औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    प्रथम 50 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  51

हल एवं ब्याख्या

51

ब्याख्या:

प्रथम 50 सम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी

2, 4, 6,. . . . . . 50वें पद तक

यह सूची समांतर श्रेणी में है; क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है।

अत: यहाँ प्रथम पद; a = 2

तथा सार्व अंतर ( कॉमन डिफ्रेंस ) d = 2

तथा पदों की संख्या n = 50

एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग

Sn = n/2[2a+(n – 1)d] होता है।

∴ S50 = 50/2 [2 × 2 + (50 – 1)2]

= 25[4+(49 × 2)]

= 25[4+98]

= 25 × 102

= 2550

अब प्रथम 50 सम संख्याओं का औसत

= 2550/50 = 51

अत: प्रथम 50 सम संख्याओं का औसत 51 है।

प्रथम 50 सम संख्याओ का औसत निकालने की लघु विधि

प्रथम 2 सम संख्याओं का औसत 3 होता है।

प्रथम 3 सम संख्याओं का औसत 4 होता है।

प्रथम 4 सम संख्याओं का औसत 5 होता है।

अर्थात प्रथम n सम संख्याओं का औसत = n+1

उसी प्रकार प्रथम 50 सम संख्याओं का औसत 51 होगा।

अत:उत्तर = 51


Similar Questions

(1) 6 से 544 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) प्रथम 247 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 1134 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) प्रथम 1321 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 1603 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 1627 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 4504 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 1669 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 547 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) प्रथम 2039 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?


फ्री बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए गणित।

बैंक पी ओ, एस एस सी, आर आर बी, आर बी आई, सी सैट, सी टेट, आइ बी पी एस, एम बी ए, कैट, मैट, जी मैट, सब इंसपेक्टर ऑफ पुलिस, सी बी आई, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, आदि परीक्षाओं के लिए सामान्य गणित।

छ्ठवीं, सातवीं तथा आठवीं क्लास के लिए गणित। बहुविकल्पीय प्रश्न एवं उत्तर।

बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र/जाँच पत्र/परीक्षण पत्र (एमoसीoक्यूoटेस्ट) के लिए किसी भी इ-मेल आइडी या लॉगिन या शुल्क (फी) की आवश्यकता नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।

सामान्य गणित बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित