नये नये तत्वों के खोज के बाद तत्वों की संख्या बढ़ने लगी, जिससे उनके वर्गीकरण की आवश्यकता बढ़ती गयी। तत्वों के वर्गीकरण में डॉबेराइनर का त्रिक, न्यूलैंड का अष्टक सिद्धांत सराहनीय रहा।
डमित्री इवानोविच मेंडलीफ, जो एक रसियन रसायनशास्त्री थे ने तत्वों के वर्गीकरण के लिए एक सारणी तैयार की, जिसे मेंडलीफ का आवर्त सारणी कहते हैं। मेंडलीफ के आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते क्रम में सजाया गया। तथा यह तत्वों के वर्गीकरण में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
मेंडलीफ का आवर्त सारणी का नियम कहता है, "तत्वों के रासायनिक तथा भौतिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्त फलन होते हैं"।
बाद में चलकर आधुनिक आवर्त सारणी बनायी गयी। आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु संख्या के बढ़ते क्रम में सजाया गया।
आधुनिक आवर्त सारणी का नियम कहता है, "तत्वों के रासायनिक तथा भौतिक गुण उनके परमाणु संख्या के आवर्त फलन होते हैं" . . .