प्रश्न : यदि मोलू एक कीबोर्ड को 188% के लाभ पर ₹ 2016 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस कीबोर्ड का क्रय मूल्य क्या था?
सही उत्तर
₹700
हल एवं ब्याख्या
हल
क्रय मूल्य ज्ञात करना जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
विधि (1) फॉर्मूला की सहायता से क्रय मूल्य ज्ञात करना
सूत्र की सहायता से क्रय मूल्य की गणना जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत दिया गया है
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹ 2016
तथा लाभ = 188%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
क्रय मूल्य की गणना का सूत्र जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
क्रय मूल्य (CP) = 100/100 + लाभ% × बिक्रय मूल्य
अत: बिक्रय मूल्य (CP)
= 100/100 + 188 × 2016
= 100/288 × 2016
= 201600/288 = 700
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹700 उत्तर
विधि (2) बीजगणितीय विधि से क्रय मूल्य की गणना
बीजगणितीय विधि से क्रय मूल्य (CP) की गणना जब बिक्रय मूल्य (SP) तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
मान लिया कि क्रय मूल्य (CP) = m
यहाँ दिया गया है, लाभ = 188%
लाभ की गणना
लाभ ज्ञात करने का सूत्र
लाभ = क्रय मूल्य × लाभ%
अत: क्रय मूल्य ( m) पर लाभ
= m × लाभ %
= 188% × m
= 188/100 × m
⇒ लाभ = 188 m/100
क्रय मूल्य की गणना (CP)
जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ ज्ञात हो, तो बिक्रय मूल्य की गणना के सूत्र में, बिक्रय मूल्य तथा लाभ रख कर क्रय मूल्य की गणना की जाती है।
बिक्रय मूल्य (SP) ज्ञात करने का सूत्र
बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) + लाभ
⇒ 2016 = m + 188 m/100
⇒ 2016 = 100 m + 188 m/100
⇒ 2016 = 288 m/100
बज्र गुणन से हम पाते हैं कि
2016 × 100 = 288 m
⇒ 288 m = 2016 × 100
⇒ m = 2016 × 100/288
⇒ m = 2016 × 100/288
⇒ m = 201600/288 = 700
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹700 उत्तर
विधि (3) एकिक नियम
एकिक नियम से क्रय मूल्य की गणना
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹2016
तथा लाभ = 188%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
मान लिया कि क्रय मूल्य (CP) = 100
अत: लाभ = 100 का 188% = 188
अत: बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) + लाभ
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 100 + 188
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 288
∵ यदि बिक्रय मूल्य (SP) ₹288 है तो क्रय मूल्य (CP) = 100
∴ यदि बिक्रय मूल्य (SP) ₹ 1 है तो , क्रय मूल्य (CP)
= 100/288
∴ यदि बिक्रय मूल्य (SP) is ₹ 2016 है तो क्रय मूल्य (CP)
= 100/288 × 2016
= 100 × 2016/288 = 700
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹700 उत्तर
विधि (4) लघु विधि (1)
क्रय मूल्य ज्ञात करने की लघु विधि जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹2016
तथा लाभ = 188%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) का 288%
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 288% × क्रय मूल्य
⇒ 2016 = 288/100 × क्रय मूल्य
⇒ 2016 = 288 × क्रय मूल्य/100
बज्र गुणन से हम पाते हैं कि
⇒ 2016 × 100 = 288 × क्रय मूल्य
⇒ 288 × क्रय मूल्य = 2016 × 100
⇒ क्रय मूल्य = 2016 × 100/288
⇒ क्रय मूल्य = 201600/288 = 700
⇒ क्रय मूल्य = ₹700 उत्तर
विधि (5) लघु विधि (2)
क्रय मूल्य ज्ञात करने की लघु विधि (2)
यहाँ बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत दिया गया है, तथा क्रय मूल्य ज्ञात करना है
प्रश्न के अनुसार लाभ = 188%
तथा बिक्रय मूल्य = ₹ 2016
इसका अर्थ है कि 100 + लाभ% × क्रय मूल्य = बिक्रय मूल्य
⇒ 100 + 188% × क्रय मूल्य = ₹ 2016
⇒ 288% क्रय मूल्य = ₹2016
अत: 1% क्रय मूल्य = 2016/288
अत: 100% क्रय मूल्य = 2016/288 × 100
= 201600/288 = ₹700
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹700 उत्तर
Similar Questions
(1) यदि सुरेश एक ग्लास को 468% के लाभ पर ₹ 11928 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस ग्लास का क्रय मूल्य क्या था?
(2) 281% के लाभ पर राकेश एक मार्कर को ₹ 10706.1 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(3) यदि किसी सामान को ₹ 12.75 में बेचने पर एक दुकानदार को 15% की हानि होती है, तो क्रय मूल्य ज्ञात करें।
(4) 60% की हानि पर अभिषेक एक पेंसिल को ₹ 718 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस पेंसिल को कितने में खरीदा गया था?
(5) एक दुकानदार ने 25 रू प्रति किलो की दर से 40 किलो चावल खरीदा; तथा उसे 23.75 रूपये की दर से बेच दिया तो, उसके कितने प्रतिशत का लाभ या हानि हुई?
(6) यदि गजेंद्र एक मार्कर को 137% के लाभ पर ₹ 1054.65 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस मार्कर का क्रय मूल्य क्या था?
(7) 186% के लाभ पर जोगिंदर एक पेंसिल को ₹ 5319.6 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(8) यदि अभिनव एक कॉपी को 110% के लाभ पर ₹ 651 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस कॉपी का क्रय मूल्य क्या था?
(9) 153% के लाभ पर महेश एक बैग को ₹ 3870.9 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(10) यदि सोहन एक काढ़ा को 75% के लाभ पर ₹ 236.25 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस काढ़ा का क्रय मूल्य क्या था?