प्रश्न : यदि शिवम एक रूमाल को 204% के लाभ पर ₹ 2371.2 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस रूमाल का क्रय मूल्य क्या था?
सही उत्तर
₹780
हल एवं ब्याख्या
हल
क्रय मूल्य ज्ञात करना जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
विधि (1) फॉर्मूला की सहायता से क्रय मूल्य ज्ञात करना
सूत्र की सहायता से क्रय मूल्य की गणना जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत दिया गया है
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹ 2371.2
तथा लाभ = 204%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
क्रय मूल्य की गणना का सूत्र जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
क्रय मूल्य (CP) = 100/100 + लाभ% × बिक्रय मूल्य
अत: बिक्रय मूल्य (CP)
= 100/100 + 204 × 2371.2
= 100/304 × 2371.2
= 237120/304 = 780
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹780 उत्तर
विधि (2) बीजगणितीय विधि से क्रय मूल्य की गणना
बीजगणितीय विधि से क्रय मूल्य (CP) की गणना जब बिक्रय मूल्य (SP) तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
मान लिया कि क्रय मूल्य (CP) = m
यहाँ दिया गया है, लाभ = 204%
लाभ की गणना
लाभ ज्ञात करने का सूत्र
लाभ = क्रय मूल्य × लाभ%
अत: क्रय मूल्य ( m) पर लाभ
= m × लाभ %
= 204% × m
= 204/100 × m
⇒ लाभ = 204 m/100
क्रय मूल्य की गणना (CP)
जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ ज्ञात हो, तो बिक्रय मूल्य की गणना के सूत्र में, बिक्रय मूल्य तथा लाभ रख कर क्रय मूल्य की गणना की जाती है।
बिक्रय मूल्य (SP) ज्ञात करने का सूत्र
बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) + लाभ
⇒ 2371.2 = m + 204 m/100
⇒ 2371.2 = 100 m + 204 m/100
⇒ 2371.2 = 304 m/100
बज्र गुणन से हम पाते हैं कि
2371.2 × 100 = 304 m
⇒ 304 m = 2371.2 × 100
⇒ m = 2371.2 × 100/304
⇒ m = 2371.2 × 100/304
⇒ m = 237120/304 = 780
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹780 उत्तर
विधि (3) एकिक नियम
एकिक नियम से क्रय मूल्य की गणना
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹2371.2
तथा लाभ = 204%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
मान लिया कि क्रय मूल्य (CP) = 100
अत: लाभ = 100 का 204% = 204
अत: बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) + लाभ
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 100 + 204
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 304
∵ यदि बिक्रय मूल्य (SP) ₹304 है तो क्रय मूल्य (CP) = 100
∴ यदि बिक्रय मूल्य (SP) ₹ 1 है तो , क्रय मूल्य (CP)
= 100/304
∴ यदि बिक्रय मूल्य (SP) is ₹ 2371.2 है तो क्रय मूल्य (CP)
= 100/304 × 2371.2
= 100 × 2371.2/304 = 780
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹780 उत्तर
विधि (4) लघु विधि (1)
क्रय मूल्य ज्ञात करने की लघु विधि जब बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत ज्ञात हो
दिया गया है, बिक्रय मूल्य (SP) = ₹2371.2
तथा लाभ = 204%
अत: क्रय मूल्य (CP) = ?
बिक्रय मूल्य (SP) = क्रय मूल्य (CP) का 304%
⇒ बिक्रय मूल्य (SP) = 304% × क्रय मूल्य
⇒ 2371.2 = 304/100 × क्रय मूल्य
⇒ 2371.2 = 304 × क्रय मूल्य/100
बज्र गुणन से हम पाते हैं कि
⇒ 2371.2 × 100 = 304 × क्रय मूल्य
⇒ 304 × क्रय मूल्य = 2371.2 × 100
⇒ क्रय मूल्य = 2371.2 × 100/304
⇒ क्रय मूल्य = 237120/304 = 780
⇒ क्रय मूल्य = ₹780 उत्तर
विधि (5) लघु विधि (2)
क्रय मूल्य ज्ञात करने की लघु विधि (2)
यहाँ बिक्रय मूल्य तथा लाभ का प्रतिशत दिया गया है, तथा क्रय मूल्य ज्ञात करना है
प्रश्न के अनुसार लाभ = 204%
तथा बिक्रय मूल्य = ₹ 2371.2
इसका अर्थ है कि 100 + लाभ% × क्रय मूल्य = बिक्रय मूल्य
⇒ 100 + 204% × क्रय मूल्य = ₹ 2371.2
⇒ 304% क्रय मूल्य = ₹2371.2
अत: 1% क्रय मूल्य = 2371.2/304
अत: 100% क्रय मूल्य = 2371.2/304 × 100
= 237120/304 = ₹780
अत: क्रय मूल्य (CP) = ₹780 उत्तर
Similar Questions
(1) 124% के लाभ पर प्रियांश एक किताब को ₹ 2777.6 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(2) यदि उदय एक चश्मा को 180% के लाभ पर ₹ 1848 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस चश्मा का क्रय मूल्य क्या था?
(3) यदि श्रीदेव एक टोपी को 62% के लाभ पर ₹ 113.4 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस टोपी का क्रय मूल्य क्या था?
(4) यदि सुरेश एक ग्लास को 468% के लाभ पर ₹ 11928 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस ग्लास का क्रय मूल्य क्या था?
(5) 198% के लाभ पर अतुल एक बोतल को ₹ 5900.4 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(6) राजीव एक कॉपी को ₹ 19.8 में बेचता है इसमें उसे 1% की हानि होती है, तो कॉपी का क्रय मूल्य कितना है?
(7) रोशन एक स्केल को ₹ 17.6 में बेचता है इसमें उसे 12% की हानि होती है, तो स्केल का क्रय मूल्य कितना है?
(8) 132% के लाभ पर वासु एक स्केल को ₹ 3062.4 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(9) 43% के लाभ पर सुकेश एक कॉपी को ₹ 614.9 में बेचता है। ज्ञात करें कि उस कॉपी को कितने में खरीदा गया था?
(10) यदि नागेंद्र एक रूमाल को 504% के लाभ पर ₹ 13771.2 में बेचता है, तो ज्ञात करें कि उस रूमाल का क्रय मूल्य क्या था?