प्रश्न संख्या (1) निम्नलिखित प्रक्रमों के अंतर्गत होने वाले परिवर्तनों को भौतिक अथवा रासायनिक परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत कीजिए।
(क) प्रकाश संश्लेषण
(ख) जल में शक्कर को घोलना
(ग) कोयले को जलाना
(घ) मोम को पिघलाना
(च) ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र (फॉइल) बनाना।
(छ) भोजन का पाचन
उत्तर
(क) प्रकाश संश्लेषण एक रासायनिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
प्रकाश संश्लेषण में हरे पेड़-पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड तथा मिट्टी से जल लेकर सूर्य की उपस्थिति में भोजन, अर्थात ग्लूकोज का निर्माण करते हैं। चूँकि इसमें रासायनिक प्रतिक्रिया होती है तथा नये पदार्थ का निर्माण होता है, अत: प्रकाश संश्लेषण एक रासायनिक परिवर्तन है।
उत्तर
(ख) जल में शक्कर को घोलना : यह एक भौतिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
शक्कर को जल में घोलने पर शक्कर के महीन कण पूरे जल में मिल कर उसे मीठा कर देता है। इस प्रक्रिया में किसी नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है। जल और शक्कर के मिश्रण से वाष्पीकरण की विधि द्वारा पुन: हम शक्कर को वापस पा सकते हैं, अर्थात यह परिवर्तन एक उत्क्रमणीय परिवर्तन है। अत: यह एक भौतिक परिवर्तन है।
(ग) कोयले को जलाना : यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
किसी भी वस्तु को जलाने पर रासायनिक परिवर्तन होता है। कोयले को जलाने में चूँकि कई नये पदार्थ बनते हैं। अत: कोयले को जलाना एक रासायनिक परिवर्तन है।
(घ) मोम को पिघलाना : एक भौतिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
मोम को पिघलाने पर कोई नया पदार्थ नहीं बनता है, बल्कि केवल मोम के भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। मोम को पिघलाने पर यह ठोस से द्रव में परिणत होता है। पिघले हुए मोम से हम पुन: ठोस मोम प्राप्त कर सकते हैं। अत: यह एक भौतिक परिवर्तन है।
(च) ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र (फॉइल) बनाना : एक भौतिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र बनाने पर केवल उसके आकार में परिवर्तन होता है, इसमें कोई नया पदार्थ नहीं बनता है। अत: एलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र बनाना एक भौतिक परिवर्तन है।
(छ) भोजन का पाचन : एक रासायनिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
पाचन के पश्चात भोजन ग्लूकोज में परिणत हो जाता है, अर्थात भोजन के पाचन के बाद एक नया पदार्थ बनता है। अत: यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
प्रश्न संख्या (2) बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं अथवा असत्य। यदि कथन असत्य हो तो, अपनी अभ्यास पुस्तिका में उसे सही करके लिखिए।
(क) लकड़ी के लट्ठे को टुकड़ों में काटना एक रासायनिक परिवर्तन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर असत्य
सत्य कथन: लकड़ी के लट्ठे को टुकड़ों में काटना एक भौतिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
लकड़ी के लट्ठे को टुकड़ों में काटने पर भी वह लकड़ी ही रहता है, इस प्रक्रिया में किसी नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है। अत: यह एक भौतिक परिवर्तन है।
(ख) पत्तियों से खाद का बनना एक भौतिक परिवर्तन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर : असत्य
सत्य कथन पत्तियों से खाद का बनना एक रासायनिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
पत्तियों के खाद बनने से एक नया पदार्थ बनता है। पत्तियों के खाद बनने में रासायनिक क्रिया शामिल होती है। अत: पत्तियों का खाद बनना एक रासायनिक परिवर्तन है।
(ग) जस्ते (जिंक) लेपित लोहे के पाइपों में आसानी से जंग नहीं लगती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर सत्य
ब्याख्या
जंग लगने के लिए लोहे का लम्बे समय तक जल तथा ऑक्सीजन के सम्पर्क में रहना आवश्यक है। लोहे के पाइपों पर जस्ता का लेपन, जिसे गैल्वनाइजेशन कहा जाता है, करने से जस्ता की परत लोहे के पाइप को जल तथा ऑक्सीजन के सम्पर्क में आने से बचाती है, जिससे ऐसे पाइपों में जंग नहीं लगता है।
(घ) लोहा और जंग एक ही पदार्थ हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर असत्य
सत्य कथन : लोहा और जंग दो पदार्थ हैं।
ब्याख्या
लोहा, लोहा है, जबकि जंग लोहे का ऑक्साइड है। अत: दोनों दो पदार्थ हैं।
(च) भाप का संघनन रासायनिक परिवर्तन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर सत्य
ब्याख्या
भाप के संघनन से वह तरल अर्थात जल में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया में केवल भाप के भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। अत: यह एक भौतिक परिवर्तन है, रासायनिक परिवर्तन नहीं।
प्रश्न संख्या (3) निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों को भरिए:
(क) जब कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो यह __________ के बनने के कारण दूधिया हो जाता है।
उत्तर
जब कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो यह कैल्शियम कार्बोनेट के बनने के कारण दूधिया हो जाता है।
(ख) खाने के सोडे का रासायनिक नाम __________ है।
उत्तर
खाने के सोडे का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट या सोडियम बाइकार्बोनेट है।
(ग) ऐसी दो विधियाँ, जिसने द्वारा लोहे को जंग से बचाया जा सकता है __________, और __________ हैं।
उत्तर
ऐसी दो विधियाँ, जिसने द्वारा लोहे को जंग से बचाया जा सकता है, पेंटिग और गैल्वनाइजेशन हैं।
(घ) ऐसे परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं, जिनमें किसी पदार्थ के केवल __________ गुणों में परिवर्तन होता है।
उत्तर
ऐसे परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं, जिनमें किसी पदार्थ के केवल भौतिक
गुणों में परिवर्तन होता है।
(च) ऐसे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ बनते हैं, __________ परिवर्तन कहलाते हैं।
उत्तर
ऐसे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ बनते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं।
प्रश्न संख्या (4) जब नींबू के रस में खाने का सोडा मिलाया जाता है, तो बुलबुले बनते हैं और गैस निकलती है। यह किस प्रकार का परिवर्तन है? समझाइए।
उत्तर
जब नींबू के रस में खाने का सोडा मिलाया जाता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनता है, जो बुलबुलों के रूप में निकलते हैं। चूँकि इस प्रक्रिया में नया पदार्थ बनता है, अत: यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
प्रश्न संख्या (5) जब कोई मोमबत्ती जलती है, तो भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। इन परिवर्तनों की पहचान कीजिए। ऐसे ही किसी ज्ञात प्रक्रम का एक और उदाहरण दीजिए जिसमें भौतिक और रासायनिक दोनों परिवर्तन होते हैं।
उत्तर
जब मोमबत्ती जलती है, तो इसमें सर्वप्रथम मोम पिघलता है, उसके पश्चात मोम जलता है।
मोम का पिघलना एक भौतिक परिवर्तन है, चूँकि इसमें केवल मोम की भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है।
मोम का जलना, अन्य जलने की तरह ही एक रासायनिक परिवर्तन है, क्योंकि मोम के जलने में नये पदार्थ, यथा रोशनी, उष्मा, कार्बन डाइऑक्साइड गैस, आदि बनते हैं।
कोयले का जलना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया का उदाहरण है, जिसमें दो परिवर्तन होते हैं, भौतिक परिवर्तन तथा रासायनिक परिवर्तन।
कोयले के जलने में सर्वप्रथम उसमें विद्यमान जल; वाष्प में परिणत होता है, तत्पश्चात कोयला जलता है। इसमें कोयले में विद्यमान जल का वाष्प में परिणत होना भौतिक परिवर्तन है तथा कोयले का जलना रासायनिक परिवर्तन है।
प्रश्न संख्या (6) आप यह कैसे दिखाएँगे कि दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है।
उत्तर
दूध से दही के जमने में नया पदार्थ; दही बनता है, जिसके गुण दूध से बिल्कुल अलग होते हैं। दही से पुन: दूध नहीं प्राप्त किया जा सकता है।
चूँकि दही का जमना एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है तथा इसमें एक नया पदार्थ बनता है, अत: दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है।
प्रश्न संख्या (7) समझाइए कि लकड़ी के जलने और उसे छोटे टुकड़ों में काटने को दो भिन्न प्रकार के परिवर्तन क्यों माना जाता है।
उत्तर
लकड़ी के जलने में नये पदार्थ बनते हैं, यथा उष्मा, रोशनी, कार्बन डाइऑक्साइड गैस, आदि। इसके साथ ही यह एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है, चूँकि जलाने के बाद हम लकड़ी को वापस नहीं पा सकते हैं।
अत: लकड़ी का जलना एक रासायनिक परिवर्तन है।
वहीं लकड़ी को छोटे टुकड़ों में काटने पर भी वह लकड़ी ही रहता है, इसमें किसी नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है, तथा लकड़ी के केवल भौतिक गुण, उसके आकार में परिवर्तन होता है।
अत: लकड़ी को छोटे टुकड़ों में काटना एक भौतिक परिवर्तन है।
प्रश्न संख़्या (8) कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल कैसे बनाते हैं, इसका वर्णन कीजिए।
उत्तर
प्रयोगशाला में कॉपर सल्फेट का क्रिस्टल निम्नांकित तरीके से बनाये जाते हैं:
(क) सर्वप्रथम एक बीकर लेकर उसे लगभग आधा जल से भर दिया जाता है।
(ख) इस जल में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूंदे मिला दी जाती हैं, तथा जल को गर्म करना शुरू किया जाता है।
(ग) जल का उबलना शुरू हो जाने पर उसमें कॉपर सल्फेट का चूर्ण जल को लगातार चलाते हुए मिलाया जाता है।
(घ) जब कॉपर सल्फेट जल में घुलना बंद कर देता है, तो कॉपर सल्फेट का चूर्ण मिलाना बंद कर दिया जाता है।
(च) इसके बाद घोल (विलयन) को छन्ना पत्र की मदद से छान लिया जाता है।
(छ) अब विलयन को बिना हिलाये डुलाये (बिना किसी डिस्टरबेंस) के किसी मेज पर रखकर ठंढ़ा होने के लिए छोड़ दिया जाता है।
(ज) कुछ समय पश्चात विलयन में कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
(झ) विलयन के पूरी तरह ठंढ़ा हो जाने पर कॉपर स्ल्फेट के क्रिस्टल को अलग कर लिया जाता है।
इस तरह प्रयोगशाला में कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल को बनाया जाता है।
प्रश्न संख्या (9) समझाइए कि लोहे के गेट को पेंट करने से उसका जंग लगने से बचाव किस कारण से होता है।
उत्तर
जंग लगने के लिए लोहे का जल या हवा में उपस्थित नमी तथा ऑक्सीजन के लगातार सम्पर्क में रहना आवश्यक है। अत: यदि किसी भी प्रकार लोहे से बनी वस्तुओं को हवा उपस्थित नमी या जल तथा ऑक्सीजन के सम्पर्क में आने से रोक दिया जाय, तो उसका जंग से बचाव किया जा सकता है।
पेंट करने के बाद लोहे की गेट पर पेंट की एक परत जम जाती है। पेंट की यह परत लोहे के गेट को वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा नमी के सम्पर्क में आने से रोकती है। वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा नमी के सम्पर्क में नहीं रहने के कारण लोहे का गेट या लोहे से बनी कोई भी वस्तु में जंग नहीं लगता है। यही कारण है कि लोहे से बनी वस्तुओं को समय समय पर पेंट किया जाता है।
इस तरह पेंट कर लोहे की गेट का जंग से बचाव किया जाता है।
प्रश्न संख्या (10) समझाइए कि रेगिस्तानी क्षेत्रों की अपेक्षा समुद्रतटीय क्षेत्रों में लोहे की वस्तुओं में जंग अधिक क्यों लगती है।
उत्तर
जंग लगने के लिए लोहे का जल या हवा में उपस्थित नमी तथा ऑक्सीजन दोनों के लगातार सम्पर्क में रहना आवश्यक है। अधिक नमी वाले क्षेत्रों में, यथा समुद्र-तटीय क्षेत्रों की हवा में, जल की अधिक मात्रा रहती है, वहीं रेगिस्तानी ईलाके में मौसम शुष्क रहने के कारण वायुमंडल में नमी की मात्रा बहुत ही कम होती है।
रेगिस्तानी क्षेत्रों में जलवायु में नमी की मात्रा कम रहने के कारण, वहाँ लोहे की वस्तुएँ नमी के सम्पर्क में समुद्र तटीय क्षेत्रों की अपेक्षा कम रहती है।
यही कारण है कि रेगिस्तानी क्षेत्रों की अपेक्षा समुद्र तटीय क्षेत्रों में लोहे की वस्तुओं में जंग अधिक लगती है।
प्रश्न संख्या (11) हम रसोई में जिस गैस का उपयोग करते हैं, वह द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी. या LPG) कहलाती है। सिलिंडर में LPG द्रव के रूप में होती है। सिलिंडर से बाहर आते ही यह गैस में परिवर्तित हो जाती है (परिवर्तन A); फिर यही गैस जलती है (परिवर्तन B)। निम्नलिखित कथन इन परिवर्तनों से संबंधित है। सही कथन का चयन कीजिए।
(क) प्रक्रम – A एक रासायनिक परिवर्तन है।
(ख) प्रक्रम – B एक रासायनिक परिवर्तन है।
(ग) प्रक्रम – A और प्रक्रम – B दोनों ही रासायनिक परिवर्तन हैं।
(घ) इनमें से कोई भी प्रक्रम रासायनिक परिवर्तन नहीं है।
उत्तर
(ख) प्रक्रम – B एक रासायनिक परिवर्तन है।
ब्याख्या
एल.पी.जी का गैस में बदलना एक भौतिक परिवर्तन है, इसमें केवल द्रवित गैस की भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। जबकि गैस का जलना एक रासायनिक परिवर्तन है, क्योंकि गैस के जलने से नये पदार्थ बनते हैं और गैस का जलना एक रासायनिक प्रतिक्रिया है।
अत: विकल्प (ख) प्रक्रम – B एक रासायनिक परिवर्तन है। सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या (12) अवायवीय जीवाणु जैविक अपशिष्ट पदार्थों को अपघटित कर जैव गैस (बायोगैस) बनाते हैं (परिवर्तन A)। फिर जैव गैस ईंधन के रूप में जलाई जाती है (परिवर्तन B)। निम्नलिखित कथन इन परिवर्तनों से संबंधित हैं। सही कथन चुनिए।
(क) प्रक्रम – A एक रासायनिक परिवर्तन है।
(ख) प्रक्रम – B एक रासायनिक परिवर्तन है।
(ग) प्रक्रम – A और प्रक्रम – B दोनों ही रासायनिक परिवर्तन हैं।
(घ) इनमें से कोई भी प्रक्रम रासायनिक परिवर्तन नहीं है।
उत्तर
(ग) प्रक्रम – A और प्रक्रम – B दोनों ही रासायनिक परिवर्तन हैं।
ब्याख्या
जैविक अपशिष्ट पदार्थों का अपघटन एक रासायनिक प्रतिक्रिया है। जैविक अपशिष्ट के अपघटन से नया पदार्थ बनता है। अपघटन के बाद जैविक पदार्थों को वापस नहीं पाया जा सकता है, अर्थात जैविक पदार्थों का अपघटन एक अनुत्क्रमणीय तथा रासायनिक परिवर्तन है।
उसी प्रकार जैव गैस या किसी भी पदार्थ का जलना एक रासायनिक परिवर्तन है, चूँकि जलने से नये पदार्थ बनते हैं।
अत: जैविक अपशिष्ट का अपघटन तथा जैव गैस का जलना, दोनों रासायनिक परिवर्तन हैं।
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