प्रश्न : प्रथम 25 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
25
हल एवं ब्याख्या
25
ब्याख्या:
प्रथम 25 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
1, 3, 5, 7. . . . . 25वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है; क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है।
अत: यहाँ प्रथम पद; a = 1
तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 25
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।
∴ S25 = 25/2 [2 × 1 +(25 – 1)2]
= 25/2 [2 + 24 × 2]
= 25/ 2 [2 + 48]
= 25/2 × 50 25
= 25 × 25
= 625
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 25 विषम संख्याओं का औसत
= 625/25 = 25
अत: प्रथम 25 विषम संख्याओं का औसत 25 है।
प्रथम 25 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)
प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।
प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n
उसी प्रकार प्रथम 25 विषम संख्याओं का औसत 25 होगा।
अत: उत्तर = 25
Similar Questions
(1) प्रथम 1278 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 12 से 272 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 8 से 1086 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) 100 से 276 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) 50 से 262 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 4863 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 851 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 4445 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 4904 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 4471 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?