प्रश्न : प्रथम 60 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
60
हल एवं ब्याख्या
60
ब्याख्या
प्रथम 60 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
1, 3, 5, 7, 9. . . . . 60वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है, क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है। अर्थात इस सूची का कॉमन डिफ्रेंस (सार्व अंतर) बराबर है।
अत: यहाँ प्रथम पद a = 1
तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 60
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।
∴ S60 = 60/2 [2 × 1 +(60 – 1)2]
= 30 [2 + 59 × 2]
= 30 [2 + 118]
= 30 × 120
= 3600
अत: प्रथम 60 विषम संख्याओं की सूची का योग = 3600
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 60 विषम संख्याओं का औसत
= प्रथम 60 विषम संख्याओं का योग/60
= 3600/60 = 60
अत: प्रथम 60 विषम संख्याओं का औसत 60 है। उत्तर
प्रथम 60 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)
प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।
प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n
अत: प्रथम 60 विषम संख्याओं का औसत 60 होगा।
अत: उत्तर = 60
Similar Questions
(1) 4 से 738 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 4977 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 6 से 676 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 296 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 3914 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) 12 से 690 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) 50 से 116 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) 6 से 954 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) 50 से 236 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 179 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?