औसत
गणित एमoसीoक्यूo


प्रश्न :  ( 1 of 10 )  5 से 501 तक की विषम संख्याओं का औसत कितना होगा?

(A)   ₹ 3565
(B)  ₹ 3100
(C)   ₹ 4092
(D)   ₹ 3069
आपने चुना था   255

सही उत्तर  253

हल एवं ब्याख्या

हल

विधि (1) 5 से 501 तक विषम संख्याओं के औसत ज्ञात करने की लघु विधि

लगातार विषम संख्याओं के औसत निकालने का शॉर्टकट ट्रिक

चूँकि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर समान होता है, अत: लगातार विषम संख्याएँ समांतर श्रेणी में होती हैं।

समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत

= प्रथम पद (a) + अंतिम पद (ℓ)/2

अत: इस सूत्र का उपयोग कर लगातार विषम संख्याओं का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न में दिये गये 5 से 501 तक की विषम संख्याएँ निम्नांकित हैं

5, 7, 9, . . . . 501

5 से 501 तक विषम संखाओं की सूची के पर्यवेक्षण से पता लगता है कि दो लगातार विषम संख्याओं का अंतर बराबर है। इसका अर्थ है कि विषम संख्याओं की लगातार सूची समांतर श्रेणी में होती हैं।

इस 5 से 501 तक विषम संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं, में

प्रथम पद (a) = 5

सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 501

चूँकि समांतर श्रेणी में निहित संख्याओं का औसत = a + ℓ/2

अत: 5 से 501 तक विषम संख्याओं का औसत

= 5 + 501/2

= 506/2 = 253

अत: 5 से 501 तक विषम संख्याओं का औसत = 253 उत्तर

विधि (2) 5 से 501 तक दी गयी विषम संख्याओं का योग निकालकर औसत निकालना

दिये गये लगातार विषम संख्याओं का योग निकालकर उनके औसत की गणना

5 से 501 तक की विषम संख्या निम्नांकित सूची बनाती हैं

5, 7, 9, . . . . 501

अर्थात 5 से 501 तक की विषम संख्याओं की सूची एक समांतर श्रेणी बनाती हैं जिसमें

प्रथम पद (a) = 5

दो लगातार पदों का अंतर अर्थात सार्व अंतर (d) = 2

तथा अंतिम पद (ℓ) = 501

दी गयी संख्याओं का औसत

= संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अर्थात दी गयी संख्याओं का औसत निकालने के लिए सर्वप्रथम उनका योग ज्ञात करना होता है तथा संख्याओं की कुल संख्या ज्ञात कर उससे संख्याओं के योग में भाग देना होता है।

दी गयी संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या की गणना

समांतर श्रेणी में n वां पद

an = a + (n – 1) d

जहाँ

a = प्रथम पद

d = सार्व अंतर

n = पदों की कुल संख्या

तथा an = n वां पद

अत: दिये गये 5 से 501 तक के संख्याओं की सूची जो समांतर श्रेणी में हैं के लिए

501 = 5 + (n – 1) × 2

⇒ 501 = 5 + 2 n – 2

⇒ 501 = 5 – 2 + 2 n

⇒ 501 = 3 + 2 n

अब 3 को बायें पक्ष (LHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ 501 – 3 = 2 n

⇒ 498 = 2 n

उपरोक्त व्यंजक को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2 n = 498

अब 2 को दायें पक्ष (RHS) में पक्षांतरित करने पर

⇒ n = 498/2

⇒ n = 249

अत: 5 से 501 तक विषम संख्याओं में कुल पदों अर्थात संख्याओं की संख्या = 249

इसका अर्थ है 501 इस सूची में 249 वां पद है। अर्थात इस सूची में संख्याओं की कुल संख्या 249 है।

दी गयी 5 से 501 तक विषम संख्याओं के योग की गणना

समांतर श्रेणी में सभी पदों का योग (S)

= n/2 (a + ℓ)

जहाँ, n = पदों की संख्या

a = प्रथम पद

तथा , ℓ = अंतिम पद

अत: 5 से 501 तक की विषम संख्याओं में सभी पदों का योग

= 249/2 (5 + 501)

= 249/2 × 506

= 249 × 506/2

= 125994/2 = 62997

अत: 5 से 501 तक की विषम संख्याओं का योग = 62997

तथा संख्याओं की कुल संख्या = 249

चूँकि दी गयी संख्याओं का औसत

= दी गयी संख्याओं का योग/संख्याओं की कुल संख्या

अत: 5 से 501 तक विषम संख्याओं का औसत

= 62997/249 = 253

अत: 5 से 501 तक विषम संख्याओं का औसत = 253 उत्तर


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