प्रश्न : प्रथम 25 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
26
हल एवं ब्याख्या
26
ब्याख्या:
प्रथम 25 सम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी
2, 4, 6. . . . 25वें पद तक
यह सूची समांतर श्रेणी में है; क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है।
अत: यहाँ प्रथम पद; a = 2
तथा सार्व अंतर ( कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2
तथा पदों की संख्या n = 25
एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग
Sn = n/2[2a + (n – 1)d] होता है।
∴ S25 = 25/2 [2 × 2 + (25 – 1)2]
= 25/2[4 +(24 × 2)]
= 25/2[4 + 48]
= 25/2 × 52
= 25 × 26
= 650
अत: प्रथम 25 सम संख्याओं का योग = 650
अब हम जानते हैं कि
औसत = दी गयी संख्याओं का योग /दी गयी संख्याओं की संख्या
अत: प्रथम 25 सम संख्याओं का औसत
= प्रथम 25 सम संख्याओं का योग/25
= 650/25 = 26
अत: प्रथम 25 सम संख्याओं का औसत 26 है।
प्रथम 25 सम संख्याओं का औसत निकालने का ट्रिक (लघु विधि)
प्रथम 2 सम संख्याओं का औसत 3 होता है।
प्रथम 3 सम संख्याओं का औसत 4 होता है।
प्रथम 4 सम संख्याओं का औसत 5 होता है।
अर्थात प्रथम n सम संख्याओं का औसत = n+1
उसी प्रकार प्रथम 25 सम संख्याओं का औसत 26 होगा।
अत: उत्तर = 26
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