कार्बन एवं उसके यौगिक - क्लास दसवीं विज्ञान
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परिचय एवम् महत्व
कार्बन प्रकृति में सबसे अधिक पाये जाने वाले तत्वों में 15वें स्थान पर आता है। हालाँकि कार्बन की मात्रा भूपर्पटी (Earth's crust) में मात्र 0.2% तथा वायुमंडल में मात्र 0.3% है, वावजूद इसके कार्बन का महत्व हमारे जीवन में काफी अधिक है।
कार्बन एक ऐसा तत्व है जो सभी जीवों में पाया जाता है यहाँतक कि जीवों के मरने के बाद भी कार्बन उसमें उपस्थित रहता है। कोयला, पेट्रोल तथा पेट्रोलियम उत्पाद कार्बन से बने हैं।
कार्बन का संकेत (Symbol of Carbon) = C
कार्बन की परमाणु संख्या (Atomic number of carbon) = 6
कार्बन का इलेक्ट्रोनिक विन्यास (Atomic structure of carbon) = 2, 4
कार्बन का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electrons of carbon) = 4
कार्बन की प्रकृति (Nature of carbon) = अधातु (Non-metal)
चूँकि कार्बन की संयोजकता 4 है अत: कार्बन को tetravalent कहा जाता है।
चूँकि कार्बन की संयोजकता (valency) 4 है अत: यह एक ही या अलग अलग तत्वों के चार परमाणुओं (atoms) के साथ प्रतिक्रिया कर कम्पाउंड (compound) बनाता है।
कार्बन में आबंधन– सहसंयोजी आबंध (Bonding in Carbon - The Covalent Bond)
सभी परमाणु स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) प्राप्त करने के लिये बंध (bond) बनाते हैं। अर्थात सभी परमाणु (atoms) उनके सबसे नजदीकी अक्रिय गैस (Noble gas) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) को प्राप्त करने के लिये बंध (bond) बनाकर यौगिक (compound) बनाता है।
चूँकि कार्बन की संयोजकता (valency) 4 है कार्बन निम्नांकित दो तरीकों से स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त कर सकता है।
(a) इलेक्ट्रॉन को खोकर (By losing four electrons): कर्बन अपनी बाहरी कक्षा (outermost orbit) में वर्तमान चार इलेक्ट्रॉन (electron) को खोने के पश्चात C+4 ion बनाकर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (हीलियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास) प्राप्त कर सकता है।
लेकिन कार्बन के बाहरी कक्षा (outremost orbit) से चार इलेक्ट्रॉन (electron) निकालने के लिये काफी उर्जा (energy) की आवश्यक्ता होगी। तथा बाहरी कक्षा से चार इलेक्ट्रॉन (electron) खोने के पश्चात कार्बन (carbon) की कक्षा (orbit) में मात्र दो इलेक्ट्रॉन (electron) रह जायेंगे परंतु केन्द्रक (nucleus) में छ: प्रोटॉन (proton) रहेंगे। इस स्थिति में मात्र दो इलेक्ट्रॉन (electron) के लिये केन्द्रक (nucleus) में उपस्थित छ: प्रोटॉन (proton) को संभालना असंभव हो जायेगा तथा कार्बन (carbon) का केन्द्रक (nucleus) स्थायी नहीं रह पायेगा अर्थात टूट जायेगा, जो कि संभव नहीं है।
अत: चार इलेक्ट्रॉन को खोकर कार्बन के लिये स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त करना संभव नहीं है।
(b)चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर (By gain of four electrons): यदि कार्बन चार इलेक्ट्रॉन (electron) प्राप्त कर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त करता है, तो इस स्थिति में कार्बन (carbon) की कक्षा में दस इलेक्ट्रॉन (electron) हो जायेंगे जबकि केन्द्रक (nucleus) में मात्र छ: प्रोटॉन (proton) ही रहेंगे। इस स्थिति में छ: प्रोटॉन (proton) के लिये कक्षा (orbit) में वर्तमान दस इलेक्ट्रॉन (electron) को संभालना असंभव हो जायेगा तथा कार्बन (carbon) का परमाणु (atom) टूट जायेगा।
अत: चार इलेक्ट्रॉन को प्राप्त करके भी कार्बन (carbon) के लिये स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त करना संभव नहीं है।
अत: कार्बन इलेक्ट्रॉन के साझेदारी (Sharing of electrons) द्वारा बंध (bond) बनाकर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (stable electronic configuration) प्राप्त करता है। कार्बन (carbon) के अलावे भी कई तत्वों (element) के परमाणु (atom) इलेक्ट्रॉन के साझेदारी (Sharing of electrons) द्वारा बंध (bond) बनाकर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) प्राप्त करते हैं।
सहसंयोजी बंध (Covalent Bond):
इलेक्ट्रॉन के साझेदारी (Sharing of electrons) के पश्चात परमाणुओं (atoms) द्वारा बनाये गये बंध (bond) को सहसंयोजी बंध (covalent bond) कहते हैं।
दो परमाणुओं के बीच एक (Single), दोहरे (double) तथा त्रि (triple) आबंधों (bonds) का बनना (Formation of single, double and triple bond)
जब दो परमाणुओं (atoms) के बीच एक एक इलेक्ट्रॉन (electron) का साझा (sharing) होता है तो परमाणुओं (atoms) के बीच एक एकल बंध (single bond) का निर्माण होता है। एकल बंध (bond) को एक क्षैतिज रेखा (–) (horizontal line) के द्वारा दर्शाया जाता है।
जब दो परमाणुओं (atoms) के बीच दो दो इलेक्ट्रॉनों (electrons) का साझा होता है तो परमाणुओं (atoms) के बीच एक दोहरे बंधों (double bond) का निर्माण होता है। दोहरे बंध को दो समानांतर क्षैतिज रेखाओं (=) (horizontal lines) के द्वारा दर्शाया जाता है।
जब दो परमाणुओं (atoms) के बीच तीन तीन इलेक्ट्रॉनों (electrons) का साझा (sharing) होता है तो परमाणुओं (atoms) के बीच एक त्रि आबंध (triple bond) का निर्माण होता है। त्रि बंध (triple bond) को तीन समानांतर क्षैतिज रेखाओं (≡) (three parallel horizontal lines) के द्वारा दर्शाया जाता है।
इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा अणु का निर्माण (Formation of molecules by sharing of electrons)
हाईड्रोजन [Hydrogen (H2)] अणु का बनना
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
हाईड्रोजन की बाहरी कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन है, अत: स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये हाईड्रोजन को एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है जिसे वह समान तत्व के परमाणु या किसी दूसरे तत्व के परमाणु के साथ एक इलेक्ट्रॉन साझा कर प्राप्त करता है। अत: हाईड्रोजन के दो परमाणु आपस में एक एक ईलेक्ट्रॉन साझा कर बंध बनाकर स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करते हैं।
हाईड्रोजन अणु के निर्माण के लिये हाईड्रोजन के दो परमाणुओं की आवश्यकता होती है। दोनों परमाणु आपस में एक एक इलेक्ट्रॉन साझा कर आपस में बंध बनाकर हाईड्रोजन के एक अणु का निर्माण करते हैं।
चूँकि हाईड्रोजन अणु का निर्माण उनके बीच इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा बंध बनता है, अत: यह बंध सह संयोजी बंध कहलाता है, तथा सह संयोजी बंध के द्वारा बना हुआ यौगिक सह संयोजी यौगिक कहलाता है।
क्लोरीन अणु [Chlorine (Cl2)] का निर्माण:
क्लोरीन [chlorine (Cl)] का परमाणु संख्या
क्लोरीन [chlorine (Cl)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 2, 8, 7
क्लोरीन [chlorine (Cl)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन (Valence electrons) की संख्या = 7
क्लोरीन [chlorine (Cl)] के अणु को अष्टक (Octet) पूरा करने के लिये एक परमाणु की आवश्यकता है, अत: क्लोरीन का दो परमाणु आपस में एक एक इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा अष्टक (Octet) पूरा कर क्लोरीन का एक अणु बनाते है।
चूँकि दो परमाणुओं के बीच एक एक इलेक्ट्रॉन के साझा होता है अत: क्लोरीन अणु में दोनों परमाणुओं के बीच एक सहसंयोजी बंध बनता है।
चूँकि क्लोरीन अणु का निर्माण में इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा बंध बनता है, अत: यह बंध सह संयोजी बंध कहलाता है, तथा क्लोरीन का अणु सह संयोजी यौगिक कहलाता है।
ऑक्सीज [Oxygen (O2)] के अणु का निर्माण
Oxygen (O) की परमाणु संख्या = 8
Oxygen (O) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6
Oxygen (O) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 6
ऑक्सीजन [Oxygen (O)] के बाहरी कक्षा में छ: (6) इलेक्ट्रॉन हैं अत: ऑक्सीजन [Oxygen (O)] को स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये दो इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
अत: ऑक्सीजन [Oxygen (O)] के दो परमाणु आपस में दो दो इलेक्ट्रॉन का साझा कर अष्टक (Octet) पूरा करते हैं तथा सह संयोजी बंध बनाकर ऑक्सीजन (O2) का अणु बनाते हैं।
चूँकि ऑक्सीजन (O2) अणु के निर्माण में ऑक्सीजन के परमाणुओं के बीच दो दो इलेक्ट्रॉन का साझा होता है, अत: ऑक्सीजन के परमाणुओं के बीच एक double बंध का निर्माण होता है।
ऑक्सीजन (O2) अणु का बंध सहसंयोजी बंध कहलाता है, तथा ऑक्सीजन (O2) सहसंयोजी यौगिक कहलाता है।
नाईट्रोजन अणु (Nitrogen (N2) molecule) का निर्माण
नाईट्रोजन [Nitrogen (N)] का परमाणु संख्या (Atomic number) = 7
नाईट्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Electronic configuration of nitrogen (N)] = 2, 5
नाईट्रोजन के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या [Valence electron of nitrogen (N)] = 5
नाईट्रोजन [Nitrogen (N)] की बाहरी कक्षा में पाँच इलेक्ट्रॉन हैं अत: इसे अष्टक (Octet) पूरा करने के लिये तीन इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
नाईट्रोजन अणु [nitrogen molecule (N2)] के निर्माण में नाईट्रोजन के दो परमाणुओं के बीच तीन तीन इलेक्ट्रॉन का साझा होता है, ताकि नाईट्रोजन के दोनों परमाणुओं का अष्टक (Octet) पूरा हो सके।
चूँकि नाईट्रोजन के दोनों परमाणुओं के बीच तीन तीन इलेक्ट्रॉन का साझा होता है, अत: उनके बीच एक त्रि आबंध का निर्माण होता है।
चूँकि नाईट्रोजन अणु [nitrogen molecule (N2)] का निर्माण इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वार होता है, अत: उनके बीच सहसंयोजी बंध बनता है, तथा नाईट्रोजन अणु [nitrogen molecule (N2)] को सहसंयोजी यौगिक कहा जाता है।
जल के अणु [water (H2O)] का निर्माण:
Oxygen (O) की परमाणु संख्या = 8
Oxygen (O) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6
Oxygen (O) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 6
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
ऑक्सीजन की बाहरी कक्षा में छ: इलेक्ट्रॉन हैं अत: इसे अष्टक (octet) पूरा करने के लिये दो इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है वहीं हाईड्रोजन की बाहरी कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन है, अत: इसे बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन पूरा करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
अत: जल के अणु [water (H2O)] के निर्माण में ऑक्सीजन का एक परमाणु एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा हाइड्रोजन के एक एक परमाणु (कुल दो परमाणु) के साथ करता है, तथा हाईड्रोजन का प्रत्येक परमाणु (कुल दो) एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा करता है।
चूँकि जल के अणु [water (H2O)] का निर्माण इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा होता है, अत: जल के अणु [water (H2O)] सहसंयोजी यौगिक कहलाता है, तथा इसमें बना हुआ बंध सहसंयोजी बंध कहलाता है।
कार्बन डाईऑक्साईड [carbon dioxide (CO2)] का निर्माण:
Carbon (C) की परमाणु संख्या = 6
Carbon (C) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
Carbon (C) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
Oxygen (O) की परमाणु संख्या = 8
Oxygen (O) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6
Oxygen (O) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 6
कार्बन की बाहरी कक्षा में चार इलेक्ट्रॉन हैं अत: इसे अष्टक (octet) पूरा करने के लिये चार इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है वहीं ऑक्सीजन की बाहरी कक्षा में छ: इलेक्ट्रॉन हैं अत: इसे अष्टक (octet) पूरा करने के लिये दो इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
कार्बन डाईऑक्साईड [carbon dioxide (CO2)] के निर्माण में कार्बन दो दो इलेक्ट्रॉन का साझा ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के साथ करता है। तथा ऑक्सीजन का प्रत्येक परमाणु (कुल दो) दो दो इलेक्ट्रॉन का साझा कार्बन के एक परमाणु के साथ करता है।
चूँकि कार्बन डाईऑक्साईड [carbon dioxide (CO2)] का निर्माण इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा होता है, अत: कार्बन डाईऑक्साईड [carbon dioxide (CO2)] सहसंयोजी यौगिक कहलाता है, तथा इसमें बना हुआ बंध सहसंयोजी बंध कहलाता है।
अमोनिया का निर्माण [Formation of Ammonia (NH3)]
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
नाईट्रोजन [Nitrogen (N)] का परमाणु संख्या (Atomic number) = 7
नाईट्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Electronic configuration of nitrogen (N)] = 2, 5
नाईट्रोजन के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या [Valence electron of nitrogen (N)] = 5
नाईट्रोजन के परमाणु की बाहरी कक्षा में पाँच इलेक्ट्रॉन हैं अत: नाईट्रॉजन को स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये तीन इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है वहीं दूसरी ओर हाईड्रोजन को स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है। अत: अमोनिया के निर्माण में नाईट्रोजन अपने तीन इलेक्ट्रॉन की साझेदारी तीन हाईड्रोजन के परमाणुओं के साथ (प्रत्येक के साथ एक एक इलेक्ट्रॉन) करता है।
चूँकि नाईट्रॉजन के द्वारा तीन हाईड्रोजन के परमाणुओं के साथ एक एक इलेक्ट्रॉन की साझेदारी करता है, अमोनिया में तीन एकल सहसंयोजी बंधों का निर्माण होता है।
चूँकि अमोनिया [Ammonia (NH3)] का निर्माण इलेक्ट्रॉन के साझा के द्वारा होता है, अत: अमोनिया [Ammonia (NH3)] सहसंयोजी यौगिक कहलाता है, तथा इसमें बना हुआ बंध सहसंयोजी बंध कहलाता है।
मिथेन [methane (CH4)] का बनना
Carbon (C) की परमाणु संख्या = 6
Carbon (C) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
Carbon (C) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
कार्बन के परमाणु की बाहरी कक्षा में चार इलेक्ट्रॉन हैं अत: इसे स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये चार इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है वहीं दूसरी ओर हाईड्रोजन को स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है। अत: मिथेन के निर्माण में कार्बन एक एक इलेक्ट्रॉन की साझेदारी चार हाईड्रोजन के परमाणुओं के साथ (प्रत्येक के साथ एक इलेक्ट्रॉन) करता है।
चूँकि कार्बन का एक परमाणु हाईड्रोजन के चार परमाणुओं के साथ एक एक एलेक्ट्रॉन का साझा करता है, अत: मिथेन में चार एकल सहसंयोजी बंध बनता है। चूँकि मिथेन में उपस्थित बंध सहसंयोजी हैं, अत: मिथेन एक सहसंयोजी यौगिक कहलाता है।
Formation of ethane (C2H6)
Carbon (C) की परमाणु संख्या = 6
Carbon (C) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
Carbon (C) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
इथेन में कार्बन के दो परमाणु आपस में एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा करते हैं साथा ही कार्बन का प्रत्येक परमाणु हाईड्रोजन के अलग अलग तीन परमाणुओं के साथ एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा करते हैं। इस तरह इथेन में छ: एकल सहसंयोजी बंध का निर्माण होता है।
इथिलीन [ethylene (C2H4)] का निर्माण
Carbon (C) की परमाणु संख्या = 6
Carbon (C) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
Carbon (C) के सह संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
हाईड्रोजन (Hydrogen) की परमाणु संख्या (Atomic Number) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration) = 1
हाईड्रोजन (Hydrogen) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
Ethylene के निर्माण में कार्बन के दो परमाणु आपस में दो दो इलेक्ट्रॉन तथा प्रत्येक परमाणु दो दो हाईड्रोजन के परमाणुओं (कुल चार) के साथ एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा करते हैं। साथ ही हाईड्रोजन के चार परमाणु कार्बन के साथ एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा करते हैं।
चूँकि दो कार्बन के परमाणुओं द्वारा आपस में दो दो इलेक्ट्रॉन का साझा किया जाता है, अत: उन दोनों के बीच एक डॅबल बांड बनता है। दूसरी ओर चार हाईड्रोजन के परमाणुओं के द्वारा एक एक इलेक्ट्रॉन का साझा कि
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