वर्ग सात गणित

सरल समीकरण

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एनसीईआरटी गणित प्रश्नावली 4.4 हल भाग:2

प्रश्न संख्या (2) निम्नलिखित को हल कीजिए

(a) अध्यापिका बताती है कि उनकी कक्षा में एक विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गये अधिकतम अंक, प्राप्त किए न्यूनतम अंक का दुगुना जमा 7 है। प्राप्त किए गये अधिकतम अंक 87 हैं। प्राप्त किए गये न्यूनतम अंक क्या है?

हल

दिया गया है, प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = 87

तथा विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = न्यूनतम अंक + 7

अत: प्राप्त किए गये न्यूनतम अंक = ?

मान लिया कि प्राप्त किये गये न्यूनतम अंक = p

अत: प्रश्न के अनुसार,

चूँकि, विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = न्यूनतम अंक + 7

⇒ 87 = p + 7

इस समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2p + 7 = 87

अब दोनों पक्षों में से 7 को घटाने पर

⇒ 2p + 7 – 7 = 87 – 7

⇒ 2p = 80

दोनों पक्षों में 2 से भाग देने पर

2p/2 = 80/2

⇒ p = 40

अत: प्रात किएय गये न्यूनतम अंक = 40 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = 87

तथा विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = न्यूनतम अंक + 7

अत: प्राप्त किए गये न्यूनतम अंक = ?

मान लिया कि प्राप्त किये गये न्यूनतम अंक = p

अत: प्रश्न के अनुसार,

चूँकि, विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गये अधिकतम अंक = न्यूनतम अंक + 7

⇒ 87 = p + 7

इस समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 2p + 7 = 87

इस प्राप्त समीकरण में 7 दायें पक्ष में ले जाने पर अर्थात स्थानापन्न करने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +7 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 7 हो जाता है।

⇒ 2 p = 87 – 7

⇒ 2p = 80

अब 2 को दायें पक्ष में ले जाने पर अर्थात स्थानापन्न करने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 2 जो बायें पक्ष में p के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/2 हो जायेगा।

⇒ p = 80/2

⇒ p = 40

अत: प्राप्त किये गये न्यूनतम अंक = 40 उत्तर

(b) किसी समद्विबाहु त्रिभुज में आधार कोण बराबर होते हैं। शीर्ष कोण 400 है। त्रिभुज के आधार कोण क्या हैं? (याद कीजिए कि त्रिभुज के तीनो कोणों का योग 1800 होता है।)

हल

दिया गया है, समद्विबाहु त्रिभुज में आधार कोण बराबर होते हैं।

मान लिया कि दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज के आधार का एक कोण = b

अत: आधार का दूसरा कोण = b [चूँकि दोनों आधार के कोण बराबर हैं]

दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्ष कोण = 400

किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग = 1800

अत: इस समद्विबाहु त्रिभुज के आधार कोण = ?

मान लिया कि दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज के आधार का एक कोण = b

अब हम जानते हैं, तथा प्रश्न में भी दिया गया है

किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग = 1800

अत: शीर्ष कोण + आधार का कोण + आधार का कोण = 1800

⇒ 400 + b + b = 1800

⇒ 400 + 2b = 1800

दोनों पक्षों में से 400 को घटाने पर

⇒ 400 + 2b = 1800 – 400

⇒ 2b = 1400

दोनों पक्षों में 2 से भाग देने पर

2b/2 = 140o/2

⇒ b = 700

अत: त्रिभुज के आधार का प्रत्येक कोण = 700 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि से हल)

दिया गया है, समद्विबाहु त्रिभुज में आधार कोण बराबर होते हैं।

मान लिया कि दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज के आधार का एक कोण = b

अत: आधार का दूसरा कोण = b [चूँकि दोनों आधार के कोण बराबर हैं]

दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्ष कोण = 400

किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग = 1800

अत: इस समद्विबाहु त्रिभुज के आधार कोण = ?

मान लिया कि दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज के आधार का एक कोण = b

अब हम जानते हैं, तथा प्रश्न में भी दिया गया है

किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग = 1800

अत: शीर्ष कोण + आधार का कोण + आधार का कोण = 1800

⇒ 400 + b + b = 1800

⇒ 400 + 2b = 1800

इस प्राप्त समीकरण में 400 को दायें पक्ष में ले जाने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +400 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 400 हो जाता है।

⇒ 2b = 1800 – 40

⇒ 2b = 1400

अब 2 को दायें पक्ष में ले जाने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 2 जो बायें पक्ष में b के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/2 हो जायेगा।

⇒ b = 140o/2

⇒ b = 700

अत: दिये गये समद्विबाहु त्रिभुज के आधार का प्रत्येक कोण = 700 उत्तर

(c) सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या राहुल द्वारा बनाए गये रनों की संख्या की दुगुनी है। उन दोनों द्वारा मिलकर बनाये गये कुल रन एक दोहरे शतक से 2 रन कम हैं। प्रत्येक ने कितने रन बनाए थे?

हल

दिया गया है, सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या की दुगुनी

सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या + राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 200 – 2 = 198

अत: सचिन और राहुल द्वारा बनाये गये रनों की अलग अलग संख्या = ?

मान लिया राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = r

अत: प्रश्न के अनुसार, सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या की दुगुनी

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2r

अब प्रश्न के अनुसार,

सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या + राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 200 – 2 = 198

⇒ 2 r + r = 198

⇒ 3r = 198

अब दोनों पक्षों को 3 से भाग देने पर

⇒ r = 198/3

⇒ r = 66

अत: राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 66

अब चूँकि सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2 × राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2 × 66 = 132

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 132 और राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 66 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि से हल)

दिया गया है, सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या की दुगुनी

सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या + राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 200 – 2 = 198

अत: सचिन और राहुल द्वारा बनाये गये रनों की अलग अलग संख्या = ?

मान लिया राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = r

अत: प्रश्न के अनुसार, सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या की दुगुनी

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2r

अब प्रश्न के अनुसार,

सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या + राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 200 – 2 = 198

⇒ 2 r + r = 198

⇒ 3r = 198

दिये गये समीकरण में 3 को दायें पक्ष में ले जाने पर, अर्थात स्थानापन्न करने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 3 जो बायें पक्ष में r के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/3 हो जायेगा।

⇒ r = 198/3

⇒ r = 66

अत: राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 66

अब चूँकि सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2 × राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 2 × 66 = 132

अत: सचिन द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 132 और राहुल द्वारा बनाये गये रनों की संख्या = 66 उत्तर

(d) समिता के माँ की उम्र 34 वर्ष है। आज से दो साल बाद समिता के माँ की उम्र समिता के वर्तमान उम्र से 4 गुनी हो जायेगी। समिता की वर्तमान उम्र कितनी है? [अंग्रेजी माध्यम की किताब में दिये गये प्रश्न संख्या 2 (c) का हिंदी रूपानतरण]

हल

दिया गया है, समिता के माँ की वर्तमान उम्र = 34 वर्ष

तथा समिता के माँ की वर्तमान उम्र, आज से दो वर्ष बाद = समिता की वर्तमान आयु × 4

अत: समिता की वर्तमान आयु (उम्र) = ?

मान लिया कि समिता की वर्तमान आयु = p

तथा आज से दो वर्ष बाद समिता के माँ की आयु = समिता के माँ की वर्तमान आयु + 2

अर्थात आज से दो वर्ष बाद समिता के माँ की आयु = 34 + 2 = 36

अत: प्रश्न के अनुसार,

4 × आज से दो वर्ष बाद समिता की वर्तमान आयु = समिता के माँ की आयु आज से दो वर्ष बाद

⇒ 4 p = 34 + 2

⇒ 4p = 36

दोनों पक्षों में 4 से भाग देने पर

4p/4 = 36/4

⇒ p = 9

अत: समिता की वर्तमान आयु = 9 वर्ष

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, समिता के माँ की वर्तमान उम्र = 34 वर्ष

तथा समिता के माँ की वर्तमान उम्र, आज से दो वर्ष बाद = समिता की वर्तमान आयु × 4

अत: समिता की वर्तमान आयु (उम्र) = ?

मान लिया कि समिता की वर्तमान आयु = p

तथा आज से दो वर्ष बाद समिता के माँ की आयु = समिता के माँ की वर्तमान आयु + 2

अर्थात आज से दो वर्ष बाद समिता के माँ की आयु = 34 + 2 = 36

अत: प्रश्न के अनुसार,

4 × आज से दो वर्ष बाद समिता की वर्तमान आयु = समिता के माँ की आयु आज से दो वर्ष बाद

⇒ 4 p = 34 + 2

⇒ 4p= 36

अब 4 को दायें पक्ष में ले जाने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 4 जो बायें पक्ष में p के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/4 हो जायेगा।

⇒ p = 36/4

⇒ p = 9

अत: समिता की वर्तमान आयु = 9 वर्ष उत्तर

प्रश्न संख्या (3) निम्नलिखित को हल कीजिए:

(i) इरफान कहता है कि उसके पास परमीत के पास जितने कंचे हैं उनके पाँच गुने से 7 अधिक कंचे हैं। इरफान के पास 37 कंचे हैं। परमीत के पास कितने कंचे हैं?

हल

दिया गया है, इरफान के पास कंचे की संख्या = 37

तथा इरफान के पास कंचे की संख्या = 5 × परमीत के पास कंचे की संख्या + 7

अत: परमीत के पास कंचे की संख्या = ?

मान लिया कि परमीत के पास कंचे की संख्या = p

अत: प्रश्न के अनुसार

इरफान के पास कंचे की संख्या = 5 × परमीत के पास कंचे की संख्या + 7

⇒ 37 = 5 × p + 7

⇒ 5p + 7 = 37

अब दोनों पक्षों से 7 को घटाने पर

⇒ 5p + 7 – 7 = 37 – 7

⇒ 5p = 30

दोनों पक्षों में 5 से भाग देने पर

5p/5 = 30/5

⇒ p = 6

अत: परमीत के पास कंचे की संख्या = 6 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, इरफान के पास कंचे की संख्या = 37

तथा इरफान के पास कंचे की संख्या = 5 × परमीत के पास कंचे की संख्या + 7

अत: परमीत के पास कंचे की संख्या = ?

मान लिया कि परमीत के पास कंचे की संख्या = p

अत: प्रश्न के अनुसार

इरफान के पास कंचे की संख्या = 5 × परमीत के पास कंचे की संख्या + 7

⇒ 37 = 5 × p + 7

⇒ 5p + 7 = 37

अब इस समीकरण में 7 को दायें पक्ष में ले जाने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ + 7 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 7 हो जाता है।

⇒ 5p = 37 – 7

⇒ 5p = 30

अब 5 को दायें पक्ष में ले जाने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 5 जो बायें पक्ष में p के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/5 हो जायेगा।

⇒ p = 30/5

⇒ p = 6

अत: परमीत के पास कंचे की संख्या = 6 उत्तर

(ii) लक्ष्मी के पिता की आयु 49 वर्ष है। उनकी आयु लक्ष्मी की आयु के तीन गुने से 4 वर्ष अधिक है। लक्ष्मी की आयु क्या है?

हल

दिया गया है, लक्ष्मी के पिता की आयु = 49 वर्ष

और लक्ष्मी के पिता की आयु = 3 × लक्ष्मी की आयु + 4

अत: लक्ष्मी की आयु = ?

मान लिया की लक्ष्मी की आयु = a वर्ष

अत: प्रश्न के अनुसार

लक्ष्मी के पिता की आयु = 3 × लक्ष्मी की आयु + 4

⇒ 49 वर्ष = 3a + 4

⇒ 3a + 4 = 49

दोनों पक्षों से 4 को घटाने पर हम पाते हैं कि

⇒ 3a + 4 – 4 = 49 – 4

⇒ 3a = 45

दोनों पक्षों में 3 से भाग देने पर हम पाते हैं कि

3 a/3 = 45/3

⇒ a = 15

अत: लक्ष्मी की आयु = 15 वर्ष उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, लक्ष्मी के पिता की आयु = 49 वर्ष

और लक्ष्मी के पिता की आयु = 3 × लक्ष्मी की आयु + 4

अत: लक्ष्मी की आयु = ?

मान लिया की लक्ष्मी की आयु = a वर्ष

अत: प्रश्न के अनुसार

लक्ष्मी के पिता की आयु = 3 × लक्ष्मी की आयु + 4

⇒ 49 वर्ष = 3a + 4

⇒ 3a + 4 = 49

उपरोक्त समीकरण में 4 को दायें पक्ष में ले जाने अर्थात स्थानापन्न करने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +4 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 4 हो जाता है।

⇒ 3a = 49 – 4

⇒ 3a = 45

अब उपरोक्त समीकरण में 3 को दायें पक्ष में ले जाने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 3 जो बायें पक्ष में a के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/3 हो जायेगा।

⇒ a = 45/3

⇒ a = 15

अत: लक्ष्मी की आयु = 15 वर्ष उत्तर

(iii) सुंदरग्राम कि निवासियों ने अपने गाँव के एक बाग में कुछ पेड़ लगाए। इनमें से कुछ पेड़ फलों के पेड़ थे। उन पेड़ों की संख्या, जो फलों के नहीं थे, फलों वाले पेड़ों की संख्या के तिगुने से 2 अधिक थी। यदि ऐसे पेड़ों की संख़्या, जो फलों के नहीं थे, 77 हैं, तो लगाये गये फलों के पेड़ों की संख्या क्या थी?

हल

दिया गया है, ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 77

तथा ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = ?

मान लिया कि फलों वाले पेड़ों की संख्या = t

अत: प्रश्न के अनुसार,

ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

77 = 3 × t + 2

⇒ 77 = 3t + 2

उपरोक्त समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 3t + 2 = 77

उपरोक्त समीकरण के दोनों पक्षों में से 2 को घटाने पर हम पाते हैं कि

⇒ 3t + 2 – 2 = 77 – 2

⇒ 3t = 75

अब दोनों पक्षों को 3 से भाग देने पर

⇒ 3t × 1/3 = 75/3

⇒ t = 25

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = 25 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की पक्षांतरण विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 77

तथा ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = ?

मान लिया कि फलों वाले पेड़ों की संख्या = t

अत: प्रश्न के अनुसार,

ऐसे पेड़ों की संख्या जो फलों के नहीं थे = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

77 = 3 × t + 2

⇒ 77 = 3t + 2

उपरोक्त समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 3t + 2 = 77

अब इस समीकरण में 2 को दायें पक्ष में ले जाने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +2 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 2 हो जाता है।

⇒ 3t = 77 – 2

⇒ 3t = 75

अब इस समीकरण में 3 को दायें पक्ष में ले जाने पर अर्थात स्थानापन्न करने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 3 जो बायें पक्ष में t के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/3 हो जायेगा।

⇒ t = 75/3

⇒ t = 25

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = 25 उत्तर

(iv) माया, मधुरा और मोहनिसा दोस्त हैं और एक ही क्लास में पढ़ती हैं। क्लास में लिए गयी परीक्षा में भूगोल में माया को कुल 25 अंकों में से 16 अंक मिलते हैं और मधुरा को 20 अंक मिलते हैं। यदि तीनों को मिलने वाले अंकों का औसत 19 है, तो मोहनिसा को कितने अंक मिले? [अंगरेजी माध्यम की किताब के प्रश्न संख्या 3 (iii) का हिंदी रूपांतरण]

हल

दिया गया है, माया के अंक = 16

तथा मधुरा के अंक = 20

तीनों के औसत अंक = 19

अत: मोहनिसा को मिले अंक = ?

मान लिया कि मोहनिसा को मिला अंक = m

चूँकि तीनों को मिलने वाले अंकों का औसत = 19

अत: कुल अंक = 3 × 19 = 57

अत: कुल अंक = माया को मिले अंक + मधुरा को मिले अंक + मोहनिसा को मिले अंक

⇒ 57 = 16 + 20 + m

इस समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 16 + 20 + m = 57

⇒ 36 + m = 57

दोनों पक्षों से 36 को घटाने पर

⇒ 36 + m – 36 = 57 – 36

⇒ m = 21

अत: मोहनिसा को मिले अंक = 21 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, माया के अंक = 16

तथा मधुरा के अंक = 20

तीनों के औसत अंक = 19

अत: मोहनिसा को मिले अंक = ?

मान लिया कि मोहनिसा को मिला अंक = m

चूँकि तीनों को मिलने वाले अंकों का औसत = 19

अत: कुल अंक = 3 × 19 = 57

अत: कुल अंक = माया को मिले अंक + मधुरा को मिले अंक + मोहनिसा को मिले अंक

⇒ 57 = 16 + 20 + m

इस समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर

⇒ 16 + 20 + m = 57

⇒ 36 + m = 57

इस समीकरण में 36 को दायें पक्ष में ले जाने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +36 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 36 हो जाता है।

⇒ m = 57 – 36

⇒ m = 21

अत: मोहनिसा को मिले अंक = 21 उत्तर

(v) सुंदरग्राम कि निवासियों ने अपने गाँव के एक बाग में कुल 102 पेड़ लगाए। इनमें से कुछ पेड़ फलों के पेड़ थे। उन पेड़ों की संख्या, जो फलों के नहीं थे, फलों वाले पेड़ों की संख्या के तिगुने से 2 अधिक थी। लगाये गये फलों के पेड़ों की संख्या क्या थी? [अंगरेजी माध्यम की किताब के प्रश्न संख्या 3 (iv) का हिंदी रूपांतरण]

हल

दिया गया है, पेड़ों की कुल संख्या = 102

वैसे पेड़ जो फलों के नहीं थे, की संख्या = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = ?

मान लिया कि फलों वाले पेड़ों की संख्या = f

अत: प्रश्न के अनुसार, बिना फलों वाले पेड़ों की संख्या = 3 × f + 2

तथा, पुन: प्रश्न के अनुसार,

फलों वाले पेड़ों की संख्या + बिना फलों वाले पेड़ों की संख्या = 102

⇒ 3f + 2 + f = 102

⇒ 4f + 2 = 102

दोनों पक्षों से 2 को घटाने पर हम पाते हैं कि

⇒ 4f + 2 – 2 = 102 – 2

⇒ 4f = 100

दोनों पक्षों में दो से भाग देने पर हम पाते हैं कि

⇒ f = 100/4

⇒ f = 25

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = 25 उत्तर

दिये गये समीकरण को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

दिया गया है, पेड़ों की कुल संख्या = 102

वैसे पेड़ जो फलों के नहीं थे, की संख्या = 3 × फलों वाले पेड़ों की संख्या + 2

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = ?

मान लिया कि फलों वाले पेड़ों की संख्या = f

अत: प्रश्न के अनुसार, बिना फलों वाले पेड़ों की संख्या = 3 × f + 2

तथा, पुन: प्रश्न के अनुसार,

फलों वाले पेड़ों की संख्या + बिना फलों वाले पेड़ों की संख्या = 102

⇒ 3f + 2 + f = 102

⇒ 4f + 2 = 102

उपरोक्त समीकरण में 2 को दायें पक्ष में ले जाने पर

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +2 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 2 हो जाता है।

⇒ 4f = 102 – 2

⇒ 4f = 100

अब उपरोक्त समीकरण में 4 को दायें पक्ष में ले जाने पर

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 4 जो बायें पक्ष में f के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/4 हो जायेगा।

⇒ f = 100/4

⇒ f = 25

अत: फलों वाले पेड़ों की संख्या = 25 उत्तर

प्रश्न संख्या (4) निम्नलिखित पहेली को हल कीजिए:

मैं एक संख्या हूँ, मेरी पहचान बताओ!

मुझे सात बार लो, और एक पचास जोड़ो!

एक तिहरे शतक तक पहुँचाने के लिए आपको अभी भी चालीस चाहिए!

हल

प्रश्न के अनुसार, एक संख्या × 7 + 50 + 40 = 300

अत: संख्या = ?

मान लिया कि दी गयी संख्या = n

अत: प्रश्न के अनुसार समीकरण

n × 7 + 50 + 40 = 300

⇒ 7n + 90 = 300

दोनों पक्षों से 90 को घटाने पर हम पाते हैं कि

⇒ 7n + 90 – 90 = 300 – 90

⇒ 7n = 210

दोनों पक्षों में 7 से भाग देने पर हम पाते हैं कि

7 n/7 = 210/7

⇒ n = 30

अत: संख्या = 30 उत्तर

दिये गये प्रश्न को हल करने की वैकल्पिक विधि (स्थानापन्न विधि)

प्रश्न के अनुसार, एक संख्या × 7 + 50 + 40 = 300

अत: संख्या = ?

मान लिया कि दी गयी संख्या = n

अत: प्रश्न के अनुसार समीकरण

n × 7 + 50 + 40 = 300

⇒ 7n + 90 = 300

अब इस उपरोक्त समीकरण में 90 दायें पक्ष में ले जाने पर हम पाते हैं कि

[जब किसी चर या अचर राशि को एक पक्ष से दूसरे पक्ष में ले जाया जाता है, तो इसका चिन्ह बदल जाता है, अर्थात यदि कोई राशि एक पक्ष में धनात्मक हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह ऋणात्मक हो जाता है। तथा यदि कोई राशि एक पक्ष में ऋणात्मक रूप में हो, तो दूसरे पक्ष में ले जाने पर यह धनात्मक रूप में बदल जाता है।]

अत: यहाँ +90 को दायें पक्ष में ले जाने पर यह – 90 हो जाता है।

⇒ 7n = 300 – 90

⇒ 7n = 210

अब इस समीकरण में 7 को दायें पक्ष में ले जाने पर हम पाते हैं कि

जब किसी नम्बर या चर राशि, जो एक पक्ष में गुणात्मक रूप में हो, को एक पक्ष से दूसरी तरफ ले जाया जाता है यह दूसरी ओर जाकर हर के रूप में बदल जाता है।

अत: यहाँ 7 जो बायें पक्ष में n के साथ गुणा के रूप में है को दायें पक्ष में ले जाने पर 1/7 हो जायेगा।

⇒ n = 210/7

⇒ n = 30

अत: संख्या = 30 उत्तर

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संदर्भ (Reference):
क्लास सातवीं गणित पाठ्य पुस्तक के एनसीईआरटी प्रश्नावली 4.4 के प्रश्न संख्या 2 से 4 तक का हल