प्रश्न : प्रथम 14 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
15
हल एवं ब्याख्या
15
ब्याख्या:
प्रथम 14 सम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
2, 4, 6. . . . 14वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है; क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है।
अत: यहाँ प्रथम पद; a = 2
तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 14
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2 [2a + (n – 1)d] होता है।
∴ S14 = 14/2 [2 × 2 +(14 – 1)2]
= 7[4 +(13 ×2)]
= 7[4 + 26]
= 7 × 30
= 210
अत: प्रथम 14 सम संख्याओं का योग = 210
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 14 सम संख्याओं का औसत
= प्रथम 14 सम संख्याओं का योग/14
= 210/14 = 15
अत: प्रथम 14 सम संख्याओं का औसत 15 है।
प्रथम 14 सम संख्याओं का औसत निकालने की लघु विधि
प्रथम 2 सम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 3 सम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 4 सम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n सम संख्याओं का औसत = n+1
उसी प्रकार प्रथम 14 सम संख्याओं का औसत = 14 + 1 = 15 होगा।
अत: उत्तर = 15
Similar Questions
(1) 6 से 436 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 100 से 370 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 50 से 918 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 2356 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 3277 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) 12 से 960 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 3425 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 224 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) 12 से 936 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 1615 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?