औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    4 से 762 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  383

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 4 से 762 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 4 से 762 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

4, 6, 8, . . . . 762

4 से 762 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 4 से 762 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 4

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 762

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 4 से 762 तक सम संख्याओं का औसत

= 4 + 762/2

= 766/2 = 383

अत: 4 से 762 तक सम संख्याओं का औसत = 383 उत्तर

विधि (2) 4 से 762 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

4 से 762 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

4, 6, 8, . . . . 762

अर्थात 4 से 762 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 4

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 762

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 4 से 762 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

762 = 4 + (n – 1) × 2

⇒ 762 = 4 + 2 n – 2

⇒ 762 = 4 – 2 + 2 n

⇒ 762 = 2 + 2 n

अब 2 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 762 – 2 = 2 n

⇒ 760 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 760

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 760/2

⇒ n = 380

अत: 4 से 762 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 380

इसका अर्थ है 762 इस सूची में 380 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 380 है।

दी गयी 4 से 762 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 4 से 762 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 380/2 (4 + 762)

= 380/2 × 766

= 380 × 766/2

= 291080/2 = 145540

अत: 4 से 762 तक की सम संख्याओं का योग = 145540

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 380

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 4 से 762 तक सम संख्याओं का औसत

= 145540/380 = 383

अत: 4 से 762 तक सम संख्याओं का औसत = 383 उत्तर


Similar Questions

(1) 50 से 662 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(2) 100 से 924 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(3) प्रथम 811 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(4) प्रथम 426 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(5) प्रथम 1861 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(6) 5 से 493 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(7) प्रथम 1721 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(8) प्रथम 4626 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(9) प्रथम 4240 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(10) प्रथम 2989 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


फ्री बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए गणित।

बैंक पी ओ, एस एस सी, आर आर बी, आर बी आई, सी सैट, सी टेट, आइ बी पी एस, एम बी ए, कैट, मैट, जी मैट, सब इंसपेक्टर ऑफ पुलिस, सी बी आई, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, आदि परीक्षाओं के लिए सामान्य गणित।

छ्ठवीं, सातवीं तथा आठवीं क्लास के लिए गणित। बहुविकल्पीय प्रश्न एवं उत्तर।

बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र/जाँच पत्र/परीक्षण पत्र (एमoसीoक्यूoटेस्ट) के लिए किसी भी इ-मेल आइडी या लॉगिन या शुल्क (फी) की आवश्यकता नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।

सामान्य गणित बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र हल सहित