एनसीईआरटी अभ्यास प्रश्नों के हल भाग-2
प्रश्न संख्या (7) पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर
पंकिल जल के किसी नमूने से अवसादन तथा निस्तारण के उपरांत निस्यंदन की प्रक्रिया द्वारा स्वच्छ जल प्राप्त किया जा सकता है।
पंकिल जल के किसी नमूने से स्वच्छ जल प्राप्त करने की प्रक्रिया
पंकिल जल के नमूने को एक बर्तन में लेकर उसे दो तीन घंटे छोड़ दिया जाता है। दो तीन घंटे छोड़ने पर पंकिल जल में उपस्थित मिट्टी आदि भारी होने के कारण तल में अवसाद के रूप में जमा हो जाता है। इसके पश्चात निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा ऊपर से स्वच्छ जल सावधानी पूर्वक दूसरे बर्तन में पृथक कर लिया जाता है।
इस तरह से प्राप्त जल स्वच्छ जल होगा। लेकिन चूँकि जल के नमूने में मिट्टी के महीन कण भी मौजूद होते हैं अत: इस तरह से प्राप्त जल अधिक स्वच्छ नहीं होगा। इसलिए अवसादन तथा निस्तारण से प्राप्त जल से निस्यंदन की प्रक्रिया द्वारा अधिक स्वच्छ जल प्राप्त किया जाता है।
निस्यंदन की प्रक्रिया
अवसादन तथा निस्तारण की प्रक्रिया के पश्चात जल को एक बर्तन में लेकर कीप में रखे छन्ना पत्र पर धीरे धीरे गिराया जाता है। इससे स्वच्छ जल छन्ना पत्र से निस्यंदित होकर नीचे रखे बर्तन में जमा हो जाता है तथा जल में व्याप्त मिट्टी के कण छन्ना पत्र पर बच जाते हैं। इस प्रक्रार निस्यंदन की प्रक्रिया द्वारा स्वच्छ जल प्राप्त कर लिया जाता है।
पंकिल जल से अवसादन एवं निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा भी स्वच्छ जल प्राप्त किया जा सकता है। परंतु निस्यंदन की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त जल अधिक स्वच्छ होगा। इसलिए अवसादन तथा निस्तारण की प्रक्रिया के बाद निस्यंदन की प्रक्रिया को सम्पन्न करना अधिक उपयुक्त हो सकता है।
प्रश्न संख्या (8) रिक्त स्थानों को भरिए:
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को _______ कहते हैं।
उत्तर: धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को थ्रेसिंग कहते हैं।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण यह प्रक्रिया ________ कहलाती है।
उत्तर: किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण यह प्रक्रिया निस्यंदन कहलाती है।
(ग) समुद्र के जल से नमक ________ प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
उत्तर: समुद्र के जल से नमक वाष्पीकरण प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं। इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को _______ कहते हैं।
उत्तर: जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं। इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को अवसादन एवं निस्तारण कहते हैं।
प्रश्न संख्या (9) सत्य अथवा असत्य?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।
उत्तर: असत्य ।
ब्याख्या: दूध और जल के मिश्रण को वाष्पीकरण प्रक्रिया द्वारा पृथक किया जा सकता है परंतु इसमें दूध में वर्तमान वसा तथा अन्य पदार्थ ठोस के रूप में प्राप्त होते हैं।
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं।
उत्तर: असत्य ।
ब्याख्या: नमक तथा चीनी के मिश्रण को चालन की विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है, चूँकि चीनी के दाने प्राय: नमक के दानों से बड़े होते हैं। यदि दोनों के दानें एक ही आकार के हुए तो इन्हें पृथक्करण की साधारण विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है।
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर: सत्य।
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर: असत्य।
ब्याख्या: अनाज और भूसे का पृथक्करण निष्पावन की प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है। निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा तरल मिश्रण से अघुलनशील ठोस के बड़े कणों को पृथक किया जा सकता है।
प्रश्न संख्या (10) जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनायी जाती है। आप बर्फ डालकर इसे करना चाहते हो, आप शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद मे? किस प्रक्रम में अधिक चीनी घोलना संभव होगा?
उत्तर: शिकंजी बनाने में उसे बर्फ में ठंढ़ा करने से पूर्व चीनी घोलना अधिक उपयुक्त होगा। क्योंकि तापमान कम होने के साथ साथ किसी तरल की घोलने की क्षमता कम होती जाती है।
स्पष्टत: बर्फ डालने से पूर्व ही शिकंजी में अधिक चीनी घोलना संभव होगा।