प्रश्न : 12 से 226 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
119
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 12 से 226 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 12 से 226 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं
12, 14, 16, . . . . 226
12 से 226 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 12 से 226 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 12
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 226
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 12 से 226 तक सम संख्याओं का औसत
= 12 + 226/2
= 238/2 = 119
अत: 12 से 226 तक सम संख्याओं का औसत = 119 उत्तर
विधि (2) 12 से 226 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
12 से 226 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
12, 14, 16, . . . . 226
अर्थात 12 से 226 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 12
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 226
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 12 से 226 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
226 = 12 + (n – 1) × 2
⇒ 226 = 12 + 2 n – 2
⇒ 226 = 12 – 2 + 2 n
⇒ 226 = 10 + 2 n
अब 10 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 226 – 10 = 2 n
⇒ 216 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 216
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 216/2
⇒ n = 108
अत: 12 से 226 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 108
इसका अर्थ है 226 इस सूची में 108 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 108 है।
दी गयी 12 से 226 तक सम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 12 से 226 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 108/2 (12 + 226)
= 108/2 × 238
= 108 × 238/2
= 25704/2 = 12852
अत: 12 से 226 तक की सम संख्याओं का योग = 12852
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 108
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 12 से 226 तक सम संख्याओं का औसत
= 12852/108 = 119
अत: 12 से 226 तक सम संख्याओं का औसत = 119 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 804 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) प्रथम 839 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) प्रथम 4375 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 4310 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 3739 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) 8 से 304 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 1949 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 2516 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) 12 से 984 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 4240 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?