औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    प्रथम 62 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  62

हल एवं ब्याख्या

62

ब्याख्या

औसत ज्ञात करने की विधि

चरण : 1 औसत ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम हमें दी गयी संख्याओं का योग ज्ञात करना होगा।

चरण: 2 दी गयी संख्याओं का योग ज्ञात हो जाने के पश्चात, इस योग में दी गयी संख्याओं की संख्या से भाग देने पर औसत प्राप्त हो जायेगा।

प्रश्न का हल

प्रथम 62 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी

1, 3, 5, 7, 9. . . . . 62वें पद तक

प्रथम 62 विषम संख्याओं के योग की गणना

यह सूची समांतर श्रेणी में है, क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है। अर्थात इस सूची का कॉमन डिफ्रेंस (सार्व अंतर) बराबर है।

अत: यहाँ प्रथम पद a = 1

तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2

तथा पदों की संख्या n = 62

एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग

Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।

∴ S62 = 62/2 [2 × 1 +(62 – 1)2]

= 31 [2 + 61 × 2]

= 31 [2 + 122]

= 31 × 124

= 3884

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं की सूची का योग = 3884

प्रथम n विषम संख्याओं के योग का सूत्र

प्रथम n विषम संख्याओं का योग = n2

प्रश्न में n = 62

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं की सूची का योग = 622 = 3884

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं की सूची का योग = 3884

प्रथम 62 विषम संख्याओं के औसत की गणना

अब हम जानते हैं कि

औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं का औसत

= प्रथम 62 विषम संख्याओं का योग/62

= 3884/62 = 62

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं का औसत 62 है। उत्तर

प्रथम 62 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)

प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।

प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।

प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।

प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।

अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n

अत: प्रथम 62 विषम संख्याओं का औसत 62 होगा।

अत: उत्तर = 62


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