औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :    100 से 384 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?


सही उत्तर  242

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 100 से 384 तक सम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार सम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार सम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार सम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 100 से 384 तक की सम संख्याएँ निम्नांकित हैं

100, 102, 104, . . . . 384

100 से 384 तक सम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार सम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि सम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 100 से 384 तक सम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 100

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 384

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 100 से 384 तक सम संख्याओं का औसत

= 100 + 384/2

= 484/2 = 242

अत: 100 से 384 तक सम संख्याओं का औसत = 242 उत्तर

विधि (2) 100 से 384 तक दी गयी सम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार सम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

100 से 384 तक की सम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

100, 102, 104, . . . . 384

अर्थात 100 से 384 तक की सम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 100

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 384

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 100 से 384 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

384 = 100 + (n – 1) × 2

⇒ 384 = 100 + 2 n – 2

⇒ 384 = 100 – 2 + 2 n

⇒ 384 = 98 + 2 n

अब 98 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 384 – 98 = 2 n

⇒ 286 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 286

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 286/2

⇒ n = 143

अत: 100 से 384 तक सम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 143

इसका अर्थ है 384 इस सूची में 143 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 143 है।

दी गयी 100 से 384 तक सम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 100 से 384 तक की सम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 143/2 (100 + 384)

= 143/2 × 484

= 143 × 484/2

= 69212/2 = 34606

अत: 100 से 384 तक की सम संख्याओं का योग = 34606

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 143

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 100 से 384 तक सम संख्याओं का औसत

= 34606/143 = 242

अत: 100 से 384 तक सम संख्याओं का औसत = 242 उत्तर


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