प्रश्न : 6 से 114 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
60
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 6 से 114 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 6 से 114 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
6, 8, 10, . . . . 114
6 से 114 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 6 से 114 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 6
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 114
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 6 से 114 तक सम संख्याओं का औसत
= 6 + 114/2
= 120/2 = 60
अत: 6 से 114 तक सम संख्याओं का औसत = 60 उत्तर
विधि (2) 6 से 114 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
6 से 114 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
6, 8, 10, . . . . 114
अर्थात 6 से 114 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 6
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 114
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 6 से 114 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
114 = 6 + (n – 1) × 2
⇒ 114 = 6 + 2 n – 2
⇒ 114 = 6 – 2 + 2 n
⇒ 114 = 4 + 2 n
अब 4 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 114 – 4 = 2 n
⇒ 110 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 110
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 110/2
⇒ n = 55
अत: 6 से 114 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 55
इसका अर्थ है 114 इस सूची में 55 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 55 है।
दी गयी 6 से 114 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 6 से 114 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 55/2 (6 + 114)
= 55/2 × 120
= 55 × 120/2
= 6600/2 = 3300
अत: 6 से 114 तक की सम संख्याओं का योग = 3300
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 55
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 6 से 114 तक सम संख्याओं का औसत
= 3300/55 = 60
अत: 6 से 114 तक सम संख्याओं का औसत = 60 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 4585 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 559 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 100 से 790 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) 6 से 742 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 2098 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 4312 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 3062 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 121 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 1991 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) 8 से 942 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?