प्रश्न : 5 से 413 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
209
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 5 से 413 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 5 से 413 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं
5, 7, 9, . . . . 413
5 से 413 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 5 से 413 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 5
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 413
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 5 से 413 तक विषम संख्याओं का औसत
= 5 + 413/2
= 418/2 = 209
अत: 5 से 413 तक विषम संख्याओं का औसत = 209 उत्तर
विधि (2) 5 से 413 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
5 से 413 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
5, 7, 9, . . . . 413
अर्थात 5 से 413 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 5
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 413
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 5 से 413 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
413 = 5 + (n – 1) × 2
⇒ 413 = 5 + 2 n – 2
⇒ 413 = 5 – 2 + 2 n
⇒ 413 = 3 + 2 n
अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 413 – 3 = 2 n
⇒ 410 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 410
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 410/2
⇒ n = 205
अत: 5 से 413 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 205
इसका अर्थ है 413 इस सूची में 205 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 205 है।
दी गयी 5 से 413 तक विषम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 5 से 413 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 205/2 (5 + 413)
= 205/2 × 418
= 205 × 418/2
= 85690/2 = 42845
अत: 5 से 413 तक की विषम संख्याओं का योग = 42845
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 205
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 5 से 413 तक विषम संख्याओं का औसत
= 42845/205 = 209
अत: 5 से 413 तक विषम संख्याओं का औसत = 209 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 4897 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 8 से 762 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) 100 से 280 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) यदि पाँच क्रमागत सम संख्याओं का औसत 16 है, इन संख्याओं में से सबसे बड़ी संख्या क्या है?
(5) प्रथम 2085 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 3334 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 4819 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) प्रथम 2350 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 1953 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 455 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?