परिमेय संख्या
परिमेय संख्या की परिभाषा
संख्या जो `p/q` के फॉर्म में हों, या संख्या जिन्हें `p/q` के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ p तथा q पूर्णांक हों तथा `q!=0` हो, परिमेय संख्यां कहलाती हैं। परिमेय संख्या को अंग्रेजी में रेशनल नम्बर कहा जाता है।
उदाहरण
`2/3`, `(–2)/5`, `3/4`, `3/(–4)`, आदि परिमेय संख्या के कुछ उदाहरण हैं।
अंश तथा हर
एक परिमेय संख्या जो कि `p/q` के रूप में होता है, में p को अंश तथा q को हर कहते हैं।
परिमेय संख्या `2/3` में 2 अंश तथा 3 हर है।
उसी प्रकार `–5/6`, जो कि एक परिमेय संख्या है, में –5 अंश तथा 6 हर है।
उसी प्रकार `12/(–13)` जो कि एक परिमेय संख्या है, में 12 अंश तथा –13 हर है।
परिमेय संख्या के संबंध में कुछ सामान्य प्रश्न
क्या सभी प्राकृत संख्या परिमेय संख्या है?
हाँ सभी प्राकृत संख्या परिमेय संख्या हैं।
ब्याख्या गिनती की संख्याओं, जैसे 1, 2, 3, 4, . . . आदि प्राकृत संख्या कहलाती हैं।
चूँकि सभी प्राकृत संख्याओं को `p/q` के फॉर्म में लिखा जा सकता है, जैसे 2 को `2/1`, 3 को `3/1` 4 को `4/1` आदि लिखा जा सकता है, अत: सभी प्राकृत संख्या परिमेय संख्या हैं।
क्या सभी पूर्ण संख्या परिमेय संख्या हैं?
हाँ सभी पूर्ण संख्या परिमेय संख्या है।
ब्याख्या
1, 2, –1, –3, 3 आदि पूर्ण संख्या के उदाहरण हैं। चूँकि 1 को `1/1`, 2 को `2/1`, –1 को `(–1)/1`, –3 को `(–3)/1` के रूप में लिखा जा सकता है, जो कि `p/q` के रूप हैं, अत: सभी पूर्ण संख्या परिमेय संख्या हैं।
शून्य जो कि एक पूर्ण संख्यां है, क्या एक परिमेय संख्या भी है?
हाँ शून्य एक परिमेय संख्या है, क्योंकि शून्य (0) को `0/1` लिखा जा सकता है।
क्या सभी भिन्न परिमेय संख्यां हैं?
हाँ सभी भिन्न परिमेय संख्या हैं, क्योंकि भिन्न `p/q` के रूप में होते हैं, जहाँ `q!=0` होता है।
क्या `4/0` एक परिमेय संख्या है?
नहीं। `4/0` एक परिमेय संख्या नहीं है, क्योंकि एक परिमेय संख्या का हर शून्य नहीं होता है तथा `4/0` का हर 0 है।
समतुल्य परिमेय संख्या
ऐसी परिमेय संख्याएँ जो परस्पर बराबर हों एक दूसरे के समतुल्य या तुल्य कही जाती है। अर्थात आपस में बराबर परिमेय संख्याएँ समतुल्य परिमेय संख्या या तुल्य परिमेय संख्या कही जाती हैं।
किसी दी हुई परिमेय संख्या के समतुल्य परिमेय संख्या निकालना
एक परिमेय संख्या के अंश और हर को एक ही शून्येतर पूर्णांक से गुणा करने पर दी हुई परिमेय संख्या के समतुल्य या तुल्य एक अन्य परिमेय संख्या प्राप्त होती है। यह समतुल्य भिन्न प्राप्त करने जैसा है।
उदाहरण
`2/3` के अंश और हर में 2 से गुणा करने पर प्राप्त संख्या `2/3` के समतुल्य परिमेय संख्या होगी।
`2/3 = (2xx2)/(3xx2) = 4/6`
अत: `2/3` समतुल्य `4/6` परिमेय संख्या हैं।
उसी प्रकार, `2/3 = (2xx3)/(3xx3) = 6/9`
यहाँ `2/3` और `6/9` समतुल्य परिमेय संख्या हैं।
उसी प्रकार, `2/3 = (2xx4)/(3xx4) = 8/12`
यहाँ `2/3` और `8/12` समतुल्य परिमेय संख्या हैं।
अत: `2/3 , 4/6` , `6/9` , तथा `8/12` समतुल्य परिमेय संख्या हैं, चूँकि ये आपस में परस्पर बराबर हैं।
धनात्मक और ऋणात्मक परिमेय संख्याएँ
धनात्मक परिमेय संख्या
परिमेय संख्या जिनमें अंश तथा हर दोनों धनात्मक हों, धनात्मक परिमेय संख्या कहलाती हैं।
उदाहरण
`2/3`, `3/4`, `12/13`, `19/25` आदि धनात्मक परिमेय संख्याओं के कुछ उदाहरण हैं। चूँकि इन संख्याओं में अंश तथा हर दोनों ही धनात्मक हैं।
ऋणात्मक परिमेय संख्या
परिमेय संख्या जिनमें अंश या हर कोई एक ऋणात्मक हो, को ऋणात्मक परिमेय संख्या कहते हैं।
उदाहरण
`(–1)/2`, `2/(–3)`, `4/(–5)` आदि ऋणात्मक परिमेय संख्या के कुछ उदाहरण हैं। चूँकि इनमें अंश या हर कोई एक ऋणात्मक है।
परिमेय संख्या जिनका अंश तथा हर दोनों ऋणात्मक हों, धनात्मक परिमेय संख्या होती हैं। क्योंकि अंश तथा हर दोनों का ऋण चिन्ह कट जाता है, तथा धनात्मक हो जाता है।
उदाहरण
`(–4)/(–5) = 4/5` एक धनात्मक परिमेय संख्यां है।
शून्य (0) धनात्मक परिमेय संख्या है या ऋणात्मक परिमेय संख्या है?
शून्य (0) न तो धनात्मक परिमेय संख्या है न ही ऋणात्मक परिमेय संख्या।
मानक रूप में परिमेय संख्याएँ
परिमेय संख्या जिसका हर धनात्मक पूर्णांक हो तथा उसके अंश तथा हर में 1 के अतिरिक्त कोई सार्व गुणनखंड नहीं हो, तो उस परिमेय संख्या को मानक रूप में व्यक्त की हुई कही जाती है।
उदाहरण
`2/3` एक मानक रूप में व्यक्त की गई परिमेय संख्या है, क्योंकि इसका हर धनात्मक है तथा अंश तथा हर में 1 के अतिरिक्त कोई सार्व गुणनखंड नहीं है।
`3/4`, `5/6`, `11/15` आदि मानक रूप में व्यक्त की गई परिमेय संख्या है।
यदि कोई परिमेय संख्या मानक रूप में नहीं है, तो उसे उसके मानक रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण
संख्या रेखा पर शून्य के दायीं ओर धनात्मक पूर्णांक तथा शून्य के बायीं ओर ऋणात्मक पूर्णांक होता है।
अत: ऋणात्मक परिमेय संख्या को संख्या रेखा पर बायीं ओर तथा धनात्मक परिमेय संख्या को संख्या रेखा पर दायीं ओर निरूपित किया जाता है।
उदाहरण
(1) `1/2` तथा `(–1)/2` का संख्या रेखा पर निरूपण
`1/2` चूँकि धनात्मक है अत: यह संख्या रेखा पर दायीं ओर 0 तथा 1 के बीच होगा। तथा चूँकि `(–1)/2` ऋणात्मक है, अत: यह संख्या रेखा पर 0 तथा –1 के बीच दायीं ओर होगा।
(2) `5/2` तथा `(–5)/2` का संख्या रेखा पर निरूपण
`5/2 = 21/2` `(–5)/2 = –21/2` होता है।
अत: `5/2` अर्थात `21/2` जो कि एक धनात्मक परिमेय संख्या है का निरूपण संख्या रेखा पर दायीं ओर 2 के बाद 2 और 3 के बीच अर्थात आधे भाग पर होगा।
उसी तरह `(–5)/2` अर्थात `–21/2` जो कि एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है का निरूपण संख्या रेखा पर बायीं ओर –2 के बाद –2 और –3 के बीच अर्थात आधे भाग पर होगा।
(3) `5/3` तथा `(–5)/3` का संख्या रेखा पर निरूपण
हम जानते हैं कि `5/3 = 1 1/3` तथा `(–5)/3 = –1 1/3`
अत: `5/3` अर्थात `11/3` जो कि एक धनात्मक परिमेय संख्या है का निरूपण संख्या रेखा पर दायीं ओर 1 के बाद 1 और 3 के बीच `1/3`वें भाग पर होगा।
उसी तरह `(–5)/3` अर्थात `–11/3` जो कि एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है का निरूपण संख्या रेखा पर दायीं ओर –1 के बाद –1 और –2 के बीच `1/3`वें भाग पर होगा।
परिमेय संख्याओं की तुलना
दी गई परिमेय संख्याओं के हर को बराबर कर परिमेय संख्याओं की तुलना
परिमेय संख्याओं की तुलना करने के लिए दी गई परिमेय संख्याओं के अंश तथा हर में आवश्यक शून्येतर (नॉन जीरो) संख्या को गुणा कर उनके हर को बराबर किया जाता है, तथा जिस परिमेय संख्या का अंश बड़ा हो, वह परिमेय संख्या बड़ा तथा जिसका अंश छोटा हो, वह छोटा माना जाता है।
उदाहरण
(1) `1/2` तथा `1/3` की तुलना करें
यहाँ दी गई संख्यां है `1/2` तथा `1/3`
इन दोनों परिमेय संख्याओं के हर 2 तथा 3 का लघुत्तम समापवर्तक होता है 3 × 2=6
अत: `1/2 = (1xx3)/(2xx3)=3/6`
तथा, `1/3 = (1xx2)/(3xx2) = 2/6`
अब चूँकि `3/6` तथा `2/6` के अंश में 6 बड़ा है अत:
`3/6` > `2/6`
या, `1/2` > `1/3`
अर्थात `1/2` बड़ा है `1/3` से।
(2) `(–1)/2` तथा `1/3` की तुलना करें
हम जानते हैं कि ऋणात्मक संख्या धनात्मक से छोटा होता है।
यहाँ दी गई परिमेय संख्याओं `(–1)/2` तथा `1/3` में `(–1)/2` ऋणात्मक परिमेय संख्या है।
अत: स्पष्टत: `(–1)/2` छोटा है `1/3` से
या, `(–1)/2` < `1/3`
बज्र गुणन विधि द्वारा दी गई दो परिमेय संख्याओं की तुलना
(1) परिमेय संख्या `3/5` तथा `6/7` की तुलना करें।
दी गयी परिमेय संख्या हैं, `3/5` तथा `6/7`
बज्र गुणन करने पर
`3xx7` तथा `6xx5`
⇒ 21 तथा 30
स्पष्ट है कि 21 < 30
अत: `3/5` < `6/7`
अर्थात, `3/5` छोटा है `6/7` से|
दो परिमेय संख्याओं के बीच की परिमेय संख्याएँ
दो परिमेय संख्याओं के बीच की परिमेय संख्याएँ निकालने की विधि
(1) परिमेय संख्याओं 3 तथा 5 के बीच 3 परिमेय संख्या निकालें
हल
दी गई परिमेय संख्याएँ हैं, 3 तथा 5
चरण: 1. इन दी गई संख्याओं को `p/q` के रूप में लिखें
`3 = 3/1` तथा `5=5/1`
चरण: 2. दी गई संख्याओं के बीच जितनी परिमेय संख्या निकालना है उसमें 1 जोड़ें।
चूँकि दी गई परिमेय संख्याओं के बीच 3 परिमेय संख्या निकालना है, अत: 3+1 = 4
चरण: 3. दी गई परिमेय संख्याओं के अंश तथा हर को 4 से गुणा करें।
`3/1 = (3xx4)/(1xx4) = 12/4`
तथा, `5/1 = (5xx4)/(1xx4) = 20/4`
चरण 4. अब प्राप्त परिमेय संख्याओं के बीच की तीन (प्रश्न में ज्ञात किया जाने वाला) परिमेय संख्यां को निकालें।
स्पष्टत: `12/4` तथा `20/4` के बीच परिमेय संख्याएँ हैं,
`13/4`, `14/4`, `15/4`, `16/4`, `17/4`, `18/4`, तथा `19/4`
इनमें से कोई भी तीन परिमेय संख्यां लिया जा सकता है।
उदाहरणार्थ, `13/4`, `14/4`, तथा `15/4`
(2) `1/2` तथा `3/4` के बीच की चार परिमेय संख्या निकालें।
हल
दी गई परिमेय संख्याएँ हैं, `1/2` तथा `3/4`
चूँकि इन दी गई परिमेय संख्याओं के बीच 4 परिमेय संख्या निकालना है, अत: दोनों के अंश तथा हर को 4+1=5 से गुणा करें।
`1/2=(1xx5)/(2xx5) = 5/10`
तथा, `3/4=(3xx5)/(4xx5)=15/20`
अब प्राप्त परिमेय संख्याओं, `5/10` तथा `15/20` के हर का लघुत्तम = 20 होता है, अत: दोनों परिमेय संख्याओं के हर को 20 के बराबर करने के लिए अंश तथा हर में आवश्यक पूर्ण संख्या से गुणा करें।
`5/10 = (5xx2)/(10xx2) = 10/20`
तथा, `15/20 = (15xx1)/(20xx1) = 15/20`
अब प्राप्त परिमेय संख्याएँ है, `10/20` तथा `15/20`
अब प्राप्त परिमेय संख्याओं के बीच प्रश्न में मांगी हुई चार परिमेय संख्यां निकालें,
अत: `10/20` तथा `15/20` के बीच चार परिमेय संख्याएँ है:
`11/20`, `12/20`, `13/20`, तथा `14/20`
अत: दी गई परिमेय संख्याओं, `1/2` तथा `3/4` के बीच 4 परिमेय संख्याएँ हैं,
`11/20`, `12/20`, `13/20`, तथा `14/20`
संदर्भ (Reference):