प्रश्न : 5 से 415 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
सही उत्तर
210
हल एवं ब्याख्या
हल
विधि (1) 5 से 415 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि
लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक
चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।
समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत
= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2
अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न में दिये गये 5 से 415 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं
5, 7, 9, . . . . 415
5 से 415 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।
इस 5 से 415 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में
प्रथम पद (a) = 5
सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 415
चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2
अत: 5 से 415 तक विषम संख्याओं का औसत
= 5 + 415/2
= 420/2 = 210
अत: 5 से 415 तक विषम संख्याओं का औसत = 210 उत्तर
विधि (2) 5 से 415 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना
दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना
5 से 415 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं
5, 7, 9, . . . . 415
अर्थात 5 से 415 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें
प्रथम पद (a) = 5
दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2
तथा अंतिम पद (ℓ) = 415
दी गयी संख्याओं का औसत
= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।
दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना
समांतर श्रेणी में n वां पद
an = a + (n – 1) d
जहाँ
a = प्रथम पद
d = सार्व अंतर
n = पदों की कुल संख्या
तथा an = n वां पद
अत: दिये गये 5 से 415 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए
415 = 5 + (n – 1) × 2
⇒ 415 = 5 + 2 n – 2
⇒ 415 = 5 – 2 + 2 n
⇒ 415 = 3 + 2 n
अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ 415 – 3 = 2 n
⇒ 412 = 2 n
उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर
⇒ 2 n = 412
अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर
⇒ n = 412/2
⇒ n = 206
अत: 5 से 415 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 206
इसका अर्थ है 415 इस सूची में 206 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 206 है।
दी गयी 5 से 415 तक विषम संख्याओं के योग की गणना
समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)
= n/2 (a + ℓ)
जहाँ, n = पदों की संख्या
a = प्रथम पद
तथा , ℓ = अंतिम पद
अत: 5 से 415 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग
= 206/2 (5 + 415)
= 206/2 × 420
= 206 × 420/2
= 86520/2 = 43260
अत: 5 से 415 तक की विषम संख्याओं का योग = 43260
तथा संख्याओं की कुल संख्या = 206
चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत
= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या
अत: 5 से 415 तक विषम संख्याओं का औसत
= 43260/206 = 210
अत: 5 से 415 तक विषम संख्याओं का औसत = 210 उत्तर
Similar Questions
(1) प्रथम 4467 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(2) 50 से 688 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(3) प्रथम 1991 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(4) प्रथम 4195 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(5) प्रथम 4419 विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(6) प्रथम 1462 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(7) प्रथम 3782 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(8) 8 से 196 तक की सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(9) प्रथम 4430 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?
(10) प्रथम 3720 सम संख्याओं का औसत कितना होगा?