प्रश्न : 8 से 756 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
382
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 8 से 756 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 8 से 756 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
8, 10, 12, . . . . 756
8 से 756 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 8 से 756 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 8
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 756
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 8 से 756 तक सम संख्याओं का औसत
= 8 + 756/2
= 764/2 = 382
अत: 8 से 756 तक सम संख्याओं का औसत = 382 उत्तर
विधि (2) 8 से 756 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
8 से 756 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
8, 10, 12, . . . . 756
अर्थात 8 से 756 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 8
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 756
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 8 से 756 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
756 = 8 + (n – 1) × 2
⇒ 756 = 8 + 2 n – 2
⇒ 756 = 8 – 2 + 2 n
⇒ 756 = 6 + 2 n
अब 6 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 756 – 6 = 2 n
⇒ 750 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 750
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 750/2
⇒ n = 375
अत: 8 से 756 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 375
इसका अर्थ है 756 इस सूची में 375 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 375 है।
दी गयी 8 से 756 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 8 से 756 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 375/2 (8 + 756)
= 375/2 × 764
= 375 × 764/2
= 286500/2 = 143250
अत: 8 से 756 तक की सम संख्याओं का योग = 143250
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 375
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 8 से 756 तक सम संख्याओं का औसत
= 143250/375 = 382
अत: 8 से 756 तक सम संख्याओं का औसत = 382 उत्तर
Similar Questions
(1) 12 से 134 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 4 से 1152 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) प्रथम 3059 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 3072 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) 4 से 638 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 793 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) 12 से 192 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 1667 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 2965 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 2698 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?