तत्वों का आवर्त वर्गीकरण - क्लास दसवीं विज्ञान

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डी ब्लॉक तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

(25) Mn (मैगनीज) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन)

Mn (मैगनीज) की परमाणु संख्या= 25

Mn (मैगनीज) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d5

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Mn (मैगनीज) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

अब Mn (मैगनीज) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

Mn (मैगनीज) का पुनर्व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d5 4s2

[इस पुनर्व्यवस्था में 3d ऑर्बाइटल 4s ऑर्बाइटल के पहले आता है।]

या, Mn (मैगनीज) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : [Ar] 4s2 3d5

या, Mn (मैगनीज) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: [Ar] 3d5 4s2

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Mn (मैगनीज) के सबसे निकट है। अत: Mn (मैगनीज) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

या, Mn (मैगनीज) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 2, 8, 8, 7

Mn (मैगनीज) का संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = बाहरी कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7

∵ Mn (मैगनीज) के परमाणु में अंतिम इलेक्ट्रॉन d–ऑर्बाइटल में पहुँचता है, अत: Mn (मैगनीज) एक d–ब्लॉक तत्व है।

आवर्त सारणी में Mn (मैगनीज) का स्थान

आवर्त सारणी में Mn (मैगनीज) के लिए पीरियड संख्या : 4th आवर्त

[∵ Mn (मैगनीज) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से यह स्पष्ट है कि Mn (मैगनीज) के परमाणु में कुल चार ऑर्बिट हैं। अत: Mn (मैगनीज) को आवर्त संख्या चार में रखा गया है।]

आवर्त सारणी में Mn (मैगनीज) के लिए ग्रुप संख्या: 7 B

[चूँकि Mn (मैगनीज) के परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 7 है तथा अंतिम इलेक्ट्रॉन d–ऑर्बाइटल में प्रवेश करता है, अत: Mn (मैगनीज) को आवर्त सारणी के ग्रूप संख्या 7 B में रखा गया है।]

Mn (मैगनीज) के लिए निर्धारित ब्लॉक : d–ब्लॉक

(26) Fe (Iron) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन)

Fe (आयरन) की परमाणु संख्या = 26

Fe (आयरन) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d6

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Fe (आयरन) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

अब Fe (आयरन) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

Fe (आयरन) का पुनर्व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d6 4s2

[इस पुनर्व्यवस्था में 3d ऑर्बाइटल 4s ऑर्बाइटल के पहले आता है।]

या, Fe (आयरन) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 4s2 3d6

या, Fe (आयरन) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 3d6 4s2

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Fe (आयरन) के सबसे निकट है। अत: Fe (आयरन) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

या, Fe (आयरन) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : 2, 8, 8, 6, 2

d–ब्लॉक तत्वों के लिए संयोजी इलेक्ट्रॉन (वैलेंस इलेक्ट्रॉन) की गणना

बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या + बाहरी कक्षा से ठीक पहले वाली कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या — 8

= 2 + 14 — 8

= 16 – 8

= 8

अत: Fe (आयरन) में वैलेंस इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8

[d–ब्लॉक के तत्वों के लिए वैलेंस इलेक्ट्रॉन की संख्या निकालने के लिए विशेष नियम के तहत गणना की जाती है। यदि Fe(आयरन), Co(कोबाल्ट), Ni(निकेल), Cu (कॉपर) तथा Zn(जिंक) में, यदि संजोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8, 9 या 10 होती है, तो d–ब्लॉक के तत्वों के लिए ग्रूप संख्या = 8B होगी। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 11, तो ग्रूप संख्या 1stB होती है। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 12, तो ग्रूप संख्या 2ndB होती है।]

Fe (आयरन) का आवर्त सारणी में स्थान

Fe (आयरन) का आवर्त सारणी में आवर्त संख्या : 4th आवर्त

Fe (आयरन) का आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या : 8 B (8 वां ग्रूप आधुनिक आवर्त सारणी में)

[∵ चूँकि Fe (आयरन) के परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 8 है तथा अंतिम इलेक्ट्रॉन d– ऑर्बाइटल में जाता है अत: ग्रूप संख्या 8B है।]

Fe (आयरन) का ब्लॉक : d–ब्लॉक

[Fe (आयरन)] तत्व का गुण : ट्रांजिशन तत्व (धातु)

[सभी d–ब्लॉक तत्व ट्रांजिशन तत्व हैं तथा धात्विक हैं। ट्रांजिशन तत्व एक से ज्यादा संयोजकता तथा ऑक्सीडेसन संख्या दर्शाते हैं। ट्रांजिशन तत्वों का संयोजी इलेक्ट्रॉन 3 से 12 तक होता है।]

(27) Co (कोबाल्ट) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कनफिगरेशन)

Co (कोबाल्ट) की परमाणु संख्या = 27

Co (कोबाल्ट) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d7

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Co (कोबाल्ट) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

अब Co (कोबाल्ट) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

Co (कोबाल्ट) का पुनर्व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d7 4s2

[इस पुनर्व्यवस्था में 3d ऑर्बाइटल 4s ऑर्बाइटल के पहले आता है।]

या, Co (कोबाल्ट) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 4s2 3d7

या, Co (कोबाल्ट) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 3d7 4s2

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Co (कोबाल्ट) के सबसे निकट है। अत: Co (कोबाल्ट) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

या, Co (कोबाल्ट) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : 2, 8, 8, 7, 2

d–ब्लॉक तत्वों के लिए संयोजी इलेक्ट्रॉन (वैलेंस इलेक्ट्रॉन) की गणना

बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या + बाहरी कक्षा से ठीक पहले वाली कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या — 8

= 2 + 15 — 8

= 17 – 8

= 9

अत: Co (कोबाल्ट) में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 9

[d–ब्लॉक के तत्वों के लिए वैलेंस इलेक्ट्रॉन की संख्या निकालने के लिए विशेष नियम के तहत गणना की जाती है। यदि Fe(आयरन), Co(कोबाल्ट), Ni(निकेल), Cu (कॉपर) तथा Zn(जिंक) में, यदि संजोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8, 9 या 10 होती है, तो d–ब्लॉक के तत्वों के लिए ग्रूप संख्या = 8B होगी। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 11, तो ग्रूप संख्या 1stB होती है। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 12, तो ग्रूप संख्या 2ndB होती है।]

Co (कोबाल्ट) का आवर्त सारणी में स्थान

Co (कोबाल्ट) की आवर्त सारणी में आवर्त संख्या : 4 था आवर्त

Co (कोबाल्ट) की आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या : 8 B (9 वां आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या)

Co (कोबाल्ट) के परमाणु का ब्लॉक : d–ब्लॉक

Co (कोबाल्ट) के परमाणु का गुण : ट्रांजिशन तत्व (धात्विक)

[सभी d–ब्लॉक तत्व ट्रांजिशन तत्व हैं तथा धात्विक हैं। ट्रांजिशन तत्व एक से ज्यादा संयोजकता तथा ऑक्सीडेसन संख्या दर्शाते हैं। ट्रांजिशन तत्वों का संयोजी इलेक्ट्रॉन 3 से 12 तक होता है।]

(28) Ni (निकेल) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कनफिगरेशन)

Ni (निकेल) का परमाणु संख्या = 28

Ni (निकेल) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d8

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Ni (निकेल) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

अब Ni (निकेल) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

Ni (निकेल) का पुनर्व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d8 4s2

[इस पुनर्व्यवस्था में 3d ऑर्बाइटल 4s ऑर्बाइटल के पहले आता है।]

या, Ni (निकेल) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 4s2 3d8

या, Ni (निकेल) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 3d8 4s2

या, Ni (निकेल) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : 2, 8, 8, 8, 2

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Ni (निकेल) के सबसे निकट है। अत: Ni (निकेल) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

d–ब्लॉक तत्वों के लिए संयोजी इलेक्ट्रॉन (वैलेंस इलेक्ट्रॉन) की गणना

बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या + बाहरी कक्षा से ठीक पहले वाली कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या — 8

= 2 + 16 — 8

= 18 – 8

= 10

अत: Ni (निकेल) का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 10

[d–ब्लॉक के तत्वों के लिए वैलेंस इलेक्ट्रॉन की संख्या निकालने के लिए विशेष नियम के तहत गणना की जाती है। यदि Fe(आयरन), Co(कोबाल्ट), Ni(निकेल), Cu (कॉपर) तथा Zn(जिंक) में, यदि संजोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8, 9 या 10 होती है, तो d–ब्लॉक के तत्वों के लिए ग्रूप संख्या = 8B होगी। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 11, तो ग्रूप संख्या 1stB होती है। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 12, तो ग्रूप संख्या 2ndB होती है।]

Ni (निकेल) का आवर्त सारणी में स्थान

Ni (निकेल) का आवर्त सारणी में आवर्त संख्या : 4th आवर्त

Ni (निकेल) का आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या : 8 B (10 वां ग्रूप आधुनिक आवर्त सारणी में)

Ni (निकेल) का ब्लॉक : d–ब्लॉक

Ni (निकेल) तत्व का गुण : ट्रांजिशन तत्व (धातु)

[सभी d–ब्लॉक तत्व ट्रांजिशन तत्व हैं तथा धात्विक हैं। ट्रांजिशन तत्व एक से ज्यादा संयोजकता तथा ऑक्सीडेसन संख्या दर्शाते हैं। ट्रांजिशन तत्वों का संयोजी इलेक्ट्रॉन 3 से 12 तक होता है।]

(29) Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कनफिगरेशन)

Cu (कॉपर) की परमाणु संख्या = 29

Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s1 3d10

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Cu (कॉपर) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

हुंड के नियम के अनुसार Hund's Rule, पूर्ण रूप से आधा भरा हुआ आधे से कम या आधे से अधिक भरे हुए ऑर्बाइटल से ज्यादा स्थाई होता है।

अत: Cu (कॉपर) के केस में ऑर्बाइटल को ज्यादा स्थाई बनाने के लिए `4s` से एक इलेक्ट्रॉन `3d` में चला जाता है। इस प्रकार `3d` में इलेक्ट्रॉन की संख्यां `9` से बढ़कर `10` हो जाती है तथा `4s` से एक इलेक्ट्रॉन `3d` में चले जाने के कारण `4s` में इलेक्ट्रॉन की संख्यां `1` हो जाती है।

अत: Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) हो जाता है: [Ar] 4s1 3d10

अब Cu (कॉपर) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

अत: Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s1 होता है।

या, Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 4s1 3d10

या, Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 3d10 4s1

या, Cu (कॉपर) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : 2, 8, 8, 10, 1

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Cu (कॉपर) के सबसे निकट है। अत: Cu (कॉपर) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

d–ब्लॉक तत्वों के लिए संयोजी इलेक्ट्रॉन (वैलेंस इलेक्ट्रॉन) की गणना

बाहरी कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या + बाहरी कक्षा से ठीक पहले वाली कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉन की संख्या — 8

= 2 + 17 — 8

= 19 – 8

= 11

अत: Cu (कॉपर) का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 11

[d–ब्लॉक के तत्वों के लिए वैलेंस इलेक्ट्रॉन की संख्या निकालने के लिए विशेष नियम के तहत गणना की जाती है। यदि Fe(आयरन), Co(कोबाल्ट), Ni(निकेल), Cu (कॉपर) तथा Zn(जिंक) में, यदि संजोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8, 9 या 10 होती है, तो d–ब्लॉक के तत्वों के लिए ग्रूप संख्या = 8B होगी। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 11, तो ग्रूप संख्या 1stB होती है। तथा यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 12, तो ग्रूप संख्या 2ndB होती है।]

Cu (कॉपर) का आवर्त सारणी में स्थान

आवर्त संख्या : 4 था आवर्त

ग्रूप संख्या : 1 B (11 वां आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या)

Cu (कॉपर) का ब्लॉक : d–ब्लॉक

Cu (कॉपर) का गुण: ट्रांजिशन तत्व (धातु)

[सभी d–ब्लॉक तत्व ट्रांजिशन तत्व हैं तथा धात्विक हैं। ट्रांजिशन तत्व एक से ज्यादा संयोजकता तथा ऑक्सीडेसन संख्या दर्शाते हैं। ट्रांजिशन तत्वों का संयोजी इलेक्ट्रॉन 3 से 12 तक होता है।]

(30) Zn (Zinc) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कनफिगरेशन)

Zn (Zinc) की परमाणु संख्या = 28

Zn (Zinc) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d10

[∵ 4s ऑर्बाइटल का उर्जा स्तर 3d ऑर्बाइटल के उर्जा स्तर से कम है, अत: ऑफबाउ सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s में जाता है। इसलिये Zn (Zinc) के परमाणु में इलेक्ट्रॉन पहले कम उर्जा स्तर बाले ऑर्बाइटल 4s को भरता है, तत्पश्चात 3d ऑर्बाइटल को।]

अब Zn (Zinc) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) को ऑर्बिट के बढ़ते क्रम में व्यस्थित कर निम्नांकित रूप से लिखा जा सकता है।

Zn (Zinc) का पुनर्व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2

[इस पुनर्व्यवस्था में 3d ऑर्बाइटल 4s ऑर्बाइटल के पहले आता है।]

या, Zn (Zinc) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 4s2 3d10

या, Zn (Zinc) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : [Ar] 3d10 4s2

या, Zn (Zinc) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (इलेक्ट्रॉनिक कॉनफिगरेशन) : 2, 8, 8, 10, 2

[यहाँ, Ar (आर्सेनिक) के अक्रिय गैस (इनर्ट गैस) है, जो कि Zn (Zinc) के सबसे निकट है। अत: Zn (Zinc) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को, पहले Ar (आर्सेनिक) को बड़े ब्रैकेट में लिखकर उपरोक्त तरीके से लिखा जाता है।]

अत: Zn (जिंक) का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 2

Zn (जिंक) का आवर्त सारणी में स्थान

Zn (जिंक) की आवर्त संख्या : 4th आवर्त

Zn (जिंक) की ग्रूप संख्या : II B (2ndB) (12th आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रूप संख्या)

Zn (जिंक) का ब्लॉक : d–ब्लॉक

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