पदार्थों का पृथक्करण: छठवीं विज्ञान


पदार्थों के पृथक्करण का सारांश भाग 2

पदार्थों के पृथक्करण की विधियाँ भाग 2

(5) अवसादन

मिश्रण यदि तरल हो तथा उसमें कोई अघुलनशील पदार्थ मिला हो, तो अवसादन की प्रक्रिया द्वारा उन्हें अलग किया जाता है।

मिश्रण जो तरल के रूप में है तथा उसमें कोई अघुलनशील ठोस पदार्थ, जिसके कण थोड़े बड़े हों, मिला हुआ है, तब ऐसे मिश्रण को थोड़ी देर छोड़ देने पर उसमें मिला हुआ अघुलनशील पदार्थ प्राय: तल में बैठ जाता है। तथा मिश्रण के दोनों घटकों की परतें अलग अलग स्पष्ट दीखने लगती हैं अर्थात अलग अलग हो जाती हैं, मिश्रण में उपस्थित दूसरे घटक के तल में बैठ जाने पर दोनों को पृथक किया जा सकता है। तल में बैठने वाले ऐसे ठोस पदार्थ को अवसाद कहा जाता है। पृथक्करण की यह विधि अवसादन कहलाती है।

उदाहरण

जल तथा रेत का मिश्रण : जल तथा रेत के मिश्रण को थोड़ी देर छोड़ देने पर रेत के कण नीचे अवसाद के रूप में बैठ जाते हैं, इस स्थिति में जल को सावधानी पूर्वक दूसरे बर्तन में निकाल कर रेत और जल को पृथक किया जाता है।

(6) निस्तारण

निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा ऐसा मिश्रण, जो तरल अवस्था में हो तथा उसमें कोई अघुलनशील ठोस पदार्थ मिला हुआ हो जिसके कण थोड़े मोटे हों, के घटकों को पृथक किया जा सकता है।

किसी द्रव तथा मोटे कणों वाले अघुलनशील ठोस पदार्थ के मिश्रण को थोड़ी देर छोड़ देने पर अघुलनशील ठोस तल में अवसाद के रूप में बैठ जाता है, मिश्रण के इस स्थिति में आ जाने के पश्चात तरल पदार्थ को सावधानी पूर्वक दूसरे बर्तन में निकाल कर तरल तथा ठोस पदार्थ को अलग कर लिया जाता है। मिश्रण से तरल पदार्थ को दूसरे बर्तन में निकाले जाने की प्रक्रिया निस्तारण कहलाती है।

निस्तारण की प्रक्रिया के पूर्व अवसादन की प्रक्रिया सम्पन्न होना आवश्यक है, क्योंकि यदि मिश्रण में उपस्थित अघुलनशील ठोस तल में अवसाद के रूप में जमा नहीं होगा उस स्थिति निस्तारण की प्रक्रिया को सम्पन्न करने में मिश्रण के घटक पूरी तरह पृथक नहीं होंगे।

अवसादन तथा निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा वैसे तरल जो आपस में घुलनशील नहीं हैं के मिश्रण से दोनों तरल पदार्थ को पृथक किया जा सकता है।

उदाहरण

जैसे तेल और जल का मिश्रण। तेल और जल आपस में घुलनशील नहीं हैं, अत: तेल और जल के मिश्रण से तेल और जल को अवसादन तथा निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा पृथक किया जा सकता है।

तेल और जल के मिश्रण से दोनों को पृथक करने की प्रक्रिया

तेल और जल के मिश्रण को थोड़ी देर छोड़ देने पर तेल का जल से हल्का होने के कारण तेल जल के ऊपर तैरने लगता है। इस स्थिति में सावधानीपूर्वक तेल को दूसरे बर्तन में निस्तारित कर लिया जाता है तथा जल पहले वाले बर्तन में बच जाता है।

जल और रेत के मिश्रण से जल और रेत को अलग करने की प्रक्रिया

जल और रेत के मिश्रण, जिसमें जल की मात्रा अधिक तथा रेत की मात्रा कम हो, से अवसादन तथा निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा दोनों को पृथक किया जा सकता है।

जल और रेत के मिश्रण को थोड़ी देर छोड़ देने पर रेत नीचे तल में अवसाद के रूप में जमा हो जाता है। उसके पश्चात जल को सावधानी पूर्वक दूसरे बर्तन में निस्तारित कर लिया जाता है, जिससे जल तथा रेत अलग हो जाते हैं।

(7) निस्यंदन

निस्यंदन की प्रक्रिया द्वारा हल्के अघुलनशील ठोस तथा किसी तरल के मिश्रण से उन्हें पृथक किया जाता है, क्योंकि यदि किसी तरल में हल्के तथा महीन कण वाले अघुलनशील ठोस मिले हों तब मिश्रण को छोड़ देने के बाद भी ठोस पदार्थ तल में अवसादित नहीं होते हैं।

निस्यंदन की प्रक्रिया में मिश्रण से अवयवों को पृथक करने के लिए एक महीन जाली का प्रयोग किया जाता है।

किसी तरल तथा हल्के महीन कण वाले अघुलनशील ठोस के मिश्रण को एक महीन जाली के ऊपर गिराने पर तरल पदार्थ नीचे रखे दूसरे बर्तन में गिर जाता है तथा अघुलनशील ठोस पदार्थ जाली के ऊपर बच जाता है। इस प्रक्रार मिश्रण के घटक को पृथक कर लिया जाता है। यह प्रक्रिया निस्यंदन कहलाती है

साधारण बोल चाल की भाषा में निस्यंदन को "छानना" भी कहा जाता है।

उदाहरण

चाय बनने के बाद चाय तथा चायपत्ती का पृथक्करण

चाय को बनाने के बाद उसे पीने योग्य बनाने के लिए उससे चाय पत्ती को पृथक करना होता है। चाय से चाय पत्ती को पृथक करने के लिए चाय (तरल तथा चाय पत्ती का मिश्रण) को एक महीन कपड़े या महीन तार की जाली के ऊपर गिराया जाता है। इससे चाय का अर्क नीचे रखे बर्तन में जमा हो जाता है तथा चाय पत्ती महीन कपड़े या तार की जाली पर बच जाता है। इस तरह जल तथा चाय पत्ती के मिश्रण से चाय (तरल) तथा चाय की पत्तियों को अलग कर लिया जाता है। छानने की यह प्रक्रिया निस्यंदन कहलाती है।

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Reference:

NCERT Solution and CBSE Notes for class twelve, eleventh, tenth, ninth, seventh, sixth, fifth, fourth and General Math for competitive Exams. ©