कार्बन एवं उसके यौगिक - क्लास दसवीं विज्ञान
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रासायनिक गुण
कार्बन के वैसे यौगिक जिनमें कार्बन श्रृंखला में परमाणुओं के बीच त्रि आबंध (triple bond) हो
यदि कार्बन श्रृंखला में परमाणुओं के बीच त्रि आबंध (triple bond) हो तो यौगिक का IUPAC नामाकरण निम्नांकित तरीके से किया जाता है:
अल्केन – एन + आईन = अल्काईन (Alkane – ane + yne = Alkyne)
C2H2 का IUPAC नामाकरण
कार्बन के परमाणुओं की संख्या = 2
कार्बन के दो परमाणुओं वाले यौगिक का मूल नाम : एथेन (Ethane)
चूँकि दिये गये यौगिक में कार्बन श्रृंखला में कार्बन के परमाणुओं के बीच एक त्रि आबंध है।
अतः इस यौगिक का IUPAC नाम
एथेन – एन + आईन = एथाइन (Ethane – ane + yne = Ethyne)
एथाइन (Ethyne) का सामान्य नाम : एसेटिलीन (Acetylene)
C3H4 का IUPAC नामाकरण
कार्बन के परमाणुओं की संख्या = 3
कार्बन के तीन परमाणुओं वाले यौगिक का मूल नाम: प्रोपेन (Propane)
चूँकि दिये गये यौगिक में कार्बन श्रृंखला में कार्बन के परमाणुओं के बीच एक त्रि आबंध है।
अतः इस यौगिक का IUPAC नाम
प्रोपेन – एन + आईन = प्रोपाइन (Propane – ane + yne = Propyne)
C4H6 का IUPAC नामाकरण
कार्बन के परमाणुओं की संख्या = 4
कार्बन के चार परमाणुओं वाले यौगिक का मूल नाम: ब्युटेन (Butane)
चूँकि दिये गये यौगिक में कार्बन श्रृंखला में कार्बन के परमाणुओं के बीच एक त्रि आबंध है।
अतः इस यौगिक का IUPAC नाम
ब्युटेन – एन + आईन = ब्युटाइन (Butane – ane + yne = Butyne)
कार्बन के यौगिकों का रासायनिक गुण (Chemical Properties of Carbon Compounds)
कार्बन का दहन (Combustion of carbon)
कार्बन के सभी प्रकार को हवा की उपस्थिति में जलाने अर्थात दहन (Combustion) के पश्चात वे कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), उष्मा (heat) तथा प्रकाश (light) देते हैं।
जब कार्बन (carbon) अर्थात कोयले (coal) को हवा में जलाया जाता है तो वह कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), उष्मा (heat) तथा प्रकाश (light) देता है।
जब मेथेन (कार्बन का एक यौगिक) को हवा की उपस्थिति में जलाया जाता है, तो वह कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), वाष्प (vapour), उष्मा (heat) तथा प्रकाश (light) देता है।
जब इथाइल एल्कोहल को हवा की उपस्थिति में जलाया जाता है तो वह कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), वाष्प (vapour), उष्मा (heat) तथा प्रकाश (light) देता है।
संतृप्त (Saturated) तथा असंतृप्त (Unsaturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) का दहन या जलाया (combustion) जाना
संतृप्त (Saturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) स्वच्छ लौ के साथ जलता है जबकि असंतृप्त (Unsaturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) पीले लौ के साथ जलता है। असंतृप्त (Unsaturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) जलाने के क्रम में पीले लौ के साथ साथ काफी मात्रा में धुँआ भी उत्पन्न करता है। इसी कारण से असंतृप्त (Unsaturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) को हवा की उपस्थिति में जलाने पर बर्तन के पेंदें में काले रंग का पदार्थ जमा करता है, जिसे आम बोल चाल की भाषा में कालिख कहते हैं।
हालाँकि संतृप्त (Saturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) को भी जब हवा की सीमित उपस्थिति में जलाया जाता है, तो यह पीले लौ के साथ जलता है, तथा कालिख उत्पन्न करता है।
गैस या केरोसीन स्टोव में ईंधन के साथ पर्याप्त मात्रा में हवा जाने के लिये एक या दो छेद बना होता है। कभी कभी जब यह हवा जाने वाला छेद बाधित हो जाता है, तो स्टोव जलने के क्रम में ब्लु लौ की जगह पीला लौ के साथ साथ कालिख भी उत्पन्न करता है।
कोयला (coal) तथा पेट्रोलियम (petroleum) में नाइट्रोजन (nitrogen) तथा सल्फर (sulphur) की मात्रा पायी जाती है, जिसके कारण इन्हें जलाने पर यह सल्फर (sulphur) तथा नाइट्रोजन (nitrogen) का ऑक्साइड (oxide) भी उत्पन्न करता है, जो प्रदूषण (pollution) का एक मुख्य कारण है।
ऑक्सीकरण (Oxidation)
किसी भी पदार्थ का जलना या जलाया जाना ऑकीकरण कहलाता है।
जब एथाइल एल्कोहल (एथेनॉल) [Ethyl Alcohol (Ethanol)] को क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट [alkaline potassium permanganate (KMnO4)] या आम्लिक पोटैशियम डाइक्रोमेट [acidified potassium dichromate (K2Cr2O7)] के साथ गर्म किया जाता है तो यह ऑक्सीकृत होकर एसेटिक अम्ल [एथेनोइक अम्ल (Ethanoic Acid)] देता है।
क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट [alkaline potassium permanganate (KMnO4)] या आम्लिक पोटैशियम डाइक्रोमेट [acidified potassium dichromate (K2Cr2O7)] ऑकीकारक का कार्य करता है, क्योंकि यह एथाइल एल्कोहल (एथेनॉल) को प्रतिक्रिया के क्रम में ऑक्सीजन देता है तथा ऑक्सीकृत कर देता है।
संकलन अभिक्रिया (Addition Reaction)
हाईड्रोज, क्लोरीन, ब्रोमीन आदि का असंतृप्त हाईड्रोकार्बन में हाईडोजन को प्रतिक्रिया के क्रम में हटाकर जुड़ना संकलन अभिक्रिया (Addition Reaction) कहलाता है। संकलन अभिक्रिया (Addition Reaction) असंतृप्त (Unsaturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) का एक वैशिष्टय गुण (Characteristic propery) है।
जब एथिलीन [एथीन (Ethylene or Ethene)] को निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाईड्रोजन (Hydrogen) से प्रतिक्रिया कराया जाता है, तो यह एथेन (Ethane) बनाता है।
[उत्प्रेरक (Catalyst): वैसे पदार्थ जिनके कारण रासायनिक अभिक्रिया या प्रतिक्रिया भिन्न दर से आगे बढ़ती है तथा वे पदार्थ अभिक्रिया को प्रभावित नहीं करते हैं, उत्प्रेरक कहलाते हैं।]
इस प्रकार की संकलन अभिक्रियाएँ (Addition Reaction) का उपयोग वेजिटेवल ऑयल के हाइड्रोजिनेशन में होता है। वेजिटेवल ऑयल (Vegetable oil) में लम्बी श्रृंखला वाली संतृप्त हाइड्रोकार्बन (Saturated hydrocarbon) होते हैं जबकि एनिमल वसा में संतृप्त (Saturated) वाली श्रृंखला होती हैं।
संतृप्त (Saturated) वसा अर्थात एनिमल से मिलने वाला वसा स्वास्थ्य के लिये हानिकारक माना जाता है, जबकि असंतृप्त (Unsaturated) वसा अर्थात वनस्पति से प्राप्त तेल स्वास्थ्य के लिये अच्छा माना जाता है, इसी कारण से खाना पकाने के लिये असंतृप्त (Unsaturated) वसा अर्थात वनस्पति से प्राप्त तेल का उपयोग ज्यादा अच्छा रहता है।
प्रतिस्थापन अभिक्रिया (Substitution Reaction)
संतृप्त (Saturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) अधिकांश अभिकारक के साथ प्रायः कम क्रियाशील या बिल्कुल ही क्रियाशील नहीं होते हैं अर्थात स्थाई यौगिक होते हैं। लेकिन जब संतृप्त (Saturated) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) सूर्य के प्रकाश में क्लोरीन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो प्रतिस्थापन अभिक्रिया (Substitution Reaction) होती है, तथा क्लोरीन का परमाणु हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित कर नया यौगिक बनाता है।
जब मेथेन सूर्य के प्रकाश में क्लोरीन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो मेथाइल क्लोराइड (क्लोरोमेथेन) [Methyl chloride (Chloromethane)] तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric Acid) बनाता है।
उसी प्रकार, जब मेथाइल क्लोराइड (क्लोरोमेथेन) [Methyl chloride (Chloromethane)] सूर्य के प्रकाश में क्लोरीन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो डाइ क्लोरोमेथेन [मेथाइल डाइक्लोराड (Methyl dichloride (Dichloromethane)] बनाता है।
उसी प्रकार, जब डाइ क्लोरोमेथेन [मेथाइल डाइक्लोराड (Methyl dichloride (Dichloromethane)] सूर्य के प्रकाश में क्लोरीन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो ट्राइ क्लोरोमेथेन [मेथाइल ट्राइक्लोराड (Methyl trichloride (Trichloromethane)] बनाता है।
उसी प्रकार, जब ट्राइ क्लोरोमेथेन [मेथाइल ट्राइक्लोराड (Methyl trichloride (Trichloromethane)] सूर्य के प्रकाश में क्लोरीन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो टेट्रा क्लोरोमेथेन [मेथाइल टेट्राक्लोराड (Methyl tetrachloride (Tetrachloromethane)] बनाता है।
Reference: