंक से कम अभिक्र्याशील है। जिसके कारण कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक को विस्थापित नहीं कर पाता है। इसलिए जब कॉपर को जिंक सल्फेट के जलीय विलयन में डाला जाता है तो कोई प्रतिक्रिय नहीं होती है।

(d) कोयले को खींच कर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।

उत्तर F

ब्याख्या: अधातु तन्य नहीं होते हैं। चूँकि कोयला, कार्बन जो कि एक अधातु है का एक रूप है, अत: कोयले को खींचकर तारें प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।

प्रश्न संख्या (5) नीचे दी गयी सारणी में गुणों की सूची दी गयी है। इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अंतर कीजिए।

ग़ुण धातु अधातु
(1) दिखावट    
(2) कठोरता    
(3) अघातवर्धनीयता    
(4) तन्यता    
उष्मा चालन    
विद्युत चालन    

उत्तर

गुण धातु अधातु
दिखावट चमकीला अचमकीला (डल)
कठोरता कठोर नरम (कम कठोर)
अघातवर्धनीयता अघातवर्धनीय अ-अघातवर्धनीय (हथौड़े से पीटने पर टूट जाने वाले)
तन्यता तन्य अ-तन्य (खींचने पर टूट जाने वाला)
उष्मा चालन उष्मा का सुचालक उष्मा का कुचालक
विद्युत चालन विद्युत का सुचालक विद्युत का कुचालक

प्रश्न संख्या (6)निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए:

(a) ऐलुमिनिय्म की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।

उत्तर जब ऐलुमिनियम हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से अभिक्रिया करता है, तो उसके ऊपर एलुमिनियम ऑक्साइड की एक पतली परत जम जाती है। एलुमिनियम ऑक्साइड की यह पतली परत एलुमिनियम को किसी दूसरे पदार्थ से अभिक्रिया करने से रोक देती है।

यही कारण है कि ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है ताकि एलुमिनियम की पन्नी के ऊपर जमी हुई एलुमिनियम ऑक्साइड की पतली परत खाद्य सामग्री को किसी दूसरे पदार्थ से अभिक्रिया कर खराब होने से बचाये रखे और लपेटी गयी खाद्य सामग्री अधिक समय तक खराब नहीं हो।

(b) निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं।

उत्तरचूँकि धातु विद्युत का सुचालक होती हैं इसलिए निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं ताकि उसे विद्युत से जोड़कर पानी गर्म किया जा सके।

(c) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।

Answer कॉपर, जिंक से कम क्रियाशील होता है जिसके कारण कॉपर जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता। वहीं दूसरी ओर जिंक, कॉपर को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर देता है।

(d) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।

उत्तर सोडियम और पोटैशियम अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु हैं, जो कि हवा में उपस्थित जल के कणों से भी प्रतिक्रिया करते हैं। यही कारण है कि सोडियम और पोटैशियम को हवा में उपस्थित जल के कणों से अभिक्रिया करने से सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी के तेल में संरक्षित किया जाता है।

प्रश्न संख्या (7) क्या आप नींबू के अचार को एलुमिनियम पात्रों में रख सकते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर नहीं, आप नींबू के अचार को एलुमिनियम पात्रों में नहीं रख सकते हैं। इसका कारण यह है कि धातु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाता है। चूँकि एलुमिनियम एक धातु है तथा नींबू में अम्ल रहता है अत: नींबू के अचार को एलुमिनियम के पात्रों में रखने पर वह नींबू में वर्तमान अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर अचार को खराब कर देगा।

प्रश्न संख्या (8) नीचे दी गई सारणी के कॉलम I में कुछ पदार्थ दिये गये हैं। कॉलम II में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम I के पदार्थों का कॉलम II से सही मिलान करिए।

कॉलम I कॉलम II
(1) गोल्ड (1) थर्मामीटर
(2) आयरन (2) बिजली के तार
(3) एलुमिनियम (3) खाद्य सामग्री लपेटना
(4) कार्बन (4) आभूषण
(5) कॉपर (5) मशीनें
(6) मर्करी (6) ईंधन

उत्तर

कॉलम I कॉलम II
(1) गोल्ड (4) आभूषण
(2) आयरण (5) मशीनें
(3) एलुमिनियम (3) खाद्य सामग्री लपेटना
(4) कार्बन (6) ईंधन
(5) कॉपर (2) बिजली के तार
(6) मर्करी (1) थर्मामीटर

प्रश्न संख्या (9) क्या होता है जब (संबंधित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए)

(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है?

उत्तर

कॉपर एक बहुत ही कम अभिक्रियाशील धातु है, तथा तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। कॉपर अधिक तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है लेकिन थोड़ी अधिक सान्द्रता वाले सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है।

जब थोड़ा अधिक सान्द्रता वाले सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाता है।

कॉपर (Cu) + सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) ⟶ हाइड्रोजन (H2) + कॉपर सल्फेट (CuSO4)

हालाँकि कॉपर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ बिल्कुल ही प्रतिक्रिया नहीं करता है जबकि सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ करता है।

(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है?

उत्तर जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में रखा जाता है, तो लोहा कॉपर को विस्थापित कर देता है तथा लोहे का सल्फेट (आयरन सल्फेट) बनाता है।

लोहे की कील (Fe) + कॉपर सल्फेट (CuSO4) ⟶ लोहे का सल्फेट (आयरन सल्फेट) (FeSO4) + कॉपर (Cu)

इस समीकरण में कॉपर सल्फेट का नीला रंग, आयरन सल्फेट के बनने के कारण हल्के हरे रंग में बदल जाता है।

प्रश्न संख्या (10) सलोनी ने लकड़ी के कोयले का एक जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया -

(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?

(b) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।

उत्तर

(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?

वह गैस की प्रकृति को परखनली के मुँह के पास जल से गीला किया हुआ लिटमस पेपर को ले जाकर करेगी।

जब जल से भीगा हुआ नीला लिटमस पेपर परखनली के मुँह के पास ले जाया जाता है तो वह लाल हो जाता है, यह बतलाता है कि परखनली में जमा किया गया गैस आम्लिक है।

(b) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।

जब लकड़ी के कोयले को जलाया जाता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।

लकड़ी का कोयला (कार्बन) + हवा (ऑक्सीजन) ⟶ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

जब जल से भीगे हुए नीले लिटमस पेपर को परखनली के मुँह के पास ले जाया जाता है, तो परखनली में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड गैस जल के साथ अभिक्रिया कर कार्बोनिक अम्ल बनाती है, जो नीले लिटमस पेपर को लाल रंग में बदल देती है।

कार्बन डाइऑक्साइड (CO2 + जल (H2) ⟶ कार्बोनिक अम्ल (H2CO3)

प्रश्न संख्या (11) एक दिन रीता अपनी माँ के साथ आभूषण बिक्रेता की दुकान पर गयी। उसकी माँ ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिये। अगले दिन जब वे आभूषण वापस लायी तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है। क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं?

उत्तर

एक्वारेजिया एक बहुत ही शक्तिशाली अम्ल है जिसे एक भाग नाइट्रिक अम्ल तथा 3 भाग हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिला कर बनाया जाता है। एक्वारेजिया सोने को घुला सकता है जिसे बाद में रासायनिक विधि से फिर वापस प्राप्त किया जा सकता है।

एक्वारेजिया का उपयोग सोने को साफ करने में किया जाता है। सोने के गहनों को साफ करने में एक्वारेजिया की बहुत ही थोड़ी मात्रा का उपयोग किया जाता है। लेकिन कुछ चालाक सोनार सोने के गहनों को साफ करने के क्रम में अधिक एक्वारेजिया का उपयोग कर गहनों से सोने के कुछ भाग को उसमें घुला लेते हैं, तथा बाद में सोना वापस प्राप्त कर लेते हैं।

अत: रीता की माँ ने सोने के गहने को साफ कराने के बाद जब वापस लाई तो उन्होंने पाया कि उसका भार कुछ कम हो गया है, क्योंकि सोनार ने साफ करते समय उनका कुछ सोना चुरा लिया था।




Reference:


(1) By Ben Mills - Own work, Public Domain, Link

(2) By Cory Doctorow aka gruntzoki on Flickr - https://www.flickr.com/photos/doctorow/2288526230/, CC BY-SA 2.0, Link

(3) By Weißer_Phosphor.JPG: BXXXD at de.wikipediaPhosphor_rot.jpg: TomihahndorfPhosphor-rot-violett.jpg: Maksimderivative work: Materialscientist (talk) - Weißer_Phosphor.JPGPhosphor_rot.jpgPhosphor-rot-violett.jpg, CC BY-SA 3.0, Link

(4) By LHcheM - Own work, CC BY-SA 3.0, Link