औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    प्रथम 100 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  101

हल एवं ब्याख्या

101

ब्याख्या:

प्रथम 100 सम संख्याएँ निम्नांकित सूची बनायेगी

2, 4, 6, . . . . 100वें पद तक

यह सूची समांतर श्रेणी में है; क्योंकि प्रत्येक अगला पद उसके पिछले पद में एक निश्चित संख्यां 2 के जोड़ने से प्राप्त होता है।

अत: यहाँ प्रथम पद; a = 2

तथा सार्व अंतर (कॉमन डिफ्रेंस )d = 2

तथा पदों की संख्या n = 100

एक समांतर श्रेणी के n पदों का योग

Sn = n/2 [2a +(n – 1)d] होता है।

∴ S100 = 100/2 [2 × 2 + (100 – 1)2]

= 50[4+(99 × 2)]

= 50[4 + 198]

= 50 × 202

=10100

अब प्रथम 100 सम संख्याओं का औसत

= 10100/100 = 101

अत: प्रथम 100 सम संख्याओं का औसत 101 है।

प्रथम 100 सम संख्याओं का औसत निकालने की लघु विधि

प्रथम 2 सम संख्याओं का औसत 3 होता है।

प्रथम 3 सम संख्याओं का औसत 4 होता है।

प्रथम 4 सम संख्याओं का औसत 5 होता है।

अर्थात प्रथम n सम संख्याओं का औसत = n+1

उसी प्रकार प्रथम 100 सम संख्याओं का औसत 101 होगा।

अत: उत्तर 101


Similar Questions

(1) प्रथम 4906 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) प्रथम 1461 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 4763 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) प्रथम 1935 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 439 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) प्रथम 924 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 2671 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 606 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) 6 से 142 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) 8 से 444 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


फ्री बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए गणित।

बैंक पी ओ, एस एस सी, आर आर बी, आर बी आई, सी सैट, सी टेट, आइ बी पी एस, एम बी ए, कैट, मैट, जी मैट, सब इंसपेक्टर ऑफ पुलिस, सी बी आई, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, आदि परीक्षाओं के लिए सामान्य गणित।

छ्ठवीं, सातवीं तथा आठवीं क्लास के लिए गणित। बहुविकल्पीय प्रश्न एवं उत्तर।

बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र/जाँच पत्र/परीक्षण पत्र (एमoसीoक्यूoटेस्ट) के लिए किसी भी इ-मेल आइडी या लॉगिन या शुल्क (फी) की आवश्यकता नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।

सामान्य गणित बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित