तत्वों का आवर्त वर्गीकरण - क्लास दसवीं विज्ञान

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आधुनिक आवर्त सारणी

The Modern Periodic Table

हेनरी मोज्ले ने सन 1913 में बतलाया कि तत्वों के परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उनकी परमाणु संख्या अधिक आधारभूत गुणधर्म है। तथा तत्वों के परमाणु संख्या के आधार पर आधुनिक आवर्त सारणी तैयार की गई।

आधुनिक आवर्त नियम (Modern Periodic Law)

"तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।"

आधुनिक आवर्त सारणी का सिंहावलोकन (The Modern Periodic Table: At a Glance)

आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में सजाया गया है।

चूँकि हाईड्रोजन (H) की परमाणु संख्या सबसे कम है, अत: हाईड्रोजन (H) को आधुनिक आवर्त सारणी में पहले स्थान पर रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी में 18 उर्ध्व स्तम्भ हैं, जिसे ग्रुप कहा जाता है।

आधुनिक आवर्त सारणी में सात (7) क्षैतिज पंक्तियाँ हैं, जिन्हें पीरियड या आवर्त कहा जाता है।

आधुनिक आवर्त सारणी में पहले ग्रुप (1st group) में अलकली धातुओं (क्षारीय धातुओं) रखा गया है। यथा: लीथियम, सोडियम, पोटैशियम आदि।

आधुनिक आवर्त सारणी के दूसरे ग्रुप (2ndgroup) में अलकलाइन अर्थ मेटल को रखा गया है। यथा: बेरिलियम, मैग्निशियम, कैल्शियम आदि।

आधुनिक आवर्त सारणी के अंतिम ग्रुप यानि अठारवें ग्रुप (18th group), में अक्रिय गैसों को रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी के बायें भाग में धातुओं को रखा गया है, हाईड्रोजन (H) को छोड़कर। हाईड्रोजन (H) एक अधातु है, परंतु हाईड्रोजन की परमाणु संख्या सबसे कम होने के कारण इसे पहले ग्रुप तथा पहले आवर्त में रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी के दाएं भाग में उपधातुओं तथा अधातुओं, तथा को रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी में दो आवर्तों को अलग से सारणी के नीचे रखा गया है, जिनमें लैंथेनाइड तथा एक्टिनाइड को रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रुप नम्बर संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या को बतलाता है।

आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्त की संख्या उनमें रखे गये तत्वों के परमाणुओं में वर्तमान कक्षा की संख्या को बतलाता है।

आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का स्थान

सभी अलकली धातुओं को पहले ग्रुप (1st group) में रखा गया है।.

सभी क्षारीय मृदा धातुओं (alkaline earth metals) को आधुनिक आवर्त सारणी के दूसरे ग्रुप (2nd group) में रखा गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी के अठारवें ग्रुप (18th group) में सभी अक्रिय गैसों को रखा गया है।

लैंथेनाइड तथा एक्टिनाइड को अलग से दो पंक्तियों में आधुनिक आवर्त सारणी में नीचे रखा गया है।

इसी प्रकार अन्य सभी तत्वों को उनके गुणधर्म के आधार पर एक ग्रुप में रखा गया है।

वैसे सारे तत्व जिनके परमाणुओं में कक्षा की संख्या समान है, को समान आवर्त में रखा गया है।On यथा सोडियम [Sodium (Na)], मैग्नेशियम [Magnesium (Mg)], अल्युमिनियम [Aluminium (Al)], सिलिकॉन [Silicon (Si)], फॉस्फोरस [Phosphorous (P)], सल्फर [Sulphur (S)], क्लोरीन [Chlorine (Cl)] तथा आर्गन [Argon (Ar)] को तृतीय आवर्त में रखा गया है चूँकि इन तत्वों के परमाणुओं में कक्षा की संख्या तीन (3) है।

आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का स्थान कैसे जानें? (How to know the position of a Element in the Modern Periodic Table)

किसी भी तत्व का परमाणु संख्या जानकर आधुनिक आवर्त सारणी में उसका स्थान जाना जा सकता है।

किसी भी तत्व का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान जानने की क्या जरूरत है?

चूँकि आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके गुणधर्म के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, अत: किसी भी तत्व का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान ज्ञात हो जाने पर उसके गुणधर्म के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।

आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का स्थान निकालने की प्रक्रिया (Steps to find the position of an element in the Modern Periodic Table)

(a)सर्वप्रथम जिस तत्व का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान ज्ञात किया जाना है, उसका परमाणु संख्या ज्ञात करें।

(b) परमाणु संख्या ज्ञात होने के बाद उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।

(c)तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की सहायता से तत्व की संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या निकालें। (किसी भी तत्व के परमाणु की बाहरी कक्षा में वर्तमान इलेक्ट्रॉन की संख्या संयोगी इलेक्ट्रॉन कहलाती है)

(d) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की सहायता से तत्व के परमाणु में वर्तमान कक्षा की संख्या निकाले।

अब उपरोक्त जानकारी के आधार पर किसी तत्व का निम्नांकित तरीके से आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान ज्ञात करें:

संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = ग्रुप की संख्या

यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या दो (2) से ज्यादा हो, तो संयोगी इलेक्ट्रॉन की संख्या में दस (10) जोड़कर आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रुप की संख्या निर्धारित करें।

Note:परंतु यह नियम केवल वैसे तत्व जिनकी परमाणु संख्या 20 तक ही है, पर लागू होता है। वैसे तत्व जनकी परमाणु संख्या 20 से ज्यादा है, का ग्रुप संख्या निर्धारित करना थोड़ा जटिल है, जिसके बारे में आप उच्च कक्षा में पढ़ेंगे।

कक्षा की संख्या = आवर्त की संख्या

उदारण:

(a)आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन (H) का स्थान क्या है?

हाइड्रोजन (H) की परमाणु संख्या = 1

हाइड्रोजन (H) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1

हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] परमाणु में कक्षा की संख्या = 1

ग्रुप संख्या = संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

आवर्त संख्या = कक्षा की संख्या = 1

अत: हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान है: ग्रुप संख्या: 1 तथा आवर्त संख्या: 1(One).

(b)सोडियम [Sodium (Na)] का आधुनिक आवर्त सारणी में क्या स्थान है?

सोडियम (Na) की परमाणु संख्या = 11

सोडियम (Na) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 1

सोडियम (Na) परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

सोडियम (Na) परमाणु में कक्षा की संख्या = 3

ग्रुप संख्या = संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1

आवर्त संख्या = कक्षा की संख्या = 3

अत: सोडियम (Na) का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान है: ग्रुप संख्या: 1 तथा आवर्त संख्या: 3(Three)

(c)ऑक्सीजन [Oxygen (O)] का आधुनिक आवर्त सारणी में क्या स्थान है?

ऑक्सीजन [Oxygen (O)] की परमाणु संख्या = 8

ऑक्सीजन [Oxygen (O)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 6

ऑक्सीजन [Oxygen (O)] परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 6

ऑक्सीजन [Oxygen (O)] परमाणु में कक्षा की संख्या = 2

ग्रुप संख्या = संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या + 10 = 6+10 = 16

[चूँकि यहाँ संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 से ज्यादा है, अत: ग्रुप संख्या जानने के लिये संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या में 10 जोड़ा जाता है।]

आवर्त संख्या = कक्षा की संख्या = 2

अत: ऑक्सीजन [Oxygen (O)] का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान है: ग्रुप संख्या: 16 तथा आवर्त संख्या: 2(Two)

(d) क्लोरीन [Chlorine (Cl)] की आधुनिक आवर्त सारणी में क्या स्थान है?

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] की परमाणु संख्या = 17

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

क्लोरीन [Chlorine (Cl)] परमाणु में कक्षा की संख्या = 3

ग्रुप संख्या = संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या + 10 = 7+10 = 17

[चूँकि यहाँ संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 से ज्यादा है, अत: ग्रुप संख्या जानने के लिये संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या में 10 जोड़ा जाता है।]

आवर्त संख्या = कक्षा की संख्या = 3

अत: क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान है: ग्रुप संख्या: 17 तथा आवर्त संख्या: 3(Three)

आधुनिक आवर्त सारणी के किसी एक आवर्त में रखे गये तत्वों की अधिकतम संख्या

आधुनिक आवर्त सारणी के किसी भी आवर्त में तत्वों की अधिकतम संख्या कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या पर निर्भर करता है।

परमाणु की किसी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या को सूत्र 2n2, द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। जहाँ n कक्षा की संख्या है।

इस तरह आधुनिक आवर्त सारणी के किसी आवर्त में आवर्त संख्या के बराबर कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या के बराबर होती है।

(a) K कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2 × 12 = 2

चूकि K पहली कक्षा को बतलाता है, अत: आधुनिक आवर्त सारणी के पहले आवर्त में तत्वों की संख्या 2 है।

(b) L कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2 × 22 = 8

चूँकि L कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 8 है, अत: आधुनिक आवर्त सारणी के दूसरे आवर्त में तत्वों की संख्या 8 है।

(c) M कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2 × 32 = 18

चूँकि कक्षा M में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 18 है। परंतु किसी भी बाहरी कक्षा में 8 से अधिक इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते हैं, अत: आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त में तत्वों की संख्या 8 है।

आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृति (Trends in Modern Periodic Table)

संयोजकता तथा संयोजी इलेक्ट्रॉन

किसी भी तत्व के परमाणु की संयोजकता उसके बाहरी कक्षा में वर्तमान इलेक्ट्रॉन की संख्या अर्थात संयोजी इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करता है।

आधुनिक आवर्त सारणी के किसी भी ग्रुप में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या समान रहती है। 18 वें ग्रुप में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या शून्य (0) है।

लेकिन आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त (Period) में बायें से दायें जाने पर तत्व की संयोजकता प्रथम बढ़ती है तथा फिर घटने लगती है, तथा 18 वें ग्रुप में पहुँचने पर शून्य हो जाती है।

परमाणु का आकार (Atomic Size)

किसी तत्व के परमाणु की त्रिज्या, परमाणु के आकार को बतलाता है, या परमाणु के आकार के बराबर होता है।

आधुनिक सारणी के वर्ग में उपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है। क्योंकि वर्ग में उपर से नीचे जाने पर परमाणु में कक्षा की संख्या बढ़ती है, जिसके कारण परमाणु का आकार भी बड़ा होता जाता है।

आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त में बायें से दायें जाने पर परमाणु का आकार घटता है। ऐसा इसलिये होता है, कि आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़्ने के साथ साथ परमाणु के केन्द्रक में प्रोटॉन की संख्या भी बढ़ती है। केन्द्रक पर धनात्मक आवेश बढ़ने के कारण वह कक्षा में वर्तमान इलेक्ट्रॉन को ज्यादा प्रभावी ढ़ंग से केन्द्रक की ओर आकर्षित करता है, जिसके कारण परमाणु का आकार घटता है।

तत्वों के धात्विक तथा अधात्विक गुण (Metallic and Non-metallic Properties)

आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्व के धात्विक गुण घटते हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में बायीं तरफ धातुओं को तथा दायीं तरफ अधातुओं को रखा गया है।

विद्युत धनात्मकता या विद्युत धनात्मक प्रवृति

किसी तत्व के परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन खोने की प्रवृति उसकी विद्युत धनात्मकता कहलाती है।

आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्व के परमाणु की विद्युत धनात्मकता घटती है।

आधुनिक आवर्त सारणी के ग्रुप में ऊपर से नीचे जाने पर तत्व के परमाणु की विद्युतधनात्मकता बढ़ती है।

विद्युत ऋणात्मकता

किसी भी तत्व के परमाणु द्वार इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता उसकी विद्युत ऋणात्मकता कहलाती है।

आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त में बायें से दायें जाने पर परमाणु की विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है तथा दायें से बायें जाने पर विद्युत ऋणात्मकता घटती है।

तत्व के परमाणु की विद्युत धनात्मक तथा विद्युत ऋणात्मक प्रवृति तत्व के ऑक्साइड के प्रवृति को जानने में सहायक होती है। धातु की विद्युत धनात्मकता अधिक होती है, जिससे यह पता चलता है कि धातु के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं। वहीं अधातु की विद्युत घनात्मकता कम होती है, तथा विद्युत ऋणात्मकता अधिक होती है, जिससे यह पता चलता है कि अधातु के ऑक्साइड आम्लिक होते हैं।

तत्वों की विद्युत धनात्मकता तथा विद्युत ऋणात्मकता यह भी बतलाती है, कि तत्व धातु है या अधातु। धातुओं की विद्युत धनात्मकता अधिक होती है, जबकि अधातु की विद्युत ऋणात्मकता अधिक होती है।

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