प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन - क्लास दसवीं विज्ञान
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NCERT अभ्यास प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न संख्या: 1. निम्न में से कौन सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर: मिट्टी
ब्याख्या: लेंस बनाने के लिये पदार्थ का पारदर्शी होना आवश्यक है, अर्थात किसी भी पारदर्शी पदार्थों से लेंस बनाया जा सकता है।
यहाँ, जल, काँच तथा प्लास्टिक, पारदर्शी पदार्थ हैं जिनसे लेंस बनाया जा सकता है, जबकि मिट्टी पारदर्शी पदार्थ नहीं है, जिससे लेंस नहीं बनाया जा सकता है।
अत: विकल्प (d) मिट्टी सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 2. किसी बिम्ब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(b) वक्रता केन्द्र पर
(c) वक्रता केन्द्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर: (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
ब्याख्या: जब बिम्ब को अवतल दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच रखा जाता है, तो दर्पण के पीछे एक आभासी, सीधा तथा विवर्धित प्रतिबिम्ब बनता है, जबकि अन्य स्थितियों में दर्पण के
अवतल दर्पण के आगे एक उलटा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है।
अत: विकल्प (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 3. किसी बिम्ब का वस्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए बिम्ब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर: (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
ब्याख्या: जब बिम्ब को उत्तल लेंस के फोकस दूरी की दोगुनी दूरी अर्थात वक्रता केन्द्र पर रखा जाता है, तो एक बिम्ब के ही समान आकार का, उलटा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र पर ही बनता है। जबकि अन्य स्थितियों में उत्तल दर्पण द्वारा या तो बिम्ब से बड़ा या बिम्ब से छोटा प्रतिबिम्ब बनता है।
अत: विकल्प ' (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर' सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस की फोकस दूरियाँ `-15\ cm` हैं। दर्पण तथा लेंस संभवत: हैं -
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर: (c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
ब्याख्या: दर्पण तथा लेंस के बायीं ओर फोकस दूरी का मान ऋणात्मक होता है। अवतल दर्पण की एक ही फोकस दूरी होती है, जो केवल दर्पण के बायीं ओर ही होता है, जबकि लेंस की स्थिति में दो फोकस दूरी होती है, एक लेंस के बायीं ओर तथा दूसरी दायीं ओर। कार्तीय चिन्ह परिपाटी के अनुसार फोकस को लेंस के बायीं ओर ही माना जाता है, तथा लेंस या दर्पण के बायीं ओर ली जाने वाली दूरियों का मान हमेशा ऋणात्मक माना जाता है।
अत: ' (c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल' सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिम्ब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवत: दर्पण है ?
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर: (d) या तो समतल अथवा उत्तल
ब्याख्या: समतल दर्पण तथा उत्त्ल दर्पण द्वारा हमेशा प्रतिबिम्ब सीधा बनाया जाता है चाहे बिम्ब किसी भी जगह पर रखी गई हो। जबकि अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब सीधा तथा उलटा दोनों प्रकार का बनता है, जो कि दर्पण से बिम्ब की दूरी पर निर्मर करता है।
अत: विकल्प ' (d) या तो समतल अथवा उत्तल' सही उत्तर है।प्रश्न संख्या: 6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) `50\ cm` फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) `50\ cm` फोकस दूरी पर एक अवतल लेंस
(c) `5\ cm` फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) `5\ cm` फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर: (c) `5\ cm` फोकस दूरी क एक उत्तल लेंस
ब्याख्या: जब बिम्ब को उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा फोकस के बीच रखा जाता है, तो लेंस के दूसरी ओर वक्रता केन्द्र से परे एक विवर्धित तथा सीधा प्रतिबिम्ब बनता है, जबकि अवतल लेंस द्वारा हमेशा बिम्ब से छोट प्रतिबिम्ब बनता है।
अत: `5\ cm` फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस क उपयोग करके छोटे अक्षरों को आसानी से पढ़ा जा सकता है, क्योंकि इस स्थिति में प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर एक विवर्धित तथा सीधा प्रतिबिम्ब लगभग `11` से `15` या `20\ cm` के अंदर बनेगा, जिससे छोटे अक्षरों को पढ़ने में सुविधा होगी, जबकि `50\ cm` फोकस दूरी वाले उत्तल लेंस का उपयोग करने पर प्रतिबिम्ब `1\ m` से ज्यादा दूरी पर बनेगी जो कि काफी असुविधाजनक होगी।
अत: विकल्प (c) `5\ cm` फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 7. `15\ cm` फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिम्ब बिम्ब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर: जब बिम्ब को अवतल दर्पण के फोकस तथा पोल के बीच में रखा जाता है, तो दर्पण के पीछे एक सीधा तथा विवर्धित प्रतिबिम्ब बनता है।
अत: `15\ cm` फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिये, बिम्ब को दर्पण से `15\ cm` से कम दूरी पर रखना होगा।
इस तरह से बना हुआ प्रतिबिम्ब आभासी तथा बिम्ब से बड़ा, अर्थात विवर्धित होगा।
प्रश्न संख्या: 8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए ?
(a) किसी कार अग्र दीप (हेड लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व / पश्च दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्ठी
अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर: (a) किसी कार अग्र दीप (हेड लाइट) के लिये एक अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
क्योंकि जब बिम्ब को अवलत दर्पण के फोकस पर रखा जाता है, तो बिम्ब से आने वाली किरणें दर्पण से परावर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समानांतर जाती है, तथा अनंत पर प्रतिबिम्ब का निर्माण करता है।
जब बल्ब को अवतल दर्पण के फोकस पर रखा जाता है, तो प्रकाश की किरणों का एक समानांतर बीम प्राप्त होता है, जिससे दूर तक देखा जा सकता है।
(b) किसी वाहन का पार्श्व / पश्च दृश्य दर्पण के लिये एक उत्तल दर्पण का उपयोग होता है। क्योंकि, उत्तल दर्पण के बाहर की ओर वक्रित होने के कारण इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है तथा ये सीधा तथा सापेक्ष रूप से छोटा प्रतिबिम्ब बनाते हैं, जिसके कारण वाहन चालक उनके पीछे दूर तक आते वाहनों को आसानी से देख पाते हैं, तथा वाहन सुरक्षित रूप से चला पाते हैं।
(c) सौर भट्ठी के लिये काफी बड़े अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
क्योंकि, अनंत से आने वाली प्रकाश की किरणें अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात दर्पण के फोकस पर अभिसरित अर्थात केन्दित होती है, प्रकास की किरणों का एक जगह केन्द्रित होने से उसकी उष्मा भी एक जगह केन्द्रित होकर काफी उष्मा देती है। बड़े अवतल दर्पण का द्वारक भी बड़ा होता है, जिसके कारण सूर्य के प्रकाश की किरणों की काफी मात्रा एक जगह क्रेन्दित कर काफी उष्मा उत्पन्न किया जा सकता है।
अत: सौर भट्ठी के लिये काफे बड़े अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न संख्या: 9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढ़क दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पाएगा? अपने उत्तर् की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: हाँ। किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढ़क देने के बाबजूद भी यह बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पायेगा।
प्रयोग:
एक उत्तल लेंस के आधे भाग को काले कागज से ढ़ककर बिम्ब को बिभिन्न स्थितियों में रखकर अवलोकन किया गया।
सभी स्थितियों में प्रतिबिम्ब बना।
चूकि बिम्ब से आने वाली किरणें लेंस के आधे भाग से ही परावर्तित होती है। अत: लेंस के आधे भाग को ढ़क देने के बाबजूद भी बिम्ब का प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न संख्या: 10. `5\ cm` लंबा कोई बिम्ब `10\ cm` फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से `25\ cm` दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:दिया गया है,
बिम्ब का आकार `(h) = 5\ cm`
बिम्ब की दूरी `(u)= -25\ cm`
फोकस दूरी `(f) = 10\ cm`
प्रतिबिम्ब की दूरी `(v) =?`
हम जानते हैं कि `1/v - 1/u = 1/f`
हम जानते हैं कि आवर्धन, `m = v/u = (h')/h`
जहाँ, `v` = प्रतिबिम्ब की दूरी
`u = ` बिम्ब की दूरी
`h' =` प्रतिबिम्ब की उँचाई तथा
`h =` बिम्ब की उँचाई
अत:
`m = (16.66 cm)/(-25\ cm) = (h')/(5\ cm)`
`=> -0.66 = (h')/(5\ cm)`
`=> h' = -0.66 xx 5\ cm `
`=> h' = -3.3\ cm`
अत: प्रतिबिम्ब की स्थिति : दर्पण के दूसरी तरफ, `F_2` तथा `2F_2` के बीच
Position of image: Between F2 and 2F2, i.e. at the other side of lens.
प्रतिबिम्ब का आकार: `-3.3\ cm` अर्थात बिम्ब से छोटा
प्रतिबिम्ब की प्रकृति: वास्तविक तथा उलटा
प्रश्न संख्या: 11. `15\ cm` फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब लेंस से `10\ cm` दूरी पर बनाता है। बिम्ब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर: दिया गया है,
अवतल दर्पण का फोकस दूरी `=-15\ cm`
प्रतिबिम्ब की दूरी `(v) = -10\ cm`
बिम्ब की दूरी `(u) = ?`
हम जानते हैं कि, `1/v-1/u = 1/f`
`:. 1/(-10\ cm) - 1/u = 1/(-15\ cm)`
`=> 1/u = -1/(10\ cm) + 1/(15\ cm) `
`=> 1/u = (-3+2)/30 cm`
`=> 1/u = -1/30 cm`
`:. u = -30\ cm`
अत: बिम्ब लेंस से `30\ cm` की दूरी पर रखा गया है। उत्तर
प्रश्न संख्या: 12. `15\ cm` फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिम्ब `10\ cm` दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब के स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है फोकस दूरी `= 15\ cm`
बिम्ब की दूरी `= - 10\ cm`
प्रतिबिम्ब की दूरी `= ?`
हम जानते हैं कि, `1/v+1/u = 1/f`
अब आवर्धन,
चूँकि प्रतिबिम्ब की दूरी धनात्मक है, अत: प्रतिबिम्ब दूसरी के दूसरी तरफ अर्थात दायीं ओर बन रहा है। साथ ही आवर्धन भी धनात्मक है, यह यह बतलाता है कि प्रतिबिम्ब सीधा बना है।
अत: प्रतिबिम्ब की दूरी `= 6cm` (दर्पण के दूसरी तरफ)
प्रतिबिम्ब की प्रकृति = आभासी तथा सीधा
प्रश्न संख्या: 13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन `+1` है। क्या अर्थ है?
उत्तर: यहाँ आवर्धन `+1` का अर्थ है
(a) प्रतिबिम्ब का आकार बिम्ब के आकार के बराबर है।
(b) आवर्धन का धनात्मक मान बतलाता है कि प्रतिबिम्ब सीधा है।
ब्याख्या: समतल दर्पण में हमेशा बिम्ब के समान आकार का सीधा तथा आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। समतल दर्पण वह दर्पण है, जिसे लोग घर में तैयार आदि होने के लिये उपयोग में लाते हैं।
प्रश्न संख्या: 14. `5.0\ cm` लंबाई का कोई बिम्ब `30\ cm` वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने `20\ cm` दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिम्ब के स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है,
बिम्ब की लंबाई, `h = 5.0 \ cm`
बिम्ब की दूरी, ` u = -20\ cm`
उत्तल दर्पण का वक्रता केन्द्र `R = 30\ cm`
चूँकि फोकस दूरी, `f` = वक्रता केन्द्र `R` / 2
`:. f= 30/2 = 15\ cm`
हम जानते हैं कि, `1/v + 1/u = 1/f`
अब, आवर्धन, `m = -v/u`
`=> m = -(8.57\ cm)/(-20\ cm) = 8.57/20`
`=> m = 0.43`
अब चूँकि `m = (h')/h`
जहाँ, ` h'` = प्रतिबिम्ब की उँचाई
तथा `h` = बिम्ब की उँचाई
`:. m = (h')/(5.0\ cm)`
`=> h' = 0.43 xx 5.0\ cm`
`=> h' = 2.15\ cm`
अत:
प्रतिबिम्ब की स्थिति `= 8.57\ cm` दर्पण के पीछे
प्रतिबिम्ब का आकार `= 2.15\ cm`, जो कि बिम्ब से छोटा है
प्रतिबिम्ब की प्रकृति = सीधा तथा आभासी (चूँकि आवर्धन तथा प्रतिबिम्ब की उँचाई, दोनों का मान धनात्मक है).
प्रश्न संख्या: 15. `7.0 \ cm` साइज का कोई बिम्ब `18\ cm` फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने `27\ cm` दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखा जाय ताकि उस पर वस्तु का स्प्ष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिम्ब का साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
बिम्ब की उँचाई `= 7.0\ cm`
बिम्ब की दूरी, `u = -27\ cm`
फोकस दूरी, `f = = -18\ cm`
प्रतिबिम्ब की दूरी, `v = ?`
प्रतिबिम्ब की उँचाई, `h' =?`
हम जानते हैं कि, `1/v+1/u = 1/f`
अब, आवर्धन, ` m = -v/u`
`=> m = - (-54\ cm)/(-27\ cm) =-54/27`
`=> m = -2`
हम जानते हैं कि `m = (h')/h`
जहाँ `h'=` प्रतिबिम्ब की उँचाई तथा
` h = ` बिम्ब की उँचाई
अत:, `-2 = (h')/(7\ cm)`
`=> h' = -14\ cm`
अत: एक स्पष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए, पर्दे को दर्पण से `54\ cm` की दूरी पर रखना होगा।
प्रतिबिम्ब की स्थिति `= 54\ cm` दर्पण के सामने
प्रतिबिम्ब का आकार `= 14\ cm` जो कि बिम्ब के दोगुणा है, अर्थात विवर्धित
प्रतिबिम्ब की प्रकृति = वास्तविक तथा उलटा (चूँकि आवर्धन तथा प्रतिबिम्ब की दूरी का मान ऋणात्मक है।)
प्रश्न संख्या: 16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता `-2.0\ D` है। यह किस प्रकार का लेंस है?
उत्तर:
दिया गया है,
लेंस की क्षमता `P = -2.0\ D`
अत: लेंस की फोकस दूरी, `f = ?`
हम जानते हैं कि, लेंस की क्षमता `P = 1/(f(meter))`
`=> -2.0\ D = 1/f`
`=> f = 1/(-2.0\ D)`
`=> f = -0.5\ m`
अत: लेंस की फोकल दूरी ` f = -0.5\ m`
चूँकि लेंस की फोकल दूरी का मान ऋणात्मक है, अत: लेंस अवतल (अपसारी) (Concave) है।
वैकल्पिक विधि:
हम जानते हैं कि अभिसारी लेंस (उत्तल लेंस) की क्षमता का मान धनात्मक तथा अपसारी लेंस (अवतल लेंस या ताल) की क्षमता का मान ऋणात्मक होता है।
चूँकि लेंस की क्षमता का मान ऋणात्मक है, अत: लेंस अपसारी है।
तथा लेंस की फोकल दूरी उपरोक्त विधि से निकाला जा सकता है।
प्रश्न संख्या: 17. कोई डॉक्टर `+1.5\ D` क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर:
दिया गया है,
लेंस की क्षमता, `P = +1.5\ D`
फोकल दूरी, `f = ?`
तथा लेंस की प्रकृति = ?
हम जानते हैं कि, लेंस की क्षमता `P = 1/(f(meter))`
`=> 1.5\ D = 1/f`
`=> f = 1/(1.5\ D)`
`=> f = 0.66\ m`
अत: लेंस की फोकल दूरी ` f = 0.66\ m`
चूँकि, लेंस की फोकल दूरी धनात्मक है, अत: लेंस अभिसारी है।
Reference: