संतुलित आहार
एक दिन में खाया जाने वाले भोजन को प्राय: आहार कहते हैं। हमारे शरीर की अच्छी बृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमारे आहार में वे सभी पोषक तत्व जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है, उचित मात्रा में होने चाहिए। कोई भी पोषक न तो अत्यधिक हो और न बहुत कम। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में रूक्षांश तथा जल भी होना चाहिए। इस प्रकार के आहार को संतुलित आहार कहते हैं।
संतुलित आहार की परिभाषा
(a) आहार जिनमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा तथा अनुपात में जल तथा रूक्षांश के साथ हो संतुलित आहार कहलाता है।
(b) एक संतुलिए आहार वह है जिसमें भोजन के सभी घटक सही मात्रा तथा अनुपात में उपस्थित हों।
भोजन पिरामिड
भोजन पिरामिड या खाद्य पिरामिड संतुलित भोजन की एक प्रकार की अवधारणा है, जिसका चित्रण खाद्य पदार्थों को पिरामिड के रूप में दर्शा कर किया जाता है।
भोजन पिरामिड या खाद्य पिरामिड हमें प्रतिदिन खाये जाने वाले भोजन के प्रकार तथा उसकी मात्रा के बारे में बतलाता है।
भोजन पिरामिड या खाद्य पिरामिड को सामान्यत: चार भाग में विभक्त किया गया होता है।
कार्बोहाइड्राइड से युक्त भोजन जैसे रोटी, चावल, अनाज आदि को भोजन पिरामिड या खाद्य पिरामिड के आधार वाले भाग में रखा गया है। चूँकि एक पिरामिड का आधार सबसे बड़ा होता है, अर्थात यह बतलाता है कि हमें कार्बोहाइड्रेड से युक्त भोजन की मात्रा प्रत्येक खाने में सबसे अधिक होना चाहिए।
भोजन पिरामिड या खाद्य पिरामिड आधार वाले भाग के बाद सब्जियों को रखा गया है। इसका अर्थ है कि कार्बोहाइड्रेड से युक्त भोजन की मात्रा के बाद सब्जियों की मात्रा आती है। सब्जियों के बाद जंतुओं से मिलने वाले भोज्य पदार्थों को रखा गया है। घी, तेल, चीनी, नमक आदि को भोजन पिरामिड के सबसे ऊपर अर्थात शिखर वाले भाग में रखा गया है। चूँकि एक पिरामिड के शिखर का फैलाव सबसे कम होता है, अत: यह बतलाता है कि शिखर वाले भाग में रखा जाने वाला खाद्य पदार्थ आहार में सबसे कम मात्रा में होना चाहिए। अर्थात घी, तेल, चीनी, नमक, आदि को काफी कम मात्रा में खाना है।
एक संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज–लवण, सभी की सही मात्रा सही अनुपात में होनी चाहिए।
हमें हरी शाक सब्जियाँ तथा फल भोजन के समय पर्याप्त एवं उचित मात्रा में निश्चित रूप से खाना चाहिए। ये विटामिन, खनिज तथा रूद्रांक्ष के अच्छे श्रोत हैं।
हमें अधिक वसायुक्त तथा कम रूद्रांक्ष वाले भोजन नहीं करना चाहिए। जैसे कि चिप्स, बर्गर, पिज्जा, नूडल्स आदि। इनमें वसा अधिक मात्रा में तथा रूद्रांक्ष नहीं के बराबर होता है। ये जंक फुड कहलाते हैं, तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
अभावजन्य रोग
वे रोग जो लम्बी अवधि तक पोषक तत्वों के आभाग के कारण होते हैं, अभावजन्य रोग कहलाते हैं। तथा ऐसे बच्चे जिन्हें सही पोषण नहीं मिलता है, को कुपोषित कहा जाता है।
संतुलित आहार पर्याप्त भोजन नहीं लेने के कारण कोई विशेष पोषक या कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। यदि यह कमी लम्बे समय तक रहती है, तो वह व्यक्ति अभाव से ग्रसित हो सकता है। एक या अधिक पोषक तत्वों का अभाव हमारे शरीर में रोग या विकृतियाँ उत्पन्न कर सकता है। ऐसे व्यक्तियों को कुपोषित व्यक्ति भी कहा जाता है। कुपोषित व्यक्ति अत्यधिक दुबले–पतले और कमजोर हो जाते हैं। कुपोषित व्यक्ति किसी काम को करने में बहुत जल्दी थक जाते हैं। शरीर में विटामिन, प्रोटीन तथा आवश्यक खनिज लवणों के अभाव में रोगों से लड़ नहीं पाते तथा रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं।
विभिन्न पोषण के अभाव में विभिन्न तरह की बीमारियाँ हो जाया करती हैं।
विटामिन A की कमी से होने वाले रोग
विटामिन A की कमी से ग्रस्त व्यक्ति क्षीणता दृष्टिहीनता नामक बीमारी का शिकार हो जाता है। इस बीमारी में उसकी दृष्टि कमजोर हो जाती है, अंधेरे (रात) में कम दिखाई देता है या कभी कभी रात में पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो जाता है। इस बीमारी को अंग्रेजी में नाइट ब्लांडनेश [रतौंधी (Night blindness)] भी कहा जाता है। विटामिन A की कमी के कारण दाँत टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं।
हरी तथा पत्ते वाली सब्जियाँ तथा शाक, गाजर, दूध, अंडे, मक्खन आदि विटामिन A के अच्छे श्रोत हैं। भोजन में विटामिन A की आवश्यक पर्याप्त मात्रा लेने से विटामिन A की कमी से होने वाली बीमारियाँ नहीं होती हैं।
विटामिन B1 की कमी से होने वाले रोग
विटामिन B1 की कमी के कारण बेरी – बेरी नाम की बीमारी हो जाती है। बेरी – बेरी बीमारी से ग्रसित बच्चा काफी दुबला एवं कमजोर हो जाता है। बेरी – बेरी बीमारी में माँसपेशियाँ दुर्बल हो जाती है तथा काम करने की उर्जा की कमी हो जाती है।
दूध, माँस, हरी शाक सब्जियाँ एवं सभी अनाज विटामिन B1 के अच्छे श्रोत हैं।
विटामिन B2 की कमी से होने वाले रोग
विटामिन B2 की कमी से ग्रस्त व्यक्ति त्वचा रोग से पीड़त हो जाता है। साथ ही शरीर की बृद्धि सही तरीके से नहीं होती है।
अंडे, माँस, हरी मटर आदि विटामिन B2 के अच्छे श्रोत हैं।
विटामिन B3 की कमी से होने वाले रोग
विटामिन B3 की कमी से पेलाग्रा नाम का रोग हो सकता है। पेलाग्रा नामक रोग में त्वचा, पाचन तंत्र तथा स्नायु तंत्र बुरी तरह प्रभावित हो जाते हैं।
टमाटर, आलू, माँस, मछली, साबुत अनाज आदि विटामिन B3 के अच्छे श्रोत हैं।
विटामिन B12 की कमी से होने वाले रोग
विटामिन B12 की कमी से खून की कमी हो जाती है, इस बीमारी को अंग्रेजी में अनेमिया कहा जाता है। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति काम करने की उर्जा की कमी के कारण हर समय थके हुए महसूस करते हैं।
अंडे, दूध, मछली, पत्तेदार हरी शाक सब्जियाँ आदि विटामिन B12 के अच्छे श्रोत हैं।
विटामिन C की कमी से होने वाले रोग
विटामिन C की कमी से स्कर्वी नाम की बीमारी हो जाती है। स्कर्वी नाम की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के मसूढ़ों से खून निकलता रहता है तथा घाव को भरने में अधिक समय लगता है।
खट्टे फल जैसे नींबू, नारंगी आदि विटामिन C के अच्छे श्रोत है।
विटामिन D की कमी से होने वाले रोग
विटामिन D की कमी से रिकेट्स नाम की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी में अस्थियाँ मुलायम हो जाती हैं तथा मुड़ जाती हैं। विटामिन D शरीर को कैल्शियम शोषित करने में सहायता करता है। विटामिन D हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है।
रिकेट्स नाम की बीमारी प्राय: बच्चों में पाया जाता है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की अस्थियाँ मुलायम होकर मुड़ जाती हैं जिससे उन बच्चों के हाथ पैर टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं।
कैल्शियम की कमी
कैशियम की कमी से ग्रसित बच्चों के शरीर का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है। इस बीमारी में अस्थियाँ कमजोर हो जाती हैं तथा दाँत भी कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
लौह (Iron) की कमी से होने वाले रोग
लौह (Iron) की कमी से खून की कमी हो जाती है। इस खून की कमी की बीमारी को अनेमिया कहा जाता है।
आयोडीन की कमी
आयोडीन की कमी से घेघा नाम की बीमारी हो जाती है। घेघा रोग में गर्दन का अग्र भाग (गर्दन की ग्रंथि) फूल जाता है। आयोडीन की कमी से बच्चों के मानसिक विकास में भी बाधा पहुँचाता है।
फॉस्फोरस की कमी
फॉस्फोरस की कमी से कमजोरी, तथा दाँत एवं अस्थियाँ कमजोर हो जाती है।
पोटाशियम की कमी
पोटाशियम की कमी से माँसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
सोडियम की कमी
सोडियम की कमी से माँसपेशियों में ऐंठन होने लगती है तथा थकान होने लगता है। निर्जलीकरण के कारण सोडियम की कमी हो सकती है। निर्जलीकरण की स्थिति में ओ.आर.एस. (ओरल रिहाइड्रेटेड शॉल्यूशन) लिया जाता है।
फ्लोरीन की कमी से दाँतों में सड़न उत्पन्न हो जाता है।
शारांश
(a) भोजन उर्जा देता है।
(b) भोजन के बिना कोई भी सजीव जीवित नहीं रह सकता है।
(c) कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज भोजन के घटक हैं। भोजन में उपस्थित पोषक पदार्थों को भोजन के घटक कहते हैं।
(d) कार्बोहाइड्रेट से हमें उर्जा प्राप्त होती है। इसलिए कार्बोहाइड्रेट से युक्त भोजन को उर्जा देने वाला भोजन कहा जाता है।
(e) प्रोटीन हमारे शरीर की कोशिकाओं को बनाता है, तथा वैसे क्षतिग्रस्त कोशिकाओं का पुनर्निमाण करता है जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक हैं। चूँकि प्रोटीन हमारे शरीर की कोशिकाओं का निर्माण करता है, इसलिये प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों को शरीर वर्धक भोजन कहा जाता है।
(f) विटामिन हमारे शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं। साथ ही हमारे शरीर के विभिन्न अंगों यथा आँख, हड्डियाँ, दाँत, मसूढ़े आदि को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
(g) वसा भी हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करता है। वसा सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रखता है।
(h) खनिज लवण हमारे शरीर के उचित विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
(i) हमारे शरीर का लगभग 70% भाग जल का बना होता है। जीवन के लिए जल अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बिना जल के कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। भोजन के घटक के अलावे जल भी भोजन का एक अभिन्न भाग है।
(j) भोजन में उपस्थित आहारी रेशों को क्षुद्रांश कहा जाता है। क्षुद्रांश (आहारी रेशे) में किसी प्रकार का पोषक तत्व नहीं होता है। फिर भी क्षुद्रांश (आहारी रेशे) हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण भाग है। क्षुद्रांश (आहारी रेशे) भोजन के आयतन को बढ़ा देता है तथा उसे पाचन तंत्र में आगे बढ़ने में सहायता करता है। पाचन के बाद बचे हुए भोजन में क्षुद्रांश (आहारी रेशे) मिलकर उसे शरीर से बाहर निकालने में सहायता है।
(k) लम्बे समय तक पर्याप्त भोजन नही लेने से कुपोषण हो जाता है। कुपोषण अर्थात अपर्याप्त पोषण। कुपोषण से ग्रसित व्यक्ति काफी दुबला पतला तथा कमजोर हो जाता है। कई देश ऐसे हैं, जहाँ पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं होने के कारण वहाँ के बच्चे तथा बड़े कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। कुपोषण के कारण कई सारी बीमारियाँ भी हो जाती है।
(l) आहार जिनमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा तथा अनुपात में जल तथा रूक्षांश के साथ हो संतुलित आहार कहलाता है।
एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न संख्या (1) हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्व हैं। इन पोषक तत्वों को भोजन का घटक भी कहा जाता है।
प्रश्न संख्या (2) निम्नलिखित के नाम लिखिए
(a) पोषक जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को उर्जा देते हैं।
Answer: कार्बोहाइड्रेट
(b) पोषक जो हमारे शरीर की बृद्धि और अनुरक्षण के लिए आवश्यक है।
उत्तर: प्रोटीन
(c) वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक हैं।
Answer: विटामिन A
(d) वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है।
Answer: कैल्शियम
प्रश्न संख्या (3) दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें निम्न पोषक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं:
(a) वसा
उत्तर: तेल तथा अंडे
(b) मंड
Answer: चावल तथा आलू
(c) आहारी रेशे
Answer: पालक तथा ताजे फल
(d) प्रोटीन
Answer: दाल तथा अंडे
प्रश्न संख्या (4) इनमें सही कथन को (✔) अंकित कीजिए:
(a) केवल चावल खाने से हम अपने शरीर की पोषण आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। ()
उत्तर नहीं
ब्याख्या
चावल मुख्य रूप से हमें कार्बोहाइड्रेट देता है। अत: केवल चावल खाने से हमारे शरीर की पोषण की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता है।
(b) संतुलित आहार खाकर अभावजन्य रोगों की रोकथाम की जा सकती है। ()
उत्तर: हाँ
ब्याख्या
आहार जिनमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा तथा अनुपात में जल तथा रूक्षांश के साथ हो संतुलित आहार कहलाता है। अत: संतुलित आहार खाकर अभावजन्य रोगों की रोकथाम की जा सकती है।
(c) शरीर के लिए संतुलित आहार में नाना प्रकार के खाद्य पदार्थ होने चाहिए।
उत्तर: हाँ
ब्याख्या:
किसी भी एक खाद्य सामग्री में शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं।
अत: शरीर के उचित विकास तथा सही तरीके से कार्य करने की क्षमता को बनाये रखने के लिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए। आहार जिनमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा तथा अनुपात में जल तथा रूक्षांश के साथ हो संतुलित आहार कहलाता है।
(d) शरीर को सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए केवल मांस पर्याप्त है।
उत्तर: नहीं
ब्याख्या:
माँस मुख्य रूप से प्रोटीन तथा विटामिन देते हैं लेकिन माँस में कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण तथा अन्य पोषक तत्वों का आभाव होता है। अत शरीर को सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए केवल मांस पर्याप्त नहीं है।
प्रश्न संख्या (5) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(a) _______ विटामिन D के अभाव से होता है
Answer: रिकेट्स विटामिन D के अभाव से होता है।
(b) ______ की कमी से बेरी–बेरी नामक रोग होता है।
Answer: विटामिन B1 की कमी से बेरी–बेरी नामक रोग होता है।
(c) विटामिन C के अभाव से _______ नामक रोग होता है।
उत्तर:विटामिन C के अभाव से स्कर्वी नामक रोग होता है।
(d) हमारे भोजन में ________ के आभाव से रतौंधी होती है।
Answer: हमारे भोजन में विटामिन A के आभाव से रतौंधी होती है।
भोजन के घटक पाठ से संबंधित अतिरिक्त प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न संख्या (1) सही कथन के लिए सही तथा गलत कथन के लिए गलत लिखें
(a) हमें भोजन में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में लेना चाहिए।
उत्तर: सही
(b) विटामिन हमारे शरीर के लिए आवश्यक नहीं है।
Answer: गलत
ब्याख्या: विटामिन हमारे शरीर की बीमारियों से रक्षा करता है। साथ ही विटामिन हामारी आँखों, हड्डियों, दाँतों, मसूढ़ों आदि को मजबूत बनाता है।
अत: विटामिन हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है।
(c) प्रोटीन को शरीर बर्धक भोजन कहा जाता है।
उत्तर: सही
(d) वसा भोजन का एक घटक नहीं है।
उत्तर: गलत
ब्याख्या:कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन तथा खनिज लवण भोजन के घटक हैं।
(e) जानवर विटामिन बना सकते हैं।
उत्तर: गलत
ब्याख्या:जानवर विटामिन नहीं बना सकते हैं।
प्रश्न संख्या (2) खाली स्थान को भरें
(a) हमे ........... सब्जियाँ खाना चाहिए।
Answer: हमें हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाना चाहिए।
(b) कार्बोहाइड्रेट में कार्बन, ??? और ......... होता है।
उत्तर: कार्बोहाइड्रेट में कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन होता है।
(c) B-कॉम्पलेक्स एक प्रकार का .............
Answer: B-कॉम्पलेक्स एक प्रकार का विटामिन है।
(d) आयोडीन की कमी से ........... नाम की बीमारी हो जाती है।
Answer: आयोडीन की कमी से घेघा नाम की बीमारी हो जाती है।
(e) अनेमिया नाम की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति ......... हो जाता है। (कमजोर/मजबूत)
उत्तर: अनेमिया नाम की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति कमजोर हो जाता है।
प्रश्न संख्या (3) लघुउत्तरीय प्रश्न
(a) किस विटामिन की कमी से खून की कमी हो जाती है ?
Answer: विटामिन B12 की कमी से खून की कमी हो जाती है।
(b) हमारे शरीर का कितना प्रतिशत भाग पानी होता है?
उत्तर: हमारे शरीर का 70% भाग पानी होता है।
(c) कैल्शियम की कमी से कौन सी बीमारी हो जाती है?
उत्तर:कैल्शियम की कमी से अस्थियाँ एवं द्ंतक्षय की बीमारी हो जाती है।
(d) पोषक तत्वों के आभाव में किस प्रकार की बीमारी हो जाती है ?
उत्तर: अभावजन्य रोग
प्रश्न संख्या (4) लघु उत्तरीय प्रश्न
(a) जंक फुड क्या होता है?
Answer: तेल तथा वसा से युक्त प्राय: डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ को जंक फुड कहा जाता है। जैसे चिप्स, कुरकुरे, पिज्जा, बर्गर आदि।
(b) हमारे शरीर के लिए प्रोटीन का क्या कार्य है?
उत्तर:प्रोटीन हमारे शरीर में नये कोशिका को बनाने तथा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता है। प्रोटीन हमारे शरीर को उचित विकास तथा सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है।
(c) कौन सा विटामिन हमारी आँखों की अच्छी रोशनी लिए आवश्यक है?
उत्तर: विटामिन A हमारे आँखों की अच्छी रोशनी के लिए आवश्यक है।
(d) कार्बोहाइड्रेट युक्त कुछ खाद्य पदार्थों के नाम लिखें?
उत्तर: चावल, रोटी, आलू, अनाज, आदि कार्बोहाइड्रेट युक्त कुछ खाद्य पदार्थ हैं।
(e) रूद्रांश हमारे आहार में क्यों आवश्यक है?
Answer: रूद्रांश भोजन के आयतन को बढ़ा देता है जिससे भोजन को आहार नली में आगे बढ़ने में तथा पाचन के बाद बचे हुए भोजन को बाहर निकालने में सहायता करता है। इसलिए रूद्रांश हमारे आहार का एक आवश्यक भाग है।
प्रश्न संख्या (5) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(a) भोजन के घटक क्या हैं?
उत्तर: भोजन में उपस्थित पोषक तत्वों को भोजन का घटक कहा जाता है। कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन तथा खनिज लवण भोजन के घटक हैं।
(b) संतुलित आहार हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर: आहार जिनमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा तथा अनुपात में जल तथा रूक्षांश के साथ हो संतुलित आहार कहलाता है। चूँकि एक संतुलित आहार में शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व सही मात्रा में उपस्थित होते हैं इसलिए संतुलित आहार हमारे लिए आवश्यक है।
(c) कार्बोहाइड्रेट का हमारे शरीर के लिए क्या कार्य है?
Answer: कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करता है। चावल, रोटी, आलू, अनान आदि कार्बोहाइड्रेट के मुख्य श्रोत हैं।
चूँकि कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करता है अत: कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को उर्जा देने वाला भोजन कहा जाता है।
(d) जल हमारे लिए किस तरह आवश्यक है?
उत्तर:
जल हमारे लिए निम्नांकित कारणों से आवश्यक है:
(i) भोजन में उपस्थित पोषक तत्वों को अवशोषित कर शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाने में जल सहायता करता है।
(ii) जल हमारे शरीर से अवशिष्ट पदार्थों जैसे मूत्र, पसीना आदि को बाहर निकालने में मदद करता है।
(iii) हमारे शरीर का लगभग 70% प्रतिशत भाग जल का बना होता है।
(e) अभावजन्य रोग से क्या समझते हैं? कुछ अभावजन्य रोग के नाम लिखें।
उत्तर:
किसी पोषक तत्व की लम्बे समय तक कमी के कारण होने वाले रोग को अभावजन्य रोग कहते हैं।
उदाहरण:
(a) विटामिन A की कमी से रतौंधी हो सकती है। रतौंधी से ग्रसित व्यक्ति को रात में दिखाई नहीं देता है।
(b) लौह की कमी से खून की कमी हो जाती है।
(c) आयोडीन की कमी से घेघा रोग हो जाता है।