औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    प्रथम 86 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  86

हल एवं ब्याख्या

86

ब्याख्या

औसत ज्ञात करने की विधि

चरण : 1 औसत ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम हमें दी गयी संख्याओं का योग ज्ञात करना होगा।

चरण: 2 दी गयी संख्याओं का योग ज्ञात हो जाने के पश्चात, इस योग में दी गयी संख्याओं की संख्या से भाग देने पर औसत प्राप्त हो जायेगा।

प्रथम 86 विषम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी

1, 3, 5, 7, 9. . . . . 86 वें पद तक

प्रथम 86 विषम संख्याओं के योग की गणना

यह सूची समांतर श्रेणी में है, क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है। अर्थात इस सूची का कॉमन डिफ्रेंस (सार्व अंतर) बराबर है।

अत: यहाँ प्रथम पद a = 1

तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2

तथा पदों की संख्या n = 86

एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग

Sn = n/2 [2a+(n – 1)d] होता है।

∴ S86 = 86/2 [2 × 1 +(86 – 1)2]

= 43 [2 + 85 × 2]

= 43 [2 + 170]

= 43 × 172

= 7396

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं की सूची का योग = 7396

प्रथम n विषम संख्याओं के योग की गणना का सूत्र [ट्रिक (लघु विधि)]:

प्रथम n विषम संख्याओं का योग = n2

प्रश्न के अनुसार, n = 86

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं की सूची का योग = 862 = 7396

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं की सूची का योग = 7396

प्रथम 86 विषम संख्याओं के औसत की गणना

अब हम जानते हैं कि

औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं का औसत

= प्रथम 86 विषम संख्याओं का योग/86

= 7396/86 = 86

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं का औसत 86 है। उत्तर

प्रथम 86 विषम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)

प्रथम 2 विषम संख्याओं का औसत 2 होता है।

प्रथम 3 विषम संख्याओं का औसत 3 होता है।

प्रथम 4 विषम संख्याओं का औसत 4 होता है।

प्रथम 5 विषम संख्याओं का औसत 5 होता है।

अर्थात प्रथम n विषम संख्याओं का औसत = n

अत: प्रथम 86 विषम संख्याओं का औसत 86 होगा।

अत: उत्तर = 86


Similar Questions

(1) प्रथम 2596 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) प्रथम 2565 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 2307 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) 6 से 482 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 2518 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 1180 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 1353 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 765 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) 5 से 451 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) 4 से 402 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


फ्री बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए गणित।

बैंक पी ओ, एस एस सी, आर आर बी, आर बी आई, सी सैट, सी टेट, आइ बी पी एस, एम बी ए, कैट, मैट, जी मैट, सब इंसपेक्टर ऑफ पुलिस, सी बी आई, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, आदि परीक्षाओं के लिए सामान्य गणित।

छ्ठवीं, सातवीं तथा आठवीं क्लास के लिए गणित। बहुविकल्पीय प्रश्न एवं उत्तर।

बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र/जाँच पत्र/परीक्षण पत्र (एमoसीoक्यूoटेस्ट) के लिए किसी भी इ-मेल आइडी या लॉगिन या शुल्क (फी) की आवश्यकता नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।

सामान्य गणित बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित