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पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण - आठवीं विज्ञान

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एनसीईआरटी प्रश्नावली का हल भाग:2


पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण प्रश्न संख्या (4) क्या होगा यदि :-

(क) हम बृक्षों की कटाई करते रहे?

उत्तर

बृक्ष भोजन बनाने के प्रक्रम कार्बन डायऑक्साइड का अवशोषण करते हैं तथा ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। सभी जानवर श्वास में ऑक्सीजन लेते हैं तथा कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं।

सभी जानवर पौधों द्वारा बनाये गये भोजन को ग्रहण करते हैं।

इस तरह सभी जानवर परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से पौधे पर निर्भर हैं।

अत: यदि हम बृक्षों की लगातार कटाई करते रहे तो एक दिन सारे बृक्ष खत्म हो जायेंगे जिससे सभी पृथ्वी पर जीवन खत्म हो जायेगा।

(b) किसी जंतु का आवास बाधित हो?

उत्तर

पारितंत्र को व्यवस्थित रखने के लिए सभी जानवर महत्वपूर्ण हैं। जैसे कि चील तथा गिद्ध मरे हुए तथा सड़ रहे जानवरों को खाकर वातावरण को प्रदूषण से मुक्त रखते हैं। इसके साथ ही सभी जानवर मिलकर फुड चेन (भोजन जाल) बनाते हैं जिसमें जानवर एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं।

अत: यदि हम किसी जंतु के आवास को बाधित करते हैं तो वह जानवर विलुप्त हो सकते हैं। जिससे पारितंत्र बाधित हो जायेगा और भोजन जाल टूट सकता है। इस तरह मनुष्य के अस्तित्व को भी खतरा हो सकता है और पृथ्वी पर जीवन खत्म हो सकता है।

(c) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाये?

उत्तर

मिट्टी की ऊपरी परत में ह्युमस रहता है जिससे मिट्टी ऊपजाऊ बनी रहती है। इसके साथ ही मिट्टी की ऊपरी परत के अनावरित होने से निचली परत वाली कठोर चट्टान ऊपर आ जायेगी। अत: यदि मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाये उसकी ऊपजाऊ क्षमता खत्म हो जायेगी और मरूस्थलीकरण हो सकता है। इससे अनाज की ऊपज कम हो जायेगी और अकाल और अन्य प्राकृतिक आपदायें आ सकती है।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षन प्रश्न संख्या (5) संक्षेप में उत्तर दीजिए

(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?

उत्तर

जैव विविधता या जैविक विविधता का अर्थ है पृथ्वी पर पाये जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पर्यावरण से उनका संबध।

हम जानते हैं कि पारितंत्र और पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए जैवविविधता आवश्यक है। यदि पारितंत्र और जैवविविधता बाधित होता है तो यह पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

अत: जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है ताकि पृथ्वी पर जीवन बचा रहे।

(b) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं क्यों?

उत्तर

सरकार द्वारा वनों को संरक्षित करने के लिए कई नियम और नीतियाँ बनायी गयी है।

संरक्षित वनों यथा जैवमंडल संरक्षित क्षेत्र, वन्यजीव अभयारण्य, नेशनल पार्क, आदि में किसी बृक्ष की कटाई, किसी भी जानवर को पकड़ना या मारना अपराध है। बाबजूद इसके आस पास रहने वाले लोग जंगलों में जाकर अवैध रूप से बृक्षों को काट लेते हैं तथा जानवरों पकड़ लेते हैं या मार देते हैं। इस तरह वे वनों को और उसमें रहने वाले जंतुओं को हानि हानि पहुँचाते हैं।

अत: लोगों की स्वार्थ सिद्धि के लिए उनके विभिन्न क्रियाकलापों के कारण संरक्षित वनों में भी वन्यजीवन पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह गये हैं।

(c) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। कैसे?

उत्तर

वैसे लोग जो प्राय: जंगलों में या उनके आसपास रहते हैं, आदिवासी कहलाते हैं। आदिवासी अपनी जीविकोपार्जन के लिए प्राय: वनों पर निर्भर होते हैं। आदिवासी लोग जंगल से लकड़ियाँ, रेसिन, पत्ते आदि एकत्रित करते हैं तथा उन्हें बाजार में बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं।

हालाँकि सरकार ने आदिवासियों की भलाई के लिए कई कार्यक्रम चला रखा है, बाबजूद इसके बहुत सारे आदिवासी आज भी जीविकोपार्जन के लिए वनों पर निर्भर हैं।

(d) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं?

उत्तर

वनोन्मूलन के कारकों को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है: पहला मानव निर्मित और दूसरा प्राकृतिक

खेती के लिए, रोड, नहर, फैक्ट्रियाँ आदि बनाने के लिए बृक्षों की कटाई कर भूमि वनरहित किया जाना वनोन्मूलन के मानव निर्मित कारक हैं।

तथा भूकम्प, बाढ़, सूखा, गर्मियों में जंगलों में आग लग जाने आदि से बृक्षों का नष्ट हो जाना वनोन्मूलन के कुछ प्राकृतिक कारक हैं।

वनोन्मूलन के प्रभाव

पृथ्वी के तापमान में बढोत्तरी, प्रदूषण का बढ़ना, भूमि जल के स्तर का निम्नीकरण, मरूस्थलीकरण, बाढ़, सूखा आदि वनोन्मूलन के कुछ हानिकारक प्रभाव हैं।

(e) रेड डाटा पुस्तक क्या है?

उत्तर

रेड डाटा पुस्तक एक प्रकार की पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(f) प्रवास से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

कुछ समय के लिए पक्षी, तथा जानवरों का उनके प्राकृतिक बास स्थान को छोड़कर भोजन, जीविकोपार्जन आदि के लिए दूसरे जगह पर जाकर रहना प्रवास कहलाता है।

मूल बास स्थान पर हुए मौसम में प्रतिकूल परिवर्तन के कारण बहुत सारे पक्षी भोजन आदि की तालाश में और अंडे आदि देने के लिए कुछ समय के लिए दूसरे इलाके में चले जाते हैं। ऐसे पक्षियों को प्रवासी पक्षी कहा जाता है।

मनुष्य भी अपने मूल स्थान को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में जीविकोपार्जन की तालाश में जाते हैं, यह भी प्रवास कहलाता है।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण प्रश्न संख्या (6) फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए बृक्षों की कटाई न्यायसंगत है? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।

उतर

फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई न्यायसंगत नहीं है।

बृक्षों की अनवरत कटाई के कुछ हानिकारक प्रभाव निम्नलिखित हैं:

(a) पृथ्वी के तापमान के स्तर में बृद्धि

(b) प्रदूषण के स्तर में बृद्धि

(c) भूमि जल के स्तर का निम्नीकरण

(d) सूखा

(e) मरूस्थलीकरण

(f) मिट्टी के उपजाऊ शक्ति का ह्रास

(g) वनों से मिलने वाले सामग्रियों में गिरावट

बृक्षों की अनवरत कटाई से होने वाले कुछ प्रभाव इतने हानिकारक हैं कि इससे पृथ्वी पर जीवन खतरे में आ सकता है।

अत: पृथ्वी और उसपर के जीवन को बचाने के लिए बृक्षों का संरक्षण आवश्यक है।

पौधे एवं वनों का संरक्षण प्रश्न संख्या (7) अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाये रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।

उत्तर

निम्नांकित तरीकों को अपनाकर हम अपने क्षेत्र में हरियाली बनाये रख सकते हैं:

(i) अपने स्थानीय क्षेत्र के बृक्षों की कटाई को रोककर।

(ii) अधिक से अधिक बृक्षों को लगाकर।

(iii) यदि किसी परिस्थिति में कोई बृक्ष काटा जाता है तो उस स्थान पर नया बृक्ष लगाकर।

(iv) अपने आसपास के पार्कों के बृक्षों को संरक्षित कर।

(v) अपने आसपास के पार्कों की सफाई पर ध्यान देकर।

(vi) बृक्षों के महत्व पर एक जागरूकता अभियान चलाकर।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण प्रश्न संख्या (8) वनोन्मूलन से बर्षा दर किस प्रकार कम हुई है? समझाइए।

उत्तर

वाष्पन (ट्रांसपिरेशन) के क्रम में पौधे जलवाष्प बाहर निकालते हैं।

बृक्षों द्वारा छोड़े गये ये जलवाष्प उसके आसपास के बादल का घनत्व बढ़ा देते हैं। इस तरह बादल घनीभूत होकर अधिक बृक्षों वाले जगहों पर बर्षा कराने में सहायक होते हैं।

अत: अधिक पेड़ होने से वाष्पन की दर अधिक होगी फलस्वरूप अधिक वर्षा होगी।

अत: वनोन्मूलन के कारण कम वर्षा होगी जिसके फलस्वरूप सूखा और आकाल की संभावन बढ़ जायेगी।

पौधे एवं वनों का संरक्षण प्रश्न संख्या (9) अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।

उत्तर

भारत के कुछ राष्ट्रीय उद्यानों की सूची

राष्ट्रीय उद्यान का नाम राज्य
अनामुदी शोला नेशनल पार्क केरल
अंशी नेशनल पार्क कर्नाटक
बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश
बांदीपुर नेशनल पार्क कर्नाटक
बेतला नेशनल पार्क झारखंड
भीतरकनिका उड़िसा
दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश
गिर फॉरेस्ट नेशनल पार्क गुजरात
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड

पौधे एवं वनों का संरक्षण प्रश्न संख्या (10) हमें कागज की बचत क्यों करना चाहिए? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं।

उत्तर

कागज को बनाने के लिए बृक्षों की आवश्यकता होती है। अर्थात अधिक कागज की माँग को पूरा करने के लिए अधिक बृक्षों को काटने की आवश्यकता होगी। अत: बृक्षों को बचाने के लिए कागज की बचत आवश्यक है।

कागज की बचत थ्री "आर" सिद्धांत का उपयोग कर की जा सकती है।

ये तीन "आर" का अर्थ है पहला: "रिड्यूस अर्थात कागज के उपयोग को कम किया जाना" दूसरा "रीयूज अर्थात उपयोग किये गये कागज का पुन: उपयोग" तथा तीसरा "रीसायकिल अर्थात उपयोग किये गये कागज का पुन: चक्रण"

(i) अत: हमें कागज के उपयोग को कम करना होगा। अर्थात, कागज का न्यायसंगत उपयोग।

(ii) हमें उपयोग किये गये कागज के खाली स्थानों को फिर से उपयोग करना चाहिए। जैसे उपयोग किये गये कॉपी के पन्नों में खाली स्थानों रफ कार्य के लिए उपयोग करना चाहिए।

(iii) उपयोग किये गये कागज को पुन: चक्रण करने के लिए भेजना चाहिए।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण प्रश्न संख्या (11) दी गयी शब्द पहेली को पूरा कीजिए

ऊपर से नीचे की ओर

1. विलुप्त स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक

2. पौधे, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों ई किस्में एवं विभिन्नताएँ

बायीं से दायीं ओर

2. पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाये जाते हैं

3. विलुप्त हुयी स्पीशीज

4. एक विशिष्ट आवास में पायी जाने वाली स्पीशीज

उत्तर

ऊपर से नीचे

1. रेड डाटा पुस्तक

2. जैव विविधता

बायीं से दायीं ओर

2. जैवमंडल

3. संकटापन्न

4. विशेष क्षेत्री




Reference: